संभोग, सेक्सी कहानी- भाग दो – बड़े घराने, परदेशी, बीजी या नपुंसक पतियों की पत्नियाँ कैसे पाती यौनसुख- प्लेबॉय, जिगोलो

Amit Srivastav

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संभोग, सेक्सी कहानी - भाग तीन - बड़े घराने, परदेशी, बीजी या नपुंसक पतियों की पत्नियाँ कैसे पाती यौनसुख - प्लेबॉय जिगोलो

विस्तर पर पड़ी मोटी तौलिया सुप्रिया कि तपते पार्ट के हलाहल गाढ़े रस धार से पूरी तरह गीला हो गया, सुप्रिया की तपती भूमि से चमचमाती मधुर सुगंधित गाढ़ी रस धार कि गंगा खुबसूरत योनी मुखमंडल से बह रही थी।

संभोग, सेक्सी कहानी- भाग दो - बड़े घराने, परदेशी, बीजी या नपुंसक पतियों की पत्नियाँ कैसे पाती यौनसुख- प्लेबॉय, जिगोलो

दो सालों का इकठ्ठा सुप्रिया का रस… छलाछल तीन राउंड जो निकल चुका था ! के साथ अमित कि पहले राउंड का वो चरमसुख गाढ़ा रस सुप्रिया के नस-नस को तृप्ति कर तपती भूमि को सराबोर कर मिश्रित हो निकल रहा था। तृप्त सुप्रिया अपने हाथ पैर को फैलाये प्यार भरी नज़रों से अमित को देखते बार-बार कह रही थी यार आज मेरी जनम को सफल कर दिए हो ये तन-मन सदैव तुम्हारा रहेगा अब मुझपर बस तुम्हारा ही हक है। अमित ने दो सालों से तपती भूमि में सुप्रिया के तीसरे फ्लाव पर जब अपनी उमंगी बेग को छोड़ा था, तब सुप्रिया का नस-नस तृप्ति का एहसास कर लिया। सुप्रिया की गले में अपनी बाहें डाल उठाकर बोला चलो जान अब फ्रेस हो लो नास्ता तो करवा दिया फिर खाना और अच्छा से खिलाऊंगा, सुप्रिया आश्चर्य भरी नज़र से अमित को देखते हुए बोल पड़ी यार इतना अभी नास्ता था, बाप रे…! यार जीवन में इतना आनंद कभी भी नहीं मिला था, अब तो यार तुम्हारा पाकर लगता है, अब तक मुझे नपुंसक ही मिलें थे। मै डलवाने के लिए जब बेचैन थी तब भी तूं कतरा कतरा मेरी निप्पल को चूसता रहा नस-नस फट रही थी जैसे लग रहा था तुम्हारे बिना डाले ही मै पिघल कर बह जाउंगी ऐसा तो मुझे कभी भी नहीं हुआ था। मेरा पती तो थोड़ा छूआ भी नहीं कि डालने के लिए बेचैन हो जाता है और अंदर जब डाल देता मुझे दर्द भी होता है और थोड़ी गीली होती उससे पहले ही उसका निकल जाता है। सच मे अब तक मुझे नपुंसक ही मिले थे। अमित कि बाहों में लिपटी बातें करते हुए सुप्रिया ने कहा मुझे सदा के लिए अपना लो यार बस मुझे जीवन का यह चरम सुख के अलावा कुछ भी नहीं चाहिए, तुम्हारी पूरी खर्च भी मेरी तनख्वाह से चल जायेगी। अमित बेड से अपनी बाहों में लिए उठने का इशारा किया। कहा चलो पहले फ्रेश हो लो होठों को चुमते हुए अमित कि बाहों के सहारे सुप्रिया उठ एक साथ फ्रेस होने बाथरूम में गई, जहां सुप्रिया की कामाग्नि भाग से गाढ़ा रस टपकता ही जा रहा था ! दोनों एक दूसरे के अंगो का प्यार दुलार करते फ्रेस हुए, एक दूसरे की मस्त अंगो को ढंकने के लिए नाइट सूट पहनाये। क्यूँकि वैयरा का आने का समय साढ़े दस बज चुका था। डिनर की तैयारी करनी थी। तब तक बैयरा डिनर में डिमांड के मुताबिक पैकिंग लाकर कमरे का बेल बजाया, अमित दरवाजे की कुंडी खोल दरवाजे पर खड़े बैयरा से डिनर का पैकिंग लिया और काजू वाली दो ग्लास दूध केशर भांग मिश्रित के लिए आर्डर दिया। डिनर करते अमित ने कहा मुझे बालपन से सेक्स का प्रेक्टिकली ज्ञान देने वाली मेरी जान जो मुझे न पाकर इस दुनिया को छोड़ चली गई, उसकी तलाश पता नहीं पूरी कब होगी, उसके अलावा अभी तक मुझे तुम्हारी तुलनात्मक कोई और नहीं मिली, तुम्हारे जैसा ही गठा शरीर कामुक अंग… तब तक सुप्रिया अपनी हाथों से एक निवाला अमित के मुख में डालते बोल पड़ी सौम्या की तरह मै भी मस्त जिन्दगी जी रही थी, किन्तु शादी की बंधन में बंध कर अपना सब कुछ खो दी वक्त के थपेड़े ने मुझे तोड़ दिया, अब तो एक दूसरे को मिल ही गये जिन्दगी फिर से रंगीन हो जायेगी… अमित ने चौंक कर कहा, क्या ? सच कह रही हूँ डार्लिंग, इतना कहकर सुप्रिया अपनी नाइट शूट निकाल बेड की एक कोने में फेक अमित की गोद में बैठ अपनी निप्पल को अमित के रसीले गालों पर दबा बोल पड़ी मै ही तो हूं तुम्हारी अंतिम पड़ाव जिसकी तलाश में थे ! सुप्रिया अमित कि भावनाओं को भांप चुकी थी, ने कहा ईश्वर ने तुम्हारी तलाश मे तुम्हें मुझे दे दिया, मुझे अपनी तलाश समझ स्वीकार कर लो…! सुप्रिया ने फिर कहा मुझे जैसे लगता है पिछले जनम का तुम्हारे साथ रिश्ता है, कुछ याद तो दिलाओ मुझे ! अब अमित बचपन की कहानी थोड़ी बता दी, सुप्रिया को सब समझ, बहुत जल्द आ गई। सुप्रिया अमित की बचपन की साथी विन्दु के रूप में अपने को पेश करने की कोशिश करने लगी ! अपनी हाथों से अमित को खिलाने लगी, फिर दोनों एक दूसरे को अपनी हाथों से खिलाया। डिनर के साथ ही दोनों अभी पानी पी हाथों को धूल ही रहे थे, कि सुप्रिया की कामाग्नि पुनः प्रज्वलित होने लगी। अब मन ही मन सुप्रिया विन्दु के रूप में अमित के साथ खेलना चाहती थी।

