देवरिया। भाटपार रानी, विद्युत विभाग में एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा तहसील स्तर पर 21 घंटे विद्युत सप्लाई होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन भाटपार रानी में वास्तविकता बिल्कुल उलट है। प्रतिदिन, दिनभर और रातभर विद्युत तार टूटने की समस्या बनी रहती है। नगर की ध्वस्त विद्युत आपूर्ति और लो वोल्टेज की समस्या को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेमलता गुप्ता ने बताया संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने पर वह एलटी वायर की कमी का हवाला देते हैं।
नगर में ठेकेदार को जो केवल का टेंडर दिया गया है, वह बहुत ही धीमी गति से काम कर रहा है। भाटपार रानी विद्युत उपकेंद्र पर 100 मीटर एलटी वायर भी नहीं है, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित होने की दशा में उपयोग कर सुचारू रूप से दी जा सके। अवर अभियंता अपने कर्मचारियों की समस्याओं का रोना रो रहे हैं। जहां दसों कर्मी होते थे वहां एक दो गिने-चुने कर्मी रह गए हैं। सरकार खाली जगहों को भरने से कतरा रही है और दो कर्मियों से दसों कर्मियों के बराबर काम कराने का अधूरा सपना देख जनता की हितैषी बनने की खोखला दावा कर रही है। पूरे उत्तर प्रदेश में ध्वस्त विद्युत व्यवस्था की बात अभी विपक्ष द्वारा लोकसभा में उठाया गया लेकिन सत्तापक्ष का कोई ध्यान नहीं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में भाजपा कि हार विद्युत आपूर्ति व लो वोल्टेज की समस्या का अहम कारण है। संभावना जताई जा रही है मेल लाइन की सप्लाई को लो कराया गया है जिससे लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। न लोगों के घरों में पंखों का हवा लग रहा है न ही घरेलू मोटर से घरों कि पानी टंकी भर रही है। और मीटर की रिडिंग भरपूर चल रही है जिससे पावर कार्पोरेशन व सरकार को फायदा मिलता दिखाई दे रहा है, किन्तु आम जनता विद्युत कटौती लो वोल्टेज की समस्या से परेशान हो चुकी है। इसका खामियाजा 2027 विधानसभा चुनाव में वर्तमान सत्ता पक्ष को भुगतना पड़ेगा। जनता अब नासमझ नही है और विपक्ष सारे मुद्दों पर चर्चा कर सुधार का मांग कर रहा है।
लो वोल्टेज की समस्या के कई प्रमुख कारण सामने आए हैं।

एलटी वायर की कमी: भाटपार रानी विद्युत उपकेंद्र पर पर्याप्त एलटी वायर उपलब्ध नहीं है, जिससे बिजली सप्लाई में रुकावट आती है।
पुरानी और क्षतिग्रस्त तारें: तारों के बार-बार टूटने से सप्लाई प्रभावित होती है और लो वोल्टेज की समस्या पैदा होती है।
अधिकारियों की उदासीनता सरकार की नाकामी: संबंधित अधिकारियों की लापरवाही और सही समय पर मरम्मत न होने के कारण समस्या बनी रहती है। सरकार न कर्मियों की नियुक्ति कर रही है न आवश्यकतानुसार धन आवंटन कर रही है। इसका जीता-जागता उदाहरण लगभग दो सालों से नगर पंचायत भाटपाररानी में थाना निकट जला ट्रांसफार्मर अथक प्रयास से अब बदला गया।
ठेकेदार की धीमी गति: नगर में केबल डालने का काम बहुत ही धीमी गति से हो रहा है, जिससे स्थिति और भी बदतर हो रही है। ठेकेदार खुद का रोना रोता है कि धन आवंटन ही समय से नही हो रहा है।
ओवरलोडेड सिस्टम: विद्युत आपूर्ति की मांग बढ़ने से सिस्टम पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे वोल्टेज कम हो जाता है। आये दिन नये-नये मकान निर्माण हो रहा है और बिजली कनेक्शन बढ़ते जा रहे हैं न ट्रांसफार्मर बदला जा रहा है न तार पोल की समुचित व्यवस्था दी जा रही है। जलजल तार पोल ट्रांसफार्मर के सहारे दिन-रात फार्ट के साथ जनता बिजली के लिए परेशान हो चुकी है।
इन सभी मुद्दे पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेमलता गुप्ता अपने प्रतिनिधि विजय कुमार गुप्ता और साथियों सहित 01-08-2024 को एसडीओ और संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से वार्ता करने की योजना बनाई है ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके।