सरोगेसी (Surrogacy) क्या है? जानिए प्रक्रिया, प्रकार, कानूनी स्थिति और फायदे

Amit Srivastav

सरोगेसी (Surrogacy) क्या है? जानिए प्रक्रिया, प्रकार, कानूनी स्थिति और फायदे

सरोगेसी (Surrogacy) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें एक महिला किसी अन्य दंपति के लिए गर्भधारण करती है। जानिए इसके प्रकार, कानूनी स्थिति, लाभ, और नुकसान।

सरोगेसी (Surrogacy) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला (सरोगेट मदर) किसी अन्य दंपति या व्यक्ति के लिए गर्भधारण करती है और बच्चे को जन्म देती है। यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए एक वरदान साबित होती है जो किसी कारणवश प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्त नहीं कर सकते।
सरोगेसी का उपयोग आमतौर पर बांझपन (infertility), स्वास्थ्य समस्याओं, या अन्य चिकित्सीय कारणों से किया जाता है। यह प्रक्रिया कानूनी और नैतिक दृष्टिकोण से कई देशों में अलग-अलग तरीके से संचालित होती है।

सरोगेसी (Surrogacy) क्या है? जानिए प्रक्रिया, प्रकार, कानूनी स्थिति और फायदे

Surrogacy का concept India में धीरे-धीरे popular हो रहा है, especially उन couples के लिए जो natural तरीके से conceive नहीं कर सकते। हालांकि, Government ने इस process को regulate करने के लिए कई laws बनाए हैं। 2021 में आया Surrogacy (Regulation) Act सिर्फ altruistic surrogacy को allow करता है, जिसका मतलब है कि surrogate mother को कोई commercial benefit नहीं मिलेगा, सिर्फ medical expenses और insurance cover किया जाएगा।

इस कानून के तहत केवल Indian married couples, जिनकी शादी को कम से कम 5 साल हो चुके हों और जिनके पास infertility का medical proof हो, वे ही surrogacy opt कर सकते हैं।
India में commercial surrogacy banned होने के कारण कई couples दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं, लेकिन legal restrictions की वजह से यह एक complex process बन चुकी है।

सरोगेसी कितने प्रकार की होती है

सरोगेसी को मुख्य रूप से दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है।

1. पारंपरिक सरोगेसी
(Traditional Surrogacy)

इस प्रक्रिया में सरोगेट मदर के स्वयं के अंडाणु (Eggs) का उपयोग किया जाता है। शुक्राणु (Sperm) दंपति या किसी दानदाता (Donor) के हो सकते हैं। इस स्थिति में, सरोगेट मदर ही जैविक (Biological) रूप से बच्चे की माँ होती है।

Surrogacy गर्भाधान कैसे किया जाता है?

यह प्रक्रिया कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) के माध्यम से की जाती है। सरोगेट मदर के अंडाणु को इच्छुक पिता (Intended Father) या किसी शुक्राणु दाता (Sperm Donor) के शुक्राणु से निषेचित किया जाता है। गर्भधारण के बाद, बच्चे के जन्म तक सरोगेट मदर उसकी देखभाल करती है।

Surrogacy गर्भाधान कि कानूनी स्थिति

कई देशों में पारंपरिक सरोगेसी को कानूनी रूप से अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि इसमें सरोगेट मदर का जैविक संबंध बच्चे से होता है।

सरोगेसी (Surrogacy) क्या है? जानिए प्रक्रिया, प्रकार, कानूनी स्थिति और फायदे

2. गर्भाशयी सरोगेसी
(Gestational Surrogacy)

इस प्रक्रिया में सरोगेट मदर का बच्चे से कोई जैविक संबंध नहीं होता। दंपति या दानदाता के शुक्राणु और अंडाणु से भ्रूण (Embryo) तैयार किया जाता है और उसे सरोगेट मदर के गर्भाशय (Uterus) में प्रत्यारोपित (Implant) किया जाता है।

Gestational Surrogacy कैसे किया जाता है?