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सुप्रिया की कामेच्छा जागृत, को भांपते अमित को देर नही लगी। उसका भी सांप फुफकार मारते फन काढे़ पूरी तरह कठोर हो गया। एक दूसरे के होठों से होठ मिलने लगे फिर अमित अपनी हाथों से सुप्रिया के अंगो को सहलाते स्तन को अपने मुख में ले लिया, दोनों एक दूसरे के अंगो को सहलाते बेचैन होने लगे, सुप्रिया के नीचे पार्ट अमृत कलश से मादकता टपकने लगी अभी आधा घंटा भी नही बिता था, कि कुदरत ने कामाग्नि को फिर से भड़काने लगी। कुछ समय ऊपर भाग से खेलते खेलते एक दूसरे में समाहित होने के लिए बेचैन हो रहे थे, कि सुप्रिया कह पड़ी डार्लिंग मेरे जिस्म की ज्वालामुखी उबलने लगी है। जल्दी डालों हमारे इस प्यारे फुफकारते अपनी पार्ट से ऊसर पड़ी भूमि को सींचते रहो। जैसे मेरी पिछले जनम में सिचा करते थे, वर्ना तड़प तड़प कर फिर मर जाऊंगी। अमित ने कहा, मेरी जान तुम्हें तडपाने के लिए सौम्या ने मुझे नही दी है ! इस बार अमित कि गोद में बैठे-बैठे ही फुफकार मारते फंन को सुप्रिया अपने प्राइवेट पार्ट मे डाल हिलोरें मारने लगी। अमित सुप्रिया के अंगों को सहलाने लगा। उत्तेजित सुप्रिया जोर जोर से हिंडोले मारती और बेतहाशा चीख रही थी। पूरा कमरा सुप्रिया की चिचकार से गुंज रहा था, कामाग्नि पूरी तरह प्रज्वलित थी, इस बार लगभग बीस मिनट में ही चरम सुख की ओर जा रही थी कि दूघ का ग्लास बैयरा लेकर आया और दरवाजे की बेल बजाई, इधर सुप्रिया चरमोत्कर्ष पर थी कि बोली, बोल दो डार्लिंग बोल दो थोड़ी देर बाद लाना, तब तक सुप्रिया का फ्लाव हो गया। जकड़ को छोडते धीरे-धीरे शांत होते अमित को अपनी जकड़ से ढीले करने लगी कि अमित दूसरी बेल पर बोला आ रहा हूं, थोड़ा रूके रहो ! जल्दी से अमित नाइट सूट ऊपर से डाल दरवाजा खोल दूध ले लिया। सुप्रिया ने दूघ की खासियत पूछी, अमित ने बताया तपती भूमि में जितनी प्यास है, इस दूध को पिकर जब खेलोगी तब बुझा पाने में समर्थ हो जाओगी। सुप्रिया ने कहा जान आज तो वैसे भी जीवन का अनमोल सुख तुमसे मिला है, मुझे ऐसा नहीं लगता था इतना भी छमतावान पुरुष होते हैं, जो औरत की कामाग्नि को इतनी अच्छी से तृप्त कर चरमसुख दे, हारे बगैर तुम तो मुझे चार बार लगातार हरा दिये। सौम्या जब पूरी रात के लिए कह रही थी तब मै सोच रही थी। पांच मिनट के काम के लिए पूरी रात कि बात क्यूं कर रही है ? तब अमित ने कहा, सौम्या जी पूरी रात निकालने ही नही देती हैं ! धीरे-धीरे ही करो लेकिन करते ही रहो, उनके साथ कोई और टिकने वाला भी तो नहीं मिलता। उनका पति जब आ जाता है, तब बहुत दुखी रहती हैं, मेरे लिए तड़पती हैं। अपनी आधी से अधिक तनख्वाह महिने का तीसो हजार रुपए तो हमारे ऊपर ही खर्च करती हैं। जब से मैं मिला, उन्हें ! हमारे अलावा कोई और पसंद भी नही आता, जबकि जो भी जिगोलो प्लेबॉय का काम में लगा हुआ है, सेक्स कला की जानकारी सबको है। फिर भी कोई एक से दो घंटा ही यौनसुख दे पाता है। अमित की बातों और उसकी सेक्स कला से सुप्रिया पूरी तरह संतुष्ट और प्रभावित हो चुकी थी। डिनर के बाद सुप्रिया अपने चौथे राउंड का सेक्स पूरी कर काजू केशर भांग मिश्रित दूध की ग्लास उठाई एक ग्लास अमित के हाथों में दे ग्लास से ग्लास मिला कर बोल पड़ी चियर्स, तुम्हारी हमारी दोस्ती पक्की ! एक दूजे की तलाश पूरी होने के लिये। सुप्रिया मदमस्त थी, एक ही सुर में ग्लास का दुध खत्म कर अपनी नाईट सूट निकाल फेंकी, यह उत्तेजना देख अमित की भी कामाग्नि पुनः प्रज्वलित हो गई, रास्ते में खरीदा गया स्प्रे, खोला बिस्तर सहित दोनों के अंगों पर मारा यह देख सुप्रिया पूछ पड़ी ये क्या कर रहे हो? तब अमित ने कहा अपने फुंफकारते सांप और तुम्हारी तपती भूमि पर, रती की सौख – इत्र छिड़क रहा हूं अब इत्र की सुगंध से तुम रती की देवी चरमोत्कर्ष की प्राप्ति लगातार भोर होने तक कर सकोगी… अब अलग अलग कला का प्रदर्शन करते अगला राउंड शुरु होना था, जो लगातार मिठे मिठे तृप्त एहसास के साथ चरम सुख भोर तक चलने वाला था। अमित ने कामकला का अनोखा ज्ञान देते हुए कहा, सुप्रिया जब उत्तेजना ज्यादा प्रबल हो जाए तो अपने आप पर कंट्रोल किया करो। इससे ज्यादा समय तक खेल पाने में सफल रहोगी। आधी रात बाकी है और चार बार अपनी तपती भूमि को रस से सराबोर कर चुकी हो। तीन फ्लाव के बाद तुम खेल पाने की स्थिति में नहीं आ पाओगी, तुम्हें इतना तो पता ही होगा, लगातार औरतों के लिए सात राउंड और पुरुषों के लिए तीन राउंड ही रस फ्लाव हो सकता है। अब सुप्रिया एक बजे रात्री से अपनी चार फ्लाव के बाद तीसरे राउंड के लिए तैयार थी, अमित के बताएं अनुसार वैसे ही खेलना शुरू की जब ज्यादा उत्तेजित होती चिचकारने लगती, उसकी चिख से कमरा गूंजने लगता, तब अमित धीरे-धीरे सुप्रिया को शांत किया करता था।

