उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा के खेवनहार साबित हो सकते हैं। जिस तरह से पहले चरण के चुनाव से लेकर पांचवें चरण तक के चुनाव में भाजपा की स्थिति कमजोर नजर आती हुई बताई जाती है हालांकि भाजपा उतनी कमजोर नजर नहीं आ है। चुनावी विशेषज्ञ मुद्दों पर बातें करते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ के व्यक्तित्व और उनके प्रभावशाली लोकप्रियता और शासन पर नजर डालें तो यहां पर भाजपा को फायदा दिलाते हुए योगी ही नजर आते हैं।
भाजपा का बेड़ा पार लगाएंगे योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश की स्थिति पर नजर डाले तो छठवें और सातवें चरण के चुनाव में योगी आदित्यनाथ का जलवा कायम रहेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी जनता की पहली पसंद आज भी बने हुए हैं।
अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को चुनाव के बाद भाजपा से किनारे करने की बात कह कर असल में भाजपा के लिए फायदा ही पहुंचा दिया है। उत्तर प्रदेश के सफल मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। ऐसे में यह बात यहां की जनता को अच्छा नहीं लगी। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की छटवें व सातवें चरण की सीटों पर भाजपा को फायदा होने वाला है।
अंतिम दो चरणों में भाजपा को बढ़त
छठवें और सातवें चरण में उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण सीटों पर भाजपा की बढ़त नजर आने लगी है। आपको बता दे कि लोकसभा 2024 का चुनाव जहां नरेंद्र मोदी अपने तरीके से लड़ रहे हैं तो वहीं विपक्ष महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाकर सामने नजर आ रही है लेकिन इसमें सबसे बड़ा सहारा खेवनहार भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं।
उत्तर प्रदेश की जनता योगी के साथ
हालांकि विधानसभा का चुनाव नहीं है लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता योगी के साथ आज भी बनी हुई है। इसका पूरा विश्लेषण हम आपके सामने इस आर्टिकल में प्रस्तुत करने जा रहे हैं। सबसे पहले बता दे कि छठवें और सातवें चरण के चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 27 सीटें बहुत महत्वपूर्ण हैं।
25 मई 2024 को सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में मतदान होगा।
कुछ मुद्दों की वजह से इन जगहों पर मतदाता अपना रुझान बदलने लगे हैं।
इसके अलावा आपको बता दे कि सातवें चरण का चुनाव 1 जून को होगा, इसमें उत्तर प्रदेश की 13 सीटें महत्वपूर्ण भूमिका भाजपा को जिताने में अदा कर सकती है। वाराणसी समेत पूर्वांचल की ये लोकसभा सीटें महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज की इन सीटों पर जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही थी लेकिन अब भाजपा के लिए इसमे कुछ सीटें जीतना आसान हो गई है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा का दबदबा
उत्तर प्रदेश की पॉलिटिक्स में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा पिछले कई दशकों से रहा है। राम मंदिर और हिंदुत्व भी एक प्रभावशाली मुद्दा उभर कर सामने आया है। इसके साथ ही इन मुद्दों में योगी आदित्यनाथ बहुत पॉप्युलर हैं। यही नहीं अच्छी शासन व्यवस्था और अपराधियों में भय का डंका चारों तरफ बज रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों में चाहे वह बीएसपी रही हो, या सपा जनता इनके शासनकाल में गुंडागर्दी और माफिया से परेशान थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तोड़ किसी के पास नहीं है। उत्तर प्रदेश में स्थिर सरकार देने वाले योगी आदित्यनाथ जनता की पहली पसंद बने हुए हैं। नरेंद्र मोदी को योगी के काम का लाभ मिल सकता है। केंद्र में उत्तर प्रदेश से अधिक से अधिक सीटें उन्हें मिलने की उम्मीद है।
अपराध मुक्त शासन व्यवस्था
जिस तरह से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को लोग पसंद करते हैं, उसी तरह से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को भी लोग पसंद करते हैं। दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले योगी आदित्यनाथ की पापुलैरिटी बहुत अधिक है। सांसद रहते जनहितैषी मुद्दा उठाने वाले वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संविदा कर्मी और पुरानी पेंशन बहाल की मांग करने वाले थोड़ा नाराज दिखाई दे रहे हैं। तो वही कुछ बेरोजगार युवा भी नाराज हैं।
