बेसिक शिक्षक: का सरकार व समाज में योगदान

Amit Srivastav

बेसिक शिक्षक का जीवन मात्र शिक्षण कार्य तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह विभिन्न सरकारी योजनाओं और अभियानों का भी महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। भारत में शिक्षक का भूमिका निभाना केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का एक रूप है, जहां वे न केवल बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि समाज के हर क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं।
हमारे पारंपरिक मान्यता के अनुसार, मनुष्य का शरीर पाँच तत्वों से बना है – पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश, और वायु। इन तत्वों की मान्यता को ध्यान में रखते हुए, आज के दौर में एक भारतीय नागरिक को पूर्ण रूप से परिभाषित करने के लिए PAN और AADHAR भी उतने ही महत्वपूर्ण हो गए हैं। यह सात तत्व एक सामान्य भारतीय नागरिक को परिभाषित करते हैं।
लेकिन जब हम एक बेसिक शिक्षक की बात करते हैं, तो यह भूमिका और भी व्यापक हो जाती है। एक बेसिक शिक्षक का कार्यक्षेत्र शिक्षण से कहीं अधिक बढ़कर है। उन्हें शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न प्रशासनिक और सामाजिक गतिविधियों में भी भाग लेना पड़ता है।

बेसिक शिक्षक: का सरकार व समाज में योगदान

नामांकन और प्रवेशोत्सव:

शिक्षकों का एक महत्वपूर्ण कार्य नामांकन और प्रवेशोत्सव के दौरान होता है। यह सुनिश्चित करना कि अधिक से अधिक बच्चे स्कूल में प्रवेश लें और उनकी शिक्षा का सही से प्रारंभ हो सके, यह एक बड़ी जिम्मेदारी है।

शैक्षिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ:

शिक्षक न केवल शिक्षण कार्य करते हैं, बल्कि स्कूल में विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करते हैं। खेल महोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और विज्ञान क्लब जैसी गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

प्रशासनिक कार्य:

शिक्षकों को विभिन्न प्रशासनिक कार्य भी करने होते हैं जैसे कि ऑडिट, एसएमसी खाता प्रबंधन, एमडीएम खाता प्रबंधन, और विद्यालय मरम्मत आदि। ये कार्य विद्यालय के समग्र प्रबंधन और सुचारू संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।

स्वच्छता और स्वास्थ्य अभियान:

स्वच्छता और स्वास्थ्य अभियान जैसे स्वच्छता अभियान, पल्स पोलियो ड्रॉप, कृमि टेबलेट, और टीकाकरण आदि में भी शिक्षकों की भागीदारी होती है। ये अभियान न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

अन्य सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन:

शिक्षकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन भी करना होता है जैसे कि मिशन शक्ति, मिशन प्रेरणा, बाल गणना, जनगणना और कई अन्य। इसके साथ ही विभिन्न चुनावी प्रक्रिया में बीएलओ के रूप में भी उनकी सेवाएँ ली जाती हैं।

समन्वय और सामुदायिक सहभागिता:

शिक्षक समुदाय के साथ मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों का समन्वय करते हैं। जैसे कि सांड पकड़ो अभियान, भूसा दान अभियान, गंगा सफाई अभियान, कोविड रोकथाम अभियान, आदि।
इस प्रकार, एक बेसिक शिक्षक का जीवन कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से भरा होता है। वे शिक्षा के माध्यम से न केवल बच्चों का भविष्य संवारते हैं, बल्कि समाज के हर पहलू में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। इस व्यापक दृष्टिकोण से, एक बेसिक शिक्षक वास्तव में समाज का आधार स्तंभ होता है।

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