आईवीएफ (In-Vitro Fertilization) तकनीक का उपयोग किया जाता है। इच्छुक माता-पिता (Intended Parents) के अंडाणु और शुक्राणु को लैब में निषेचित करके भ्रूण बनाया जाता है। यह भ्रूण सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। बच्चा जैविक रूप से इच्छुक माता-पिता का ही होता है, लेकिन जन्म सरोगेट मदर द्वारा दिया जाता है।

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Surrogacy की कानूनी स्थिति

कई देशों में यह विधि कानूनी रूप से मान्य है क्योंकि इसमें सरोगेट मदर का बच्चे से कोई जैविक संबंध नहीं होता।

सरोगेसी क्यों आवश्यक होती है?

सरोगेसी का सहारा विभिन्न कारणों से लिया जाता है, जिनमें शामिल हैं-

महिला में बांझपन की समस्या (Infertility) – जब कोई महिला गर्भधारण करने में असमर्थ होती है।
गर्भधारण में जोखिम (Medical Risks) – कुछ महिलाओं के लिए गर्भावस्था जानलेवा हो सकती है।
समान-लिंगी (Same-Sex) जोड़े – समलैंगिक पुरुष जोड़ों या सिंगल पेरेंट्स को संतान प्राप्ति के लिए।
बुजुर्ग दंपति (Older Couples) – जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकते।
अनुवांशिक रोग (Genetic Disorders) – यदि महिला किसी अनुवांशिक बीमारी को आगे बढ़ने से रोकना चाहती है।

सरोगेसी की कानूनी स्थिति

हर देश में सरोगेसी को लेकर अलग-अलग कानून होते हैं। कुछ देशों में “गर्भधारण कराने वाले पुरुषों” के संदर्भ में ऐसी योजनाएं नहीं हैं, लेकिन “सरोगेसी” के मामले में ऐसे कानून और नीतियां हैं, जो विशेष रूप से महिलाओं और पुरुषों के लिए लागू होती हैं। सरोगेसी में, यदि एक पुरुष और महिला अपनी संतान का गर्भवती होने के लिए किसी अन्य महिला (सरोगेट मदर) का सहारा लेते हैं, तो इस प्रक्रिया के लिए कुछ देशों में वित्तीय सहायता दी जाती है।

भारत में सरोगेसी के नियम

भारत में सरोगेसी को नियंत्रित करने के लिए सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 लागू किया गया है। इसके तहत केवल भारतीय नागरिकों को ही सरोगेसी की अनुमति दी जाती है। व्यावसायिक (Commercial) सरोगेसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल परोपकार (Altruistic) सरोगेसी की अनुमति है, जिसमें सरोगेट मदर को कोई आर्थिक लाभ नहीं दिया जाता। सरोगेट मदर केवल परिवार या करीबी रिश्तेदार हो सकती है।

जैसा मै बता चुका हूं भारत में सरोगेसी एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें पुरुष और महिला किसी सरोगेट मदर से बच्चे का जन्म कराने के लिए समझौता कर सकते हैं। हालांकि, सरोगेसी के लिए स्पष्ट कानूनी नियम और प्रक्रियाएं हैं, जिनमें सरोगेट मां को भुगतान किया जाता है, न कि पुरुष को।

दूसरे देशों में सरोगेसी की स्थिति

यूएसए अमेरिका – कई राज्यों में सरोगेसी कानूनी है और व्यावसायिक सरोगेसी भी मान्य है। अमेरिका के, कुछ राज्यों में सरोगेसी के लिए आर्थिक समझौते किए जाते हैं, जिसमें सरोगेट मदर को भुगतान किया जाता है। यहाँ भी पुरुषों को इसके बदले कोई पैसा नहीं मिलता है, लेकिन जिन पुरुषों को सरोगेसी के द्वारा संतान चाहिए, वे इसके लिए एक समझौता कर सकते हैं।

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यूके – केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति है। (यूके) ब्रिटेन में भी सरोगेसी को नियंत्रित किया जाता है, लेकिन यहाँ पर भी पुरुषों को बदले में पैसे नहीं मिलते हैं। जो लोग सरोगेसी की मदद लेते हैं, उन्हें सरोगेट मदर को केवल खर्चों के लिए भुगतान करना पड़ता है।

