कहानी सच और झूठ

Amit Srivastav

एक बार ज्ञान की देवी माता सरस्वती पृथ्वी पर आयीं। शांत वातावरण निश्छल आत्माऐं चारों तरफ विश्वास की धारा पवित्र हवाऐं उत्तम वातावरण में माँ विचरण करने लगी, विचरण करते करते एक सुन्दर तरु के नीचे बैठकर रचना की। रचना में दो बालक थे बडे ही सुन्दर, बडे ही बुद्धिमान शक्ल सूरत कद काठी हू ब हू दोनो एक जैसे ही दिखते थे। दोनो मे से एक को पहचान पाना नामुमकिन था।

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इसलिए ज्ञान की देवी मां सरस्वती ने दोनो के लिए एक-एक लबादा बनाया एक का लाबादा काला और दूसरे का सफेद उन दोनो के नाम भी थे सच और झूठ, झूठ का लबादा काला और सच का सफेद। झूठ को सच से उसी दिन ईर्ष्या हुई जिस दिन सच के लिए वस्त्र सफेद चुने गए। झूठ सच का चोला पहनने के लिए रोज-रोज नयी-नयी चाल चलता था मगर सच के आगे एक न चलती, एक दिन जब दोनो नदी मे नहाने गए थे तब झूठ ने सच से कहा भाई आज पहले मै नहाऊगा फिर बाद मे आप नहा लेना सच अपने सरल स्वभाव के कारण मान गया और जब झूठ नहाकर बाहर आया तब सच ने अपना चोला उतार दिया और नदी मे नहाने लगा। मौका पाते ही झूठ ने अपना चोला उतारा और सच का चोला पहन लिया, सच जब नहाकर बाहर आया बोला भाई मेरा लवादा दे दो इस पर झूठ बोल पहन लो वह, यह हमारा ही चोला है, मै ही सच हूँ। सच के पास दूसरा चारा नहीं था उसने वो काला लवादा पहना और दोनो माता के पास गये।

कहानी सच और झूठ

दोनों एक ही बात बोल रहे थे मै सच हूँ, मैं सच हूँ। माँ अपनी ममता से सच और झूठ को परखना चाही फिर भी परिणाम वही मै सच हूँ, मै सच हूँ। तब माता ने एक योजना बनायी दोनो को वही खडे रहने को कहा उसी समय सच ने मन मे दुख को और झूठ ने दिखावा भरा दुःख प्रकट किया। लम्बे समय के बाद झूठ गिर पडा और सच अडिग था। क्योकि माता ने झूठ के पैर नहीं बनाये थे, यह झूठ को पता था फिर भी वह सच को झूठलाने की कोशिश में था। माता ने झूठ के पास जाकर लवादा उठाकर देखा की वो सफेद चोले मे झूठ था।
उसी काल से आज भी सफेद चोले मे झूठ पृथ्वी पर घूम रहा है। झूठ के पास दिखावा, छल, कपट, षड्यंत्र, पाप, विनाश, सब है। सच स्वयं अकेला चलता है, और झूठ ही उसका साथी है।

कहानी सच और झूठ

इसलिए कहते है झूठ मा-बाप, भाई-बहन समाज हर किसी से छल कर सकता है वो सिर्फ अवसरवादी होता है किसी का नहीं होता। यह कथा बहुत पुरानी है, इस कथा के माध्यम से बेहद कीमती सन्देश पहुँचाना चाह रहा हूँ। सच ही कहा है झूठ ने कभी अपनी माँ की न सुनी आपकी क्या सुनेगा?

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Click on the link भारतीय घोटाले को सार्वजनिक करता संपादक कि कलम नेताओं के सर झूठ व लूट की गठरी पढ़ने के लिए यहां क्लिक किजिये।

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