सात्विक भोजन शरीर और दिमाग के तापमान को सामान्य रखता है। हरी सब्जी फल दाल रोटी चावल दूध दही धी को अपने भोजन में शामिल करें। हरी सब्जियों को हल्के आंच पर थोड़ा पकाए ज्यादा मसालेदार, भूनी, तीखी, तली सब्जियों का सेवन न करें। आलू का सेवन कम करना चाहिए आलू अनेक बीमारियों को जन्म देती है। वहीं मांसाहार और गरिष्ठ भोजन तामसी बना शरीर और दिमाग की गर्मी को बढ़ा देता है। मांसाहार में मछली उपयुक्त है, खासकर रोहू मछली का मुंडा। अंडा ठंडी मे खाया जा सकता है।
मनुष्य को भोजन कैसे करना चाहिए?

यश-कीर्ति व आयु बढ़ाने के लिए हाथ-पैर को धोकर आसन पर पूर्व या दक्षिण दिशा में मुख करके बैठकर भोजन करनी चाहिए। भोजन को दांतों से चबाकर करना चाहिए नही तो दांतों का काम आंतों को करना पड़ता है जिससे भोजन ठीक से पचता नही है। भोजन करते वक्त पानी पीने से जठराग्नि बूझ जाती है जिससे भोजन का तत्व शरीर को नही मिलता मल में परिवर्तित हो निकल जाता है। भोजन करने के बाद एक दो घूट पानी का उपयोग करें आधे घंटे बाद ही पानी पीना चाहिये। खड़े होकर जूता चप्पल पहनकर सिर को ढककर भोजन नही करना चाहिए।
एक दिन में भोजन कितनी बार करना चाहिए

सूर्य उदय से पहले ग्रहण किया गया आहार शरीर के लिए फायदेमंद होता है तो वही सुर्यास्त बाद भोजन न करने की बात धर्म ग्रंथों में बताई गई है। इसका पालन हमारे प्राचीन पूर्वजों द्वारा किया जाता था। आज आधुनिक युग में तो सूर्य उदय के बाद तक मनुष्य सोया रहता है जो शरीर को रोग ग्रस्त करने का कार्य खुद करता है। आयुर्वेद के अनुसार दिन में दो बार सुबह अल्पाहार दोपहर को भोजन का प्राविधान है। रात्री काल में ज्यादा या गंभीर भोजन व्यक्ति को रोग ग्रस्त करने का काम करती है। धर्मशास्त्रों को छोड़कर आयुर्वेद की बात माने तो सुबह सुर्य उदय में और रात्री समय में अल्पाहार भोजन करें दोपहर में जब सूर्य का प्रकाश सिधी पडती हो उस समय भर पेट भोजन करें। सूर्य की गति के अनुसार हमारे भोजन पकाने कि जठराग्नि जब भोजन किया जाता है प्रज्वलित होती है।
पानी कब और कितना पीना चाहिए
मनुष्य के शरीर में 60 प्रतिशत पानी होता है इसकि स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रति दिन पुरुषों को 3.7 लीटर व महिलाओं को 2.7 लीटर पानी पीना आवश्यक होता है। ठंडी गर्मी में कमोबेश हुए तापमान के अनुसार पानी की मात्रा बढ़ाई घटाई जा सकती है। सुबह उठकर बासी मुह पानी पीने से पेट साफ रहता है कब्ज की शिकायत नहीं रहती। स्नान करते हुए पानी पीने से किसी भी प्रकार का ब्लड प्रेशर की समस्या नही होती, अगर ब्लडप्रेशर है तो धीरे-धीरे सामान्य हो जाता है। नहाते वक्त बिना कपड़ा बदले ही इच्छा भर पानी पीने की आदत डालिए। ब्लडप्रेशर के साथ ही बहुत सारे फायदे हैं।