रूस और यूक्रेन – व्यावसायिक सरोगेसी कानूनी है।

चीन और जर्मनी – सरोगेसी पर पूर्ण प्रतिबंध है।

सरोगेसी से जुड़े फायदे और नुकसान

✅ बांझ दंपतियों को माता-पिता बनने का अवसर मिलता है।
✅ समलैंगिक जोड़ों और सिंगल पेरेंट्स को संतान प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
✅ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाली महिलाओं के लिए एक सुरक्षित विकल्प है।
❌ सरोगेट मदर और इच्छुक माता-पिता के बीच कानूनी विवाद हो सकते हैं।
❌ नैतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं करते।
❌ यदि सही चिकित्सा देखभाल न मिले, तो सरोगेट मदर और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है।

सरोगेसी एक वैज्ञानिक और कानूनी रूप से जटिल प्रक्रिया है जो उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन सकती है, जो प्राकृतिक रूप से माता-पिता नहीं बन सकते। हालांकि, इसे अपनाने से पहले कानूनी और नैतिक पहलुओं को समझना बहुत जरूरी है।
अगर आप सरोगेसी से जुड़ी किसी विशेष जानकारी की तलाश में हैं, तो संबंधित देश के कानूनों और चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श लेना सबसे अच्छा होगा। यह जानकारी एक प्रकार से जागरूकता फैलाने के लिए दी गई है।

अधिक जानकारी के लिए हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं या भारतीय हवाटएप्स कालिंग सम्पर्क नम्बर 07379622843 ईमेल asmedia.am@gmail.com पर अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क किया जा सकता है।

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"हर दंपति का सपना होता है कि वे अपने बच्चे को दुनिया में लाएं और उसके साथ खुशहाल जीवन बिताएं। लेकिन जब यह सपना किसी शारीरिक या चिकित्सीय कारणों से अधूरा रह जाता है, तब विज्ञान और मानवता का संगम सरोगेसी के रूप में एक नई आशा प्रदान करता है। सरोगेसी न केवल चिकित्सा की एक उपलब्धि है, बल्कि यह प्रेम, विश्वास और मातृत्व की एक अनूठी मिसाल भी है।
जो महिलाएं सरोगेट मदर बनती हैं, वे सिर्फ एक माँ ही नहीं, बल्कि किसी के सपनों को हकीकत में बदलने वाली शक्ति होती हैं। यह प्रक्रिया हमें यह सिखाती है कि जीवन देने की भावना किसी भी प्रकार की सीमा से परे है।
माता-पिता बनने की यात्रा भावनाओं से भरी होती है, और सरोगेसी के माध्यम से जिन दंपतियों को संतान प्राप्त होती है, उनके जीवन में एक नई रोशनी आती है। समाज को चाहिए कि वह इस प्रक्रिया को सहानुभूति और समझ के साथ देखे, ताकि अधिक से अधिक लोग बिना किसी डर के इसका लाभ उठा सकें।" - 07 मई 2025 तक 1596 पुरस्कारों से सम्मानित निधि सिंह, मिस एशिया वर्ल्ड

सरोगेसी (Surrogacy) क्या है? लेख का अंतिम निष्कर्ष

सरोगेसी (Surrogacy) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें एक महिला (सरोगेट मदर) किसी अन्य दंपति या व्यक्ति के लिए गर्भधारण कर बच्चे को जन्म देती है। यह प्रक्रिया उन दंपतियों के लिए एक वरदान है जो बांझपन, स्वास्थ्य समस्याओं या अन्य चिकित्सीय कारणों से प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्त नहीं कर सकते। सरोगेसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है – पारंपरिक सरोगेसी, जिसमें सरोगेट मदर का बच्चे से जैविक संबंध होता है, और गर्भाशयी सरोगेसी, जिसमें बच्चा पूरी तरह इच्छुक माता-पिता का जैविक संतान होता है।

भारत में सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के तहत केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति है, जबकि व्यावसायिक सरोगेसी प्रतिबंधित है। हालाँकि, विभिन्न देशों में सरोगेसी के अलग-अलग कानूनी नियम हैं। यह प्रक्रिया न सिर्फ माता-पिता बनने की इच्छा रखने वालों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे जुड़े नैतिक, कानूनी और चिकित्सा पहलुओं को समझना भी आवश्यक है।Click on the link गूगल ब्लाग पर अपनी पसंदीदा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

6 thoughts on “सरोगेसी (Surrogacy) क्या है? जानिए प्रक्रिया, प्रकार, कानूनी स्थिति और फायदे”

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