स्त्री क्या चाहती है: स्री को समझने की परख, उसकी इच्छाओं और स्वतंत्रता का वास्तविक महत्व

Amit Srivastav

स्त्री क्या चाहती है: स्री को समझने की परख, उसकी इच्छाओं और स्वतंत्रता का वास्तविक महत्व

सदियों से एक सवाल दुनिया में गूंज रहा है कि- स्री चाहती क्या है? What does a woman want? यह सवाल जितना सरल लगता है, इसका उत्तर उतना ही गूढ़ और रहस्यमय समझा गया। अनेक विद्वानों, संतों और विचारकों ने इस पर चर्चा की है। लेकिन असल में स्री की चाहत को समझना कठिन नहीं, बस इसे सही नजरिये से देखने की जरूरत है।
आज हम भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के देव वंश-अमित श्रीवास्तव स्त्री की चाह कि परख, स्त्री क्या चाहती है? पर आधारित एक कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें एक व्यक्ति को स्री की इच्छाओं का उत्तर देकर फांसी से बचना था, यह लेखनी हमारे समाज और रिश्तों को समझने का सबसे सटीक उदाहरण प्रस्तुत करेगी। यह लेखनी केवल एक रोचक कथा ही नहीं, बल्कि यह एक दार्शनिक और नैतिक शिक्षा है, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी प्राचीन काल में थी। तो आइये इस लेखनी को अंत तक पढ़िए शेयर किजिये ताकि स्त्री के प्रति पुरुषों में सम्मान कि भावना उत्पन्न हो सके।
कहानी कि शुरुआत: राजा का सवाल और व्यक्ति की यात्रा
एक राजा का अनोखा सवाल– प्राचीन समय की यह एक कहानी एक राज्य की है। एक व्यक्ति को किसी अपराध के लिए राजा द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई। लेकिन राजा ने उसे एक अंतिम मौका देने का निर्णय लिया। राजा ने कहा, यदि तुम मेरे एक सवाल का सही उत्तर दे सको, तो तुम्हारी सजा माफ कर दी जाएगी। सवाल यह है- स्री आखिर चाहती क्या है?
सवाल सुनते ही वह व्यक्ति चौंक गया। उसे महसूस हुआ कि यह सवाल उसके अपराध से भी कठिन है। फिर भी वह व्यक्ति राजा से कहा महाराज इस प्रश्न का उत्तर के लिए आप मुझे कुछ दिनों का समय दिजिये। राजा ने कहा ठीक है तुम्हें 20 दिनों का समय दिया जा रहा है। तुम समय का ध्यान देते हुए प्रश्न का उत्तर हमारे समक्ष प्रस्तुत करो, अन्यथा तुम्हें फांसी दे जाएगी। वह व्यक्ति उत्तर की खोज में निकल पड़ा। उसने समाज के विद्वानों, बुजुर्गों, और मित्रों से पूछा। लेकिन हर किसी का जवाब अलग था। किसी ने कहा- स्री धन चाहती है। किसी ने कहा- स्री प्रेम चाहती है। किसी ने कहा- स्री शक्ति चाहती है। और किसी ने कहा- स्त्री लालची होती है लेकिन इन उत्तरों में से कोई भी व्यक्ति को संतोषजनक नहीं लगा। वह जानता था कि गलत उत्तर उसकी मौत का कारण बन सकता है।

साधु की सलाह और चुड़ैल से मुलाकात

भटकते-भटकते वह व्यक्ति एक जंगल में पहुंचा, जहां उसे एक साधु मिला। उसने अपनी समस्या साधु को बताई। साधु ने कहा, मैं इस सवाल का उत्तर नहीं जानता, लेकिन जंगल में एक चुड़ैल रहती है। शायद वही तुम्हें इसका उत्तर दे सके। डरते-डरते वह व्यक्ति चुड़ैल के पास पहुंचा। चुड़ैल ने उसकी बात सुनकर कहा- मैं तुम्हारे सवाल का उत्तर दे सकती हूं। लेकिन इस सवाल का उत्तर जानने के लिए एक शर्त है। तुम्हें मुझसे शादी करनी होगी। यह सुनकर व्यक्ति असमंजस में पड़ गया। चुड़ैल का रूप बहुत ही भयानक था। उसका चेहरा डरावना था और वह देखने में एक विकराल छाया जैसी लग रही थी। लेकिन व्यक्ति को एहसास हुआ कि अगर उसने यह शर्त नहीं मानी, तो उसकी जान चली जाएगी। उसने हिम्मत करके चुड़ैल की शर्त स्वीकार कर ली और चुड़ैल से शादी कर लिया। शादी के बाद चुड़ैल ने व्यक्ति से एक और सवाल किया। अब तुम बताओ, मैं दिन में सुंदर बनूं या रात में? यह सवाल और भी कठिन था। अगर चुड़ैल दिन में सुंदर बनती, तो समाज के लोग उसे देखकर खुश होते, लेकिन रात में उसका भयानक रूप व्यक्ति की जिंदगी को कष्टदायक बना देता। अगर वह रात में सुंदर बनती, तो उनका व्यक्तिगत जीवन सुखमय होता, लेकिन दिन में उसे शर्मिंदगी झेलनी पड़ती। वह व्यक्ति गहरी सोच में डूब गया। अंततः उसने एक ऐसा उत्तर दिया, जो उसकी समझदारी और रिश्तों में सम्मान को दर्शाता था। उसने कहा- आप अपनी इच्छा से जो चाहें, वही करें। मैं आपकी इच्छा का सम्मान करूंगा। यह सुनकर चुड़ैल प्रसन्न हो गई। चुड़ैल बहुत प्रसन्न हुई और कही आपके प्रश्न का उत्तर आपको मिल गया। व्यक्ति ने कहा- कैसे। चुड़ैल का जबाव – क्योंकि तुमने मेरी इच्छा का सम्मान किया और मुझ पर अपनी पसंद नहीं थोपी, इसलिए मैं हमेशा के लिए सुंदर स्री बनकर रहूंगी।
इस प्रकार, व्यक्ति को स्री के सवाल का उत्तर भी मिल गया और उसकी जिंदगी भी बच गई।

