भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछले एक दशक से मध्यमवर्गीय जनता की उम्मीदों को तोड़ती आई है। अपने पहले कार्यकाल से लेकर दूसरे कार्यकाल तक बीजेपी ने केवल पूंजीपतियों पर ही अपना विश्वास जमाया, जिससे गोदी मीडिया को भरपूर समर्थन मिला। विपक्षी पार्टियों ने हमेशा बीजेपी पर पूंजीवाद का आरोप लगाया है, जो इस संदर्भ में सही प्रतीत होता है। फिर भी, माध्यमवर्गीय जनता बीजेपी का नारा बुलंद करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट पर पोस्ट कर रही है, जिनमें से अधिकतर कार्यकर्ता काफी सुलगे हुए हैं।
बीजेपी की वर्तमान स्थिति:

बीजेपी के पास अब खोने के लिए बहुत कम और पाने के लिए बहुत कुछ है। आरएसएस और बीजेपी के अंदरूनी तकरार के चलते भी पार्टी को नुकसान हुआ है। बीजेपी समर्थक इस बात को मानने के बावजूद नए सुधार की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने अपने में काफी सुधार किया है और 99 +134 सीटों के साथ एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रही है। इस बार कांग्रेस के मजबूत विपक्ष के कारण बीजेपी के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं। जनता भी अब बीजेपी के बरगलाने वाले मुद्दों में आने वाली नहीं है।
पूंजीवाद का आरोप:
बीजेपी पर हमेशा से पूंजीवादी पार्टी होने का आरोप लगता रहा है। यह पार्टी हमेशा अगड़ों की पार्टी मानी जाती रही है। पिछले कार्यकाल में बीजेपी के कुछ समर्थकों ने पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया है। राजनीतिक विश्लेषक भी इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री पर लगे आरोप:

नीट की परीक्षा में हुई धांधली के कारण शिक्षा मंत्री का जाना तय माना जा रहा है। तीसरे कार्यकाल में शिक्षा मंत्री पर लगे आरोप बीजेपी के लिए घातक साबित हो रहे हैं। पाक-साफ रहने वाली बीजेपी भी अब इस घेरे में आ रही है। हालांकि, बीजेपी को पसंद करने वाले अभी भी इस बात पर एक मत नहीं रखते हैं।
कांग्रेस का मजबूत विपक्ष:
इस चुनाव में कांग्रेस ने अडानी-अंबानी जैसे तगड़े मुद्दों को उठाया, जिससे बीजेपी की स्थिति खराब होती चली गई। दोस्तीकरण और ध्रुवीकरण की राजनीति को कांग्रेस ने चलने नहीं दिया, जिससे बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
मीडिया की भूमिका:

एबीसीडी जैसे गोदी चैनल और गोदी मीडिया ने सत्ता पक्ष को हरवाने में अहम भूमिका निभाई है। यह सब सोशल मीडिया में आज ऐश कर रहे हैं, जिससे बीजेपी को और भी नुकसान हुआ है।
निष्कर्ष:
बीजेपी की नीतियों और आंतरिक संघर्षों ने ही उसे इस स्थिति में ला दिया है। कांग्रेस का मजबूत विपक्ष और मीडिया की भूमिका ने बीजेपी को चुनौतीपूर्ण स्थिति में खड़ा कर दिया है। अब बीजेपी को आत्मचिंतन कर नए सुधार की ओर बढ़ना होगा।