आधार कार्ड और पैन कार्ड के बाद अब बच्चों की शिक्षा से जुड़ी पहचान के लिए एक नई पहल की जा रही है। देवरिया जिले में सभी विद्यार्थियों के लिए अपार कार्ड (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) बनाया जाएगा। यह कार्ड इंटर तक की शिक्षा के दौत्ररान विद्यार्थियों की पूरी शैक्षिक पहचान का मुख्य दस्तावेज होगा। शिक्षा विभाग ने इसे सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य कर दिया है।
क्या है अपार कार्ड?
अपार कार्ड एक डिजिटल आईडी है, जो कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के शैक्षिक रिकॉर्ड को संगठित और सुरक्षित रखने का काम करेगा। इसका उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी की पहचान को स्थायी और सटीक बनाना है। यह कार्ड आधार कार्ड से लिंक होगा और सरकारी योजनाओं, स्कूल ट्रांसफर, और अन्य शैक्षिक आवश्यकताओं के लिए एक मान्य दस्तावेज के रूप में काम करेगा।
देवरिया में हर विद्यार्थी का बनेगा अपार कार्ड
देवरिया जिले के परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों में पंजीकृत तीन लाख 75 हजार से अधिक विद्यार्थियों के लिए यह कार्ड तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए हर माह की 9 और 10 तारीख को ‘अपार दिवस’ आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन दिनों में स्कूलों में कैंप लगाकर विद्यार्थियों के रिकॉर्ड तैयार किए जाएंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने देवरिया के जिला विद्यालय निरीक्षक, डीआईओएस – DISTRICT OF DISTRICT SCHOOL और बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएसए को पत्र जारी कर इस कार्य को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।
अपार कार्ड के फायदे
डिजिटल पहचान: अपार कार्ड के माध्यम से हर विद्यार्थी की शैक्षिक पहचान एक यूनिक आईडी के रूप में तैयार होगी।
संपूर्ण रिकॉर्ड एक जगह: विद्यार्थी की कक्षा 1 से 12 तक की पूरी शैक्षिक जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।
सरकारी योजनाओं का लाभ: शिक्षा से संबंधित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए अपार कार्ड अनिवार्य होगा।
सत्यापन में सुविधा स्कूल बदलने, छात्रवृत्ति के आवेदन या अन्य शैक्षिक प्रक्रियाओं में आसानी होगी।
नीति निर्माण में मदद सरकार को शैक्षिक डेटा के आधार पर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
कैसे बनाए जा रहे हैं अपार कार्ड?

प्रत्येक स्कूल में कैंप लगाकर विद्यार्थियों की जानकारी जुटाई जाएगी। यू-डायस Unified District Information System for Education पंजीकरण के तहत अपार कार्ड तैयार किया जाएगा। आधार कार्ड की जानकारी को अपार कार्ड से लिंक किया जाएगा।
देवरिया में 3.75 लाख विद्यार्थियों का डाटा होगा संग्रहीत
देवरिया जिले में सभी बोर्डों के मिलाकर तीन लाख 75 हजार से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। अब तक यू-डायस के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही थी, लेकिन अपार कार्ड को अनिवार्य किए जाने के बाद इसे तेज किया जा रहा है।
शनिवार तक डीआईओएस और बीएसए को कार्य की प्रगति की रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रक्रिया में आ रही हैं समस्याएं
आधार कार्ड में त्रुटियां: कई विद्यार्थियों के आधार कार्ड में गलतियां हैं, जिससे उनका सत्यापन नहीं हो पा रहा।
जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों और विद्यार्थियों को प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने से कार्य धीमा है।
तकनीकी चुनौतियां: कुछ स्कूलों में इंटरनेट और अन्य तकनीकी संसाधनों की कमी से प्रक्रिया में बाधा आ रही है।
शिक्षा विभाग ने दिए सख्त निर्देश
देवरिया के जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को पत्र भेजकर विद्यार्थियों का अपार कार्ड बनवाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सभी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को आधार कार्ड में सुधार कराने और इसे अपडेट करने की प्रक्रिया को तुरंत पूरा करने को कहा है।
हर माह आयोजित ‘अपार दिवस’ पर स्कूलों में विद्यार्थियों के रिकॉर्ड अपडेट करने और आधार पंजीकरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों से इस कार्य को गंभीरता से लेने की अपील की है।
अपार कार्ड: शिक्षा में डिजिटल क्रांति की ओर कदम
अपार कार्ड न केवल विद्यार्थियों की पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि यह सरकारी योजनाओं और शैक्षिक सुधारों को लागू करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके जरिए विद्यार्थियों का संपूर्ण रिकॉर्ड एक जगह सुरक्षित रहेगा, जिससे शिक्षा विभाग को नीतियां बनाने और जरूरतमंद बच्चों तक मदद पहुंचाने में आसानी होगी।
अपार कार्ड की प्रक्रिया के तहत आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य है। इसलिए विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को समय रहते आधार कार्ड में सुधार कराना चाहिए।