राजा के सामने उत्तर और उसकी सजा माफ

व्यक्ति ने राजा के सामने जाकर उत्तर प्रस्तुत किया- स्री केवल यही चाहती है कि उसकी स्वतंत्रता और इच्छाओं का सम्मान किया जाए। राजा इस उत्तर से इतना प्रसन्न हुआ कि उसने तुरंत उसकी फांसी की सजा माफ कर दी और उसे सम्मान के साथ विदा किया।

स्त्री क्या चाहती है: स्री को समझने की परख, उसकी इच्छाओं और स्वतंत्रता का वास्तविक महत्व

स्वतंत्रता का अधिकार- इस कहानी का सबसे महत्वपूर्ण संदेश यह है कि स्री केवल यह चाहती है कि उसे अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेने का अधिकार मिले। वह चाहती है कि उसका सम्मान किया जाए और उसके विचारों को महत्व दिया जाए।
रिश्तों में सहमति और समझदारी- रिश्तों में एकतरफा निर्णय या हावी होने की प्रवृत्ति अक्सर कड़वाहट का कारण बनती है। इस कहानी में व्यक्ति ने चुड़ैल को अपनी मर्जी से निर्णय लेने का अधिकार देकर यह साबित किया कि सहमति और स्वतंत्रता ही रिश्तों की असली नींव है।
आंतरिक और बाहरी सुंदरता का तालमेल- कहानी में चुड़ैल का रूप यह सिखाता है कि स्री की आंतरिक और बाहरी सुंदरता उस पर निर्भर करती है कि उसे कितनी आजादी और सम्मान दिया जा रहा है। यदि उसे दबाया जाए, तो वह चुड़ैल बन सकती है। लेकिन यदि उसे समझा जाए और प्यार दिया जाए, तो वह रिश्ते को खुशियों और सौंदर्य से भर देती है।
स्री का महत्व- स्री केवल एक रिश्ते, परिवार या समाज की जिम्मेदारी निभाने वाली नहीं, बल्कि वह खुद एक व्यक्ति है। उसकी इच्छाएं, सपने और अधिकार भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितने किसी पुरुष के।

आज के समय में इस कहानी की प्रासंगिकता

स्री की आजादी और सामाजिक दृष्टिकोण– आज भी कई जगहों पर स्री को अपनी इच्छाओं और अधिकारों से वंचित किया जाता है। इस कहानी का संदेश है कि जब स्री को अपनी शर्तों पर जीने दिया जाता है, तो वह समाज और रिश्तों को बेहतर बना सकती है।
रिश्तों में समानता– किसी भी रिश्ते में केवल एक पक्ष का हावी होना ठीक नहीं। जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की भावनाओं और निर्णयों का सम्मान करते हैं, तभी रिश्ते मजबूत और खुशहाल होते हैं।

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कहानी का सार: स्री को समझने का सही तरीका

इस कहानी का सार यही है कि स्री को समझने के लिए किसी गहरी विद्या की आवश्यकता नहीं है। उसे केवल सम्मान और स्वीकृति चाहिए। जब आप उसकी स्वतंत्रता को मान्यता देंगे और उसकी इच्छाओं को समझेंगे, तो वह आपके जीवन में प्यार, खुशियां और सकारात्मकता लाएगी। याद रखें, स्री का सम्मान करना केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि समाज को संतुलित और सुंदर बनाने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। स्त्री सम्पूर्ण रूप से देवी दुर्गा के समान होती हैं, जो व्यक्ति स्त्री की हर एक इच्छा व्यक्त करने से पहले पूर्ण करे, पूरी तरह स्त्री को संतुष्ट रखे, उनके आशीर्वादों से पुरूष जीवन स्वर्गमय रहता है। स्त्री परिचित हो या अपरिचित उसका सम्मान करें, उसकी भावनाओं का कद्र करे, उसके द्वारा अपार खुशियां प्राप्त होना तय है। यदि यह स्त्री का गूढ़ रहस्य समझ आ जाए, तो हर स्री सुंदर बन जाती है, चाहे वह घर में हो, समाज में हो, या रिश्तों में हो। स्त्री ही पुरूष जीवन का असली सौंदर्य है। पुरूषों को किसी देवी – दुर्गा, काली, भद्रकाली आदि की पूजा-अर्चना करने से पहले अपने जीवन में विराजमान देवी स्वरूपा स्त्री की पूजा-अर्चना मतलब उसका सम्मान करें, उस पर अत्याचार न करें, न होने दें। हर एक मनोकामना पूरी होगी। यह दैवीय कृपा से प्रकाशित अकाट्य सुझाव है। अगर हमारी यह विचारणीय कहानी आपको अच्छी लगी हो तो अपनों को अधिक से अधिक शेयर करें।

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