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तीसरे राउंड में काजू वाली दुध में केशर, भांग मिश्रण का भी कमाल था। इस राउंड में खेल एक साथ ही बिना किसी के फ्लाव चार-पांच घंटे चलने वाला था। ऐसी की ठंडी के आगे भी शरीर पसीने से भिग जा रहा था। अमित के अंग-अंग से प्यार दुलार करते एक ही बात कह रही थी, मुझे सदा के लिए अपना लो लेकिन इस बात पर अमित कोई जबाव नहीं दे पा रहा था। उसकी बातें काट खेलता रहा। सुप्रिया को जीवन में पहली बार ऐसा सुख मिला था, जो चरमोत्कर्ष था ! अमित अपनी इच्छा से अपनी फ्लाव करने वाला था। सुप्रिया का गोरा बदन छरहरा देह कामुक अंग अमित को प्रभावित कर रहा था। अमित कईयों लड़कियों औरतों के साथ अनेकों रात बिताया था लेकिन सुप्रिया का हर एक अंग सुगठित व पुष्प के समान खिला हुआ था। जब अमित अपनी उंगलियों से पहले बार ही सुप्रिया के अंगों को सहलाया पूरी शरीर सहित गुप्तांगों का अंदाजा लगा लिया था। सुप्रिया के अंगों पर जब अमित के होठों का प्रहार होता चीख जाती जैसे सुप्रिया को लगता, मुझे ऊपर से ही पिघला कर बहा दोगे तो चरमसुख कैसे भोग पाऊँगी। फिर भी नीपल को अपनी होठों से मौका पा-पा कर चूसने लगता था, तब सुप्रिया की कामाग्नि हद से ज्यादा ही प्रज्वलित हो जाती फिर तेज तेज झटके से अमित के फुंफकार भरते सुंदर मजबूत पयारे हथियार को अपने भीतर लेने लगती और उत्तेजित हो होश खो जाती कि कितना तेज झटका दे रही। चरमसुख लेते हुए भोर के पांच बजने वाले थे, कि सुप्रिया ने कहा अमित मै हार मान ली बहुत तरीका अपनाई तुम्हें हरा दूं लेकिन तुम्हें हरा पाना अब दुनिया की किसी औरत के बस की बात नही।

