झारखंड के गिरिडीह जिले में एक निर्माणाधीन पुल का पिलर धंसने से पूरा ढांचा धराशायी हो गया, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह घटना केवल प्राकृतिक आपदा का परिणाम है या इसमें निर्माण की गुणवत्ता की भी खामी थी। देवरी प्रखंड के कारीपहरी गांव में अरगा नदी पर बन रहा यह पुल, फतेहपुर-भेलवाघाटी सड़क को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण था। यह घटना फतेहपुर-भेलवाघाटी सड़क पर कारीपहरी गांव में स्थित पुल की है, जिसे मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया। यह घटना बिहार में पुलों के बार-बार गिरने की घटनाओं के बीच आई है, जो निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
घटिया निर्माण या बारिश का कहर?
शनिवार की शाम में हुई मूसलाधार बारिश ने अरगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ा दिया, जिससे पुल का पिलर दबाव सहन नहीं कर सका और धंस गया। इस हादसे में गार्टर टूटने के साथ ही पुल जमींदोज हो गया। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई है; बिहार में भी हाल ही में कई पुलों के गिरने की खबरें आई हैं।
सवालों के घेरे में प्रशासन:
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और निर्माण कंपनियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुल निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया था? क्या निर्माण मानकों का पालन नहीं किया गया? या फिर यह केवल मानसून की प्राकृतिक चुनौती थी? इस तरह की घटनाएं केवल तकनीकी खामियों को नहीं दर्शातीं, बल्कि निर्माण प्रक्रिया में लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करती हैं।
प्रशासन की भूमिका:

स्थानीय प्रशासन और ठेकेदारों की जिम्मेदारी होती है कि वे ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि निर्माण कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुसार हो। लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि या तो निगरानी में चूक हुई है या फिर जानबूझकर अनदेखी की गई है। भाजपा सरकार में लगातार पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसमें दोषी कौन निस्पक्ष जांच के बाद सामने आयेगा।
आगे का रणनीति:
इस तरह की घटनाएं न केवल बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर सवाल उठाती हैं बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और संसाधनों की बर्बादी को भी उजागर करती हैं। आवश्यक है कि सरकार और संबंधित एजेंसियां इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों को जवाबदेह ठहराएं। इसके साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त मानक तय करते हुए आगे की रणनीति बनाई जानी चाहिए।