कलयुग ऐसा युग है, जहां पर ईश्वर को प्राप्त करना बहुत ही कठिन है। लेकिन हनुमान जी को आप हृदय से स्मरण करते है, तो वे अपने भक्तों के कल्याण के लिए सदैव आपको किसी न किसी रूप में मिलेंगे।
भक्तों ! कलयुग में हनुमान जी सबकी बिगड़ी बनाते हैं। हनुमान जी राम जी के सबसे बड़े भक्त हैं। भक्ति और सेवा जो हनुमान जी में है, वह शायद किसी में हो।
भक्तों ! इसीलिए कलयुग में हनुमान जी की पूजा करने से सारे दुखों का नाश होता है। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के साथ यह जीवन हनुमानजी के प्रति समर्पित हो जाता है।
रामचंद्र के काज सवारें:
श्रीराम की सहायता करने वाले हनुमान जी बहुत बलशाली हैं। राम और रावण युद्ध में बहुत अहम भूमिका निभाई।
भक्तों ! जब हनुमान जी लंका पहुंचे तो रावण ने उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया, रावण ने उनकी पूंछ में आग लगा दिया, तब हनुमान जी ने रावण की घमंड वाली सोने की लंका को ही जला दिया।
मंदोदरी ने भी कई बार समझाया कि जब एक वानर ने लंका को तहस-नहस कर दिया तो सोचो उस राम से युद्ध कैसे जीत सकोगे! तब भी रावण का मन नहीं बदला। रावण अपने घमंड में चूर हनुमान और अंगद की बातों को नहीं माना।
जय श्री राम, जय हनुमान बोलने से पूरे होंगे आपके हर काम:

भक्तों ! इस कलयुग में हनुमान जी की सच्ची पूजा करनी चाहिए और हनुमान जी की महिमा का गुणगान जरूर करना चाहिए। श्री रामचंद्र जी को हनुमान जी बहुत ही उनकी महिमा सुनकर राम जी बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं। भक्तों को राम जी का गुणगान करना चाहिए। इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और वे ऐसे भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।
इस तरह से राम और हनुमान जी की भक्ति से ही इस कलयुग में भक्तों का कल्याण होता है।
हनुमान हैं महान:
हनुमान जी अपनी सूझबूझ, बुद्धि और बल से हर समस्या का समाधान खोज निकालते थे। जब हम हनुमान जी की पूजा करते हैं तो हमारे अंदर साहस भर जाता है।
तभी तो हनुमान चालीसा में कहा गया है—जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर।
अर्थात! हनुमान ज्ञान के सागर वानर होते हैं, उन्होंने अपने ज्ञान प्रताप से तीनों लोकों को उजागर किया है।
हनुमान चालीसा का पाठ क्यों हैं जरूरी:
हनुमान चालीसा के पाठ करने से, हनुमान जी के गुण गाने से कलयुग में हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। हर मंगलवार को आप हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें। हर मंगलवार को हनुमान मंदिर की प्रतिमा के सामने बैठ हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंदिर नहीं जा सकते हैं तो अपने घर के पूजा स्थल पर ही हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ गुणगान जरूर करें। आपके अंदर साहस और शक्ति हनुमान जी भर देंगे। हनुमान चलीसा के एक-एक पंक्तियों और उसे भाव के साथ गाकर हनुमान जी की वंदना करते हैं तो साक्षात हनुमान जी आपके समक्ष उपस्थित होते हैं।
हनुमान जी की मूर्ति की तरफ़ जब आप देखते हैं तो उसमे से निकलने वाली ऊर्जा आपके हृदय में नई उमंग भर देती है। हर समस्या का हल समझ में आने लगता है, ऐसा लगता है जैसे चमत्कार हो रहा है! बस विश्वास अपने मन में जगाइए!
बजरंग बाण सफल करे आपका हर काम:
जिस तरह से हनुमान जी ने राम के सारे कार्य सफल बनाएं, उसी तरह शिव अवतारी हनुमान जी आपके काम सफल बनाएंगे।
हनुमान चालीसा के बाद बजरंग बाण का पाठ करें। बजरंग बाण की पहली पंक्ति में लिखा है-
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।
अन्यथा ना कर लिया और प्रेम से हनुमान जी का पाठ करे तो भक्तों के बिगड़े काम को भगवान बनाते हैं, पूरा करते हैं। असफलता से परेशान लोगों को सफलता जरूर मिलती है।
बजरंग बाण का पाठ करने से आने वाली समस्याओं का हल तुरंत आपको पता चलता है, यही तो श्री हनुमान जी की कलयुग में हम भक्तों पर कृपा है।
बजरंग बाण हनुमान जी की महिमा का बखान ही है। उनकी वीरता को देवता भी नमन करते हैं। उन्हें ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवों से आशीर्वाद मिला है। हनुमानजी कलयुग में विचरण करते हैं।
हनुमान जी को पसंद ये चीजें:
मंगलवार के दिन मंदिर में जाए। गेंदे की माला या पुष्प हनुमानजी को अर्पित करें, हनुमान जी को बेसन या मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। प्रार्थना में मन से मांगी गई सारी इच्छाएं हनुमान जी जरूर पूरी करते हैं। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। आपके सारे काम सिद्ध होते है।
क्यों पसंद है हनुमान जी को सिंदूर का चोला:
एक कथा प्रचलित है कि जब माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते हुए हनुमान जी ने देखा तो उन्होंने प्रश्न किया, “हे माते! आप मांग में ये सिंदूर लगाती हैं।” माता सीता ने कहा कि राम के नाम का सिंदूर है। इतना सुनते ही हनुमान जी वहां से चले गएं और फिर जब लौटकर आए तो माता सीता ने उन्हें देखकर चकित रह गईं, हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया था। हनुमान जी सिंदूर के लाल रंग में रंगे मस्ती से झूम कर गा रहे थे, जय श्रीराम! जय श्रीराम!
उन्होंने कहा माते! मुझे राम जी बहुत प्रिय हैं। तभी से यह मान्यता बन गई की हनुमान के प्रति भक्ति भाव प्रकट करने वाले भक्त उन्हें हर मंगलवार को देसी घी या चमेली के साथ सिंदूर को मिलाकर उसका लेप बनाकर हनुमान जी की मूर्ति पर लगाते हैं। किसी भी तरह के गंभीर रोग या समस्या के समाधान पाने के लिए हनुमानजी के भक्त उन्हें चोला लगाते हैं।
भक्तों ! आप भी हनुमानजी के भक्त हैं, हनुमान जी आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करें इसके लिए हनुमान की भक्ति भाव में डूब जाइए, बोलिए मेरे साथ जय श्री राम!
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