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सौम्या का कहना पुरी तरह सही था, तुम्हारे जैसा मर्द दुनिया में मिलने वाला शायद ही कोई हो, वास्तव में तुम्हें सेक्स की सारी कला मालूम है। जी करता है तुम सदा के लिए बस मेरे हो जाओ ! मेरी तन-मन को तृप्त करना अन्य कुछ भी करने कि जरुरत नहीं है। जब अमित सदा के लिए होने की बात नही माना तब सुप्रिया ने अपनी कसम दे इतना तक कह दी तुम्हारे नाम पर मैं अपनी जिन्दगी कुर्बान कर दूंगी, अब ! अमित दुविधा में पड़ इतना कहा ठीक है मै जब तक कोलकात्ता रहूंगा, तुम्हारी यौन जिज्ञासा को तृप्त करता रहूंगा! ऐसा कभी भी कोई कदम न उठाना जो मुझे तकलीफ दे। सुबह के बेले में सौम्या अपने पार्टनर को फीस दे बिदा कर अपनी सहेली सुप्रिया की कमरे में आईं और पूछी यार बता तुझे पूरी तृप्ति मिली या नहीं, तो अमित से बीस का चालिस वसूल करु, मुस्कुराते अन्दाज में बोली ! सुप्रिया सौम्या के गले लग अपनी बाहों में कसते हुए बोल पड़ी जान आज मुझे तुम्हारी खुशी का राज पता चला है। सच मे अमित के जैसा तृप्त करने वाला कोई नहीं हो सकता। लेकिन जान मै तो कह रही अमित सदा के लिए तुम हमारे हो जाओ मै ही तुम्हारी तलाश भी हूं ! तो ये जनाब तैयार ही नहीं हो रहे हैं। सौम्या कुछ बोलना चाही की अपनी हाथों से सौम्या को दबा आंखों से कुछ कह गयी। सुप्रिया की बातें सौम्या समझ बात बदल कही ! चल कोई बात नहीं मै भी अमित को अपने घर ही अक्सर दावत के बहाने बुला लेती हूं, तेरे पास भी दावत के बहाने रिस्तेदार बन चले जाया करेगें। अमित सौम्या के गोद में अपनी सर रख लेटे हुए दोनों सहेलियों की बात सुन रहा था, कह पड़ा ऐसा न हो किसी दिन मुझे अपने घर जाने के बाद आप दोनों का मेरे बिना जी पाना ही मुस्किल हो जाए। अमित ने कहा यौन जिज्ञासा की भूख ऐसी है जो पसंद आ गया अच्छा तृप्त कर दिया उसके अलावा अपना भी छूट जाता है। सुप्रिया ने कहा अब तो मेरी तपती भूमि को तृप्त दूसरा कोई कर भी नहीं सकता न मै किसी को छूने दूंगी! तुम्हें पाकर तो अब तक मिले सभी नपुंसक ही लगने लगे हैं। सुप्रिया और सौम्या दोनों ने अमित से अपनी इच्छा व्यक्त की अपने घर जब जाने की संभावना होगी। उससे पहले ही बता देना तुम भले ही चले जाओगे तुम्हारी निशानी जीवन जिने का आधार होगी, अमित ने कहा मतलब! सुप्रिया और सौम्या एक दूसरे की आंखों में आखें डाल एक साथ बोल पड़ी हम दोनों को मां बना कर ही जाना। अमित चौककर बोल पडा आप दोनों के पति… अभी कुछ आगे बोलने ही वाला था कि दोनों एक ही साथ बोल पड़ी उसकी चिंता मत करो, वो सब आगे की बात हम लोग निपट लेगें ! नपुंसको से एक तो कुछ होता नही अगर हो भी गया तो बच्चे भी नपुंसक ही हो सकते हैं। चलो अब निकला जाए, सुप्रिया ने अमित का कॉन्टेक्ट नम्बर ली और बुलाने पर अपनी फ्लेट पर आने का कह सौम्या के गले लग फिर एक बार तृप्त कराने की बढ़ाई दी। अब सौम्या अमित को अपनी कार में चलने को कह तीनों एक साथ होटल से बाहर निकल अपनी कार के तरफ़ चल पड़े। सुप्रिया हाय डार्लिंग का संबोधन कर अमित के हाथों में अपनी हाथ दे होले से दबा बोली- आई लभ यू, अमित जल्दी ही दावत पर बुलाऊगी! कह अपनी कार में जा बैठी। इधर सौम्या और अमित बैठ दोनों अपनी-अपनी गाड़ी स्टार्ट कर एक दूसरे को बाय करते हुए, अपने अपने रास्ते घर के तरफ़ निकल गई। रास्ते में एक रेस्टोरेंट पर सौम्या अपनी कार रोक अमित के साथ नास्ता करने चली, नास्ते में अमित की पसंद को अपनी पसंद बना, दो प्लेट नास्ते का आर्डर की, बैयरा नास्ता लाया दोनों नास्ता करते आपस में खुश मिजाजी बात शुरू किए। सौम्या ने पूछा ये बताओं हमारी सहेली अच्छा से मुझ जैसे ही तृप्त तो हुई न। अमित ने कहा थोड़ा ज्यादा देर खेलने का तरीका मालूम नही था, पहले तो जल्दी जल्दी ही अपनी गंगा बहा दी, चार राउंड बहते देख उसे खेलने का तरीका बताया फिर तो पांच घंटे तक मस्त होकर खेलती रही, पूरी तरह संतुष्ट कर दिया हूं! सौम्या ने बताया अजीत तो मजा ही किरकिरा कर दे रहा था खैर कोई बात नहीं चलो अब चलते हैं। दोनों रेस्टोरेंट से बाहर निकल कार में बैठ चलने लगे। सोमवार दिन था सौम्या को ड्यूटी भी जानी थी! कार तेजी से चलाते बातें करते चल रही थी। अमित का किराये वाली मकान जो उसके मित्र कि थी, रास्ते में आने वाला था कि बुधवार के दिन अपने फ्लेट पर दावत दे सौम्या अमित को आने का निमंत्रण दी, अमित को किस दे ले कर मकान के सामने छोड़, अपनी फ्लेट निकल गई। जब अमित बुधवार के साम सौम्या के मकान पर पहुंचा, वहां सुप्रिया भी मौजूद थी! दोनों मिलजुलकर अमित को गले लगाया और कहा आज जान हम दोनों को एक साथ तृप्त करना। सौम्या को अमित का पसंदीदा सब पहले से ही मालूम था, गर्मा गरम देशी मुर्गी के अंडे की पकौड़ी और हाफ फ्राई का प्लेट बेडरूम में अमित के पास रख दोनों खुद भी बैठ खाने खिलाने लगी। रात का करीबन आठ बज चुका था। तीन थाली में चिकन और तन्दूरी पुलाव निकाल एक साथ खाने बैठी। अब सुप्रिया और सौम्या अर्धनग्न थीं अभी अमित अपने कपड़े नही उतारा था, कि सुप्रिया ने कहा यार कपड़े तो उतार लो शर्म आ रही क्या?