भाजपा के नेताओं में नरेंद्र मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ की एक विशेष छवि है। हालांकि उनके राजनीतिक विरोधी भी उन्हीं की पार्टियों में हैं लेकिन इसके बावजूद भी योगी आदित्यनाथ बेहतर तरीके से उत्तर प्रदेश को चला रहे हैं जिसे जनता पसंद कर रही है।
केंद्र में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा फीका पड़ता हुआ नजर आ रहा है। इन दो चरणों के चुनाव में योगी आदित्यनाथ महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। जनता योगी आदित्यनाथ के समर्थन में पूरी तरीके से नजर आ रही है क्योंकि अरविंद केजरीवाल के बयान से जनता ने भी अपना मूड बदल लिया है। उत्तर प्रदेश के 27 लोकसभा चुनाव इन फैक्टरों के कारण भाजपा के फायदे में जाती हुई नजर आ रही है।
पहली बात यह कि माफियाराज जिस तरह से दमन करने की बात योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में उठाते हैं, उससे उत्तर प्रदेश की आम जनता बहुत प्रभावित होती है। देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव में अखिलेश यादव उनसे कमतर नजर आ रहे हैं। इंडिया गठबंधन की ओर से अखिलेश यादव भाजपा पर भारी पड़ते हुए नजर आ रहे लेकिन ऐसा नहीं है। जबकि विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव का चेहरा नहीं चला इसका कारण यह है कि योगी आदित्यनाथ अपने इस बात को हमेशा दोहराते रहते हैं कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में गुंडे माफिया हावी रहे हैं। सरकारी नौकरी में भ्रष्टाचार के मामले भी उठाते रहते हैं। उत्तर प्रदेश में जनता समाजवादी पार्टी का शासनकाल देख चुकी है ऐसे में योगी पर जनता अभी भी विश्वास करती है।
हालांकि योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में गवर्नमेंट जॉब पारदर्शी मानी गई है लेकिन बार-बार पेपर लीक एक बड़ी समस्या है।
यह एक मुद्दा है लेकिन इतना प्रभावशाली मुद्दा नहीं है। हालांकि चुस्त दुरुस्त शासन व्यवस्था के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ सब की पहली पसंद बने हुए हैं इसलिए इसका फायदा नरेंद्र मोदी को मिलने वाला है। बचे दो चरणों के चुनाव में योगी आदित्यनाथ के कारण 27 सीटों में भाजपा को अच्छी बढ़त मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश : अंतिम दो चरणों में भाजपा की स्थिति
केंद्र की सत्ता में वही जाता है जो उत्तर प्रदेश में अपने को बेहतर कर ले। यहां पर हम उत्तर प्रदेश की राजनीति का विश्लेषण करते हुए आपको बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भाजपा का बेड़ा पार लगाने वाले साबित हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में 50 प्लस सीटें आती है तो इसका श्रेय योगी आदित्यनाथ को जाएगा। अंतिम दो चरण में उत्तर प्रदेश के 27 सीटें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। अंतिम दो चरणों के चुनाव में बीजेपी का दबदबा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश की जनता योगी के प्रभाव में और उनके बेहतरीन प्रशासनिक व्यवस्था की तारीफ करती हुई नजर आती है। इसलिए भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले प्रभावशाली चेहरे में योगी
आदित्यनाथ अपनी अहम भूमिका में नजर आ रहे हैं।
जिस पर अरविंद केजरीवाल ने बयान देकर भारतीय जनता पार्टी में फूट डालने की कोशिश की लेकिन जनता इस चालाकी को अच्छी तरीके से समझ गई। हालांकि बयानबाजी राजनीति के ताने-बाने होते हैं लेकिन जो अच्छा काम करता है, उसे गलत बयान बाजी से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ एक बड़े कद नेता के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ नरेंद्र मोदी व अमित शाह के बाद तीसरे नंबर के बड़े नेता के रूप में मीडिया और जनता में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। ऐसे में योगी आदित्यनाथ के भाषण और उनके कॉन्फिडेंस स्तर को देखें तो पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के दमदार नेताओं में उनकी गिनती होती है, ऐसे में जनता भी उन्हें पसंद करती है। चरण दर चरण वोटिंग प्रतिशत उत्तर प्रदेश में बढ़ने का कारण भी यही रहा है, जिससे कि भाजपा को फायदा होता हुआ नजर आ रहा है। एनालिसिस रिपोर्ट एके पांडेय।