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सुप्रिया और सौम्या का यौवन झिलझिले ब्राउन से अपनी प्यास का दर्शन करा रहे थे! तभी सुप्रिया अपने ही हाथों से अमित के शर्त का बटन खोलने लगी सौम्या भी क्यूं पीछे रहती पैंट का हुक खोल पैंट निकाल दी और दोनों तरफ़ से दोनों अमित के जंधे का टेक लगा बैठ गयी बारी बारी से एक दूसरे को अपनी हाथों खिलाते हुए बातें कर रहे थे। बीच-बीच में अमित के अंग को चूंम लेती, भोजन के बाद बेड पर सौम्या ने अमित का पसंदीदा स्प्रे खोला और पूरी बेड पर मार अमित के फुफकारते सांप को अपनी हाथों से सहलाते मार रही थी कि सुप्रिया ने कहा यार क्या कर रही हो! तब सौम्या मुस्कुराते हुए बोली खुराक दे रही हूं, इत्र की खुराक से प्यारा सांप फुफकारते ही रहता है फुफकार इतनी तेज होती है कि तन-मन को जला देता है। अब सुप्रिया अपनी ब्रा और चढ्ढी खुद ही निकाल फेकी तब तक सौम्या बोल पड़ी अभी इतना उत्तेजित क्यूं हो रही? पूरी रात आराम से लेना है! सुप्रिया के नग्न बदन की तपिश स्पष्ट दिख रही थी। कि सौम्या ने कहा बता अगर मै तुम्हारी चेहरे को न पढ़ पाई होती तो इतनी उग्र ज्वालामुखी में जलते जलते कुछ ही दिनों में अपनी पूरी सुन्दरता ही खो देती। अब तीनों एक दूसरे के अंगो को सहलाते और बारी बारी से उत्तेजना उग्र होने पर अमित के फुफकारते सांप को अपने मे डाल हिंडोले मार पूरी तरह तृप्त हो रही थी। कामकला का अलग-अलग रुप था। जब अमित सीधा चीत था सौम्या ठेहूने के बल बैठ उसके सांप को अपनी बील में डाल हिलोरें मार रही थी साथ ही सुप्रिया अपनी नीपल को अमित के मुख में दे तड़प रही थी कि अचानक सुप्रिया ने कहा मेरा नस-नस फट रहा जान मेरी भी कुछ सोचों तब तक अमित सुप्रिया को अपने ऊपर आने का इशारा किया। अमित अपने होठों से सुप्रिया की योनी भाग को चुचकारने लगा। जब अमित का होठ सुप्रिया के जंधे से होते हुए योनी भाग तक जाती सुप्रिया कराह जाती। सुप्रिया के उग्र ज्वालामुखी को देख अमित अपनी होठो से योनी को रगड़ने लगा बेचैनी को देख धीरे-धीरे अपनी जीभ को योनी में अंदर डाल दिया अब सुप्रिया को बहुत ही आनंददायी सुख मिलने लगी। धीरे-धीरे अमित के जीभ पर ही हिलोरें मार चिचकारने लगी सौम्या ने कहा जान देख ली हम दोनों को एक साथ हम दोनों का प्यारा अमित कैसे तृप्त कर रहा है। दुनिया का सारा कामकला बस इसे ही ज्ञात है। सुप्रिया हलाहल अपनी रस को छोड़ने लगी कि अमित ने कहा बस इतना ही जोश था, फिर सुप्रिया अमित के मुख में अपनी जीभ डाल उसके चेहरे को तौलिये से पोछते हुए कह पड़ी हम दोनों को एक साथ तृप्त करने के लिए जान ऐसे कला को अपनाया, अब सौम्या ने कहा सुप्रिया आओं अब फन का सामना करो मै भी थोड़ी अपनी जान कि जीभ का मजा ले लूं, व्यंगात्मक शब्दों में कही मुझे तो कभी दिया ही नहीं वो सुख, मुझसे अधिक अब तुम्हारा ही ख्याल रख रहा, हम दोनों का जीवन साथी। दो घंटे सौम्या हिंडोले मार सुप्रिया का रस निकल जाने पर सौम्या अमित के मुख पर चली गई और सुप्रिया अमित के सांप को अपनी मुख में ले चूसने लगी थोड़ी देर में सुप्रिया की कामाग्नि फिर प्रज्वलित हुईं तो अमित के अगो को अपने ठेहूनी के बल अपने में डाल हिलोरें मारने लगी। इधर सौम्या की योनी में अमित अपनी जीभ डाल थोड़े ही देर में सौम्या के रस धार को पिघला दिया सौम्या छटपटा कर हटने का प्रयास ही कर रही थी कि अमित जंधो को दबाए अपनी जीभ से योनि में रगड़ते रस धार निकाल किनारे कर बोला तूं भी बहुत बेचैन थी, बह गयी न! सौम्या अपने छलकते रस धार को ले अमित के ऊपर से हट तौलिये से छलके गाढ़े रस को पोछ पस्त हो गई। कहने लगी आज हम और सुप्रिया मिलकर प्लान बनाये थे, तुम्हें हराने के लिए लेकिन हम दोनों अपने को बहुत रोककर भी एक एक बार हार गई। अमित ने कहा अगर एक और को भी साथ रख ली होती तो उसका भी तुम दोनों के साथ ही बहा दिया होता। एक साथ दो क्या? चार को तृप्त करने की कला रखा हूं। धीरे-धीरे भोर का समय हो रहा था, दोनों ने कहा अमित अब बहुत हुआ तुम भी अपनी गंगा बहा लो फिर थोड़ा लिपट कर आराम से सोया जाए। अमित ने कहा तो सुप्रिया अकेले मेरी गंगा बहाओगी अपने में या सौम्या तुम्हें भी, सौम्या ने कहा यार सुप्रिया में एक बार बहा दो फिर एक बार मेरे मे जल्दी जल्दी बीना तुम्हारे रस गंगा का पान किए योनी प्यासी रह जाती है। अब अलग स्टाईल से हिलोरें मार रही सुप्रिया को अमित ने किया दोनों तेज़ तेज हिलोरें मारने लगे। तेज़ तेज चिचकार फिर सुप्रिया पिघलने लगी कुछ समय में एक साथ दोनों की रस धारा हलाहल अमृत कलश में मिलने लगा। दोनों एक साथ तृप्त हो धीरे-धीरे स्थिर हुए इधर सौम्या के अंग भी फड़फड़ा रहा था। अमित कि गालों पर चुम्बन दे होठों से होठों को मिला अपनी जीभ अमित के मुख में डाल दी अमित इधर कोमल एक हाथ से स्तन को सहला रहा था दूसरे हाथ से योनि को छेड़ने लगा कामाग्नि इतनी प्रज्वलित थी कि रस टपक रहा था। सुप्रिया अभी अमित से अलग भी नहीं हुई थी कि सांप अंदर ही फुफकार मारने लगा। सुप्रिया ने कहा – आई लभ यू मेरी जान ! अब मेरी सहेली में डाल दो मेरे बस की बात नही अब सह पाऊँ। अलग होते ही रस की गंगा अमृत कलस से छराछर बहनें लगी। सौम्या तौलिए से रोकने का इशारा कर अपनी हाथों के पास से तौलिया सुप्रिया को पकड़ा अमित के अंग को अपनी मुख में ले चूसने लगी। ज्यादा देर अपने को रोक पाना अब सौम्या के लिए मुश्किल लग रहा था।

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मन की स्थिति भांप अमित सांप को बील में डाल दिया। सौम्या की कामाग्नि पूरी तरह प्रज्वलित थी, जोर जोर से हिलोरें मारने लगी कि अमित ने कहा कितना घंटा लेना चाहोगी जान, अमित दोनों हाथों से स्तन को सहलाते हुए पूछा। सौम्या ने कहा यार लग रहा है अभी पिघलने वाली हूं लेकिन आधा घंटा में तृप्त करना अमित हिलोरें को थोड़ी धीरे किया और सुप्रिया के स्तन पर अपनी नजर, सुप्रिया को समझने में देर नहीं लगी सुप्रिया अमित के गालों के पास अपने स्तन को सटा मुख को सहलाने लगी अमित का हाथ सौम्या के स्तन पर और मुख सुप्रिया का निप्पल चूसने लगा। इस बार सौम्या चीत थी अमित अपनी जंधे पर सौम्या के जंघे को रख ठेहूनी के बल हाथों से स्तन को सहलाते मुख में सुप्रिया का स्तन चूसते सुप्रिया और सौम्या दोनों को सुख दे रहा था। जब सुप्रिया का कामाग्नि प्रज्वलित हुआ जलने लगी टप से बेड पर खडी हो अपनी रस कलश को अमित के मुख से लगा दी इधर सौम्या चीत और सुप्रिया खड़ी हो दोनों चरम सुख पाने लगी कि दोनों ने कहा एक साथ ही तीनों रस धार निकल जाए, हलाहल तो मजा बहुत आयेगा अमित ने थोड़ी ही देर बाद कहा तो अब दोनों लोगों का निकलने ही वाला है फिर मेरा क्या होगा। तब सुप्रिया सौम्या दोनों एक साथ कहीं जान अपना भी गंगा साथ साथ बहा कर संगम करा दो। थोड़े ही देर में तीनों नदियां तेज़ तेज उफान से बहनें लगी पूरा बेड संगम से तराबर हो गया। सौम्या के गले में हाथ डाल अमित उठाकर गले से लगा लिया। सुप्रिया अपनी रस कलश को छलकाते अमित के मुख को चाटने लगी। दोनों को चरम सुख दे अमित कामकला का अच्छा प्रदर्शन किया। धीरे-धीरे सुबह का समय हो गया अब दोनों तृप्ति के साथ ही पस्त भी हो गई थी। अमित को दोनों तरफ़ से बाहों में भर कर बेड पर लिपट सो गयी। अमित पहली बार एक साथ दो को तृप्त किया था। दो घंटे सोये सोये आठ बज गयें आज सुप्रिया सौम्या दोनों का अपनी-अपनी ड्यूटी जाने का प्लान कैंसिल हो गया अपनी-अपनी आफिस फोन कर छूट्टी पर रहूँगी बोल दीं। तीनों एक साथ फ्रेस हुए और नास्ता तैयार कर नास्ता किए। आज दिन अमित को रोकने का दोनों ने मन बना रोक ली कहीं अमित तुम्हारे बाहों में सोने का भी सुख चरमपार मिल रहा है आज हम दोनो को लेकर सो जाओ। अमित को भी रात का थकान ज्यादा ही हो गया था सौम्या बेड की चादर बदलीं अमित कि बाहों में बाहें डाल सोफ़े से उठाई बेड पर लेकर चली आई। कमरे कि खिडकियों को बंद कर नाइट बल्ब जलाई कपड़े निकाल सोफ़े पर फेंक दी। भाग दो के बाद आगे भाग तीन पढ़िए।

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1 thought on “संभोग, सेक्सी कहानी- भाग दो – बड़े घराने, परदेशी, बीजी या नपुंसक पतियों की पत्नियाँ कैसे पाती यौनसुख- प्लेबॉय, जिगोलो”

  1. अभी कॉल करें 000000010call meसदस्यता विवरण हाई प्रोफाइल सदस्यता
    1. जो लेडी मेंबर से खुलेंगे, उनके होटलों पर आपको जाना होगा। इस तरह से आप वो करोडपती कि महिला, बिजनेसमैन कि पत्नी, एअर-होस्टेस या फैशन मॉडल बना सकते हैं। और उनकी उम्र 20 साल से 50 साल तक होगी।
    2. दिन की मीटिंग 2 घंटे की होती है। दिन की वजह से अटेंड करने पर रुपये 18,000/- मिलते हैं।
    3. दिन की मीटिंग में लेडी मेंबर के निवास-स्थान/होटल में सेक्स करना होगा।
    4. रात की मेसेज में रुपये 25,000/- मिलते हैं। रात की फैट में लेडी में बरनिवास-स्थान/फ्लैट/महल पर शुरू होता है बॉडी मसाज के साथ उनकी सेक्स सेंसट्यूशन डायरेक्टरी होगी।
    5. एक हफ्ते में 2 ज्यादा फैट नहीं मिलता है।
    6. एक साल की सदस्यता सदस्यता है रुपये 2550, 4000 और 9500। जिस दिन सदस्यता सदस्यता जमा/आवेदन उसी दिन पहली बार हो जाता है। आपकी मर्जी से होगी.CALL NOW 00000000 call me
    अधिक जानकारी:
    जो लेडी मेंबर के साथ आपका कारोबार करेगा, वो लेडी मेंबर आपको अपहृत कर देगा, अपहृत सिर्फ कैश मे लेना होगा।
    क्लब ने दिया सदस्यता नंबर हमेशा अपने मोबाईल मे संभालकर रखेगा, क्योकी जिनके साथ आप जुड़ेंगे, उन्हें सदस्यता नंबर दिखाना होगा, तभी वह आपको अधिकृत करेगा।
    हरबार आपको आपके शहर में कौन सा एरिया लगने लगेगा वो बताएगा।
    आप जोएरिया बताते हैं कि वह एरिया के 30-50 किलोमीटर एरिया मे आपको एडिट कर देगा।
    भूल से 50% कमिशन देना होगा। इसका मतलब है कि आप जो अनाधिकृत हो जाएंगे उसका 50% जमा / हस्तांतरण होगा।
    सदस्यता शुल्क के अलावा कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना है।
    जिस दिन आप सदस्यता व्यवसाय सागर/ट्रांसफर करते हैं उसी दिन से आप जुड़ जाते हैं।
    किसी कारणवश आप मेम्बरशिप कैंसिल करना चाहते हैं तो 5 मैसेज के पहले बता देंगे। आपने जमा किया है/जमा किया है सदस्यता शुल्क आपको 50% वापस कर दिया जाएगा।
    लेकिन अगर आप 5% के बाद कहते हैं कि आपकी सदस्यता रद्द नहीं होगी, और सदस्यता खाता वापस नहीं होगा, तो आपका ऋण लिया जाएगा।

    मेम्बरशिप ज्वाइन करने का तरीका :
    1. दिए गए मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप करें और बताएं
    2. आपका पहला नाम
    3. आपकी उम्र
    4. आपके शहर का नाम
    5. आप कौनसी सर्विस लोगे : दिन / रात दोनों या
    6. आपसे काम करना होगा उनकी ज्यादा से ज्यादा उम्र कितनी होनी चाहिए?

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    कमेंट बॉक्स में आये कमेंट मैसेज से नम्बर हटाकर पब्लिश किया ताकि इस तरह के ढेरों मैसेज शोशल मीडिया से वायरल हो रहे हैं जो ठगों व हैकरों का होता है गिरोह में लडकियां औरतें भी शामिल रहती हैं तो ठगों से सावधान रहें सादर धन्यवाद पोस्ट पढ़ने के साथ ही शेयर किया करें ।

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