PRAYAGRAJ महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहा है। रेलवे स्टेशन से संगम क्षेत्र की दूरी। यह महाकुंभ हर 144 सालों में एक बार आयोजित होता है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। इस पवित्र आयोजन में देश-विदेश से करोड़ों भक्त यहां आ जा रहे हैं। संगम में स्नान, धार्मिक अनुष्ठान और मोक्ष प्राप्ति की कामना से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे और प्रशासन ने कई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि प्रयागराज के कौन-से रेलवे स्टेशन से संगम क्षेत्र कितनी दूरी पर है और कौन-सा स्टेशन संगम के सबसे करीब है। इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि संगम तक पहुंचने के कौन-कौन से साधन उपलब्ध हैं।
Prayagraj के प्रमुख रेलवे स्टेशन और संगम से दूरी-

प्रयागराज में कुल 9 प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं, जहां से श्रद्धालु संगम पहुंच सकते हैं। इन स्टेशनों और संगम क्षेत्र की दूरी नीचे दी गई है।
संगम के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन
महाकुंभ के दौरान संगम पहुंचने के लिए प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन सबसे निकट है। यह संगम क्षेत्र से केवल 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां से श्रद्धालु आसानी से संगम तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा झूंसी रेलवे स्टेशन, जो संगम से 3.5 किमी दूर है, दूसरा सबसे नजदीकी स्टेशन है।
यदि आपकी ट्रेन प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिंवकी या नैनी स्टेशन पर रुकती है, तो वहां से संगम तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी।
Prayagraj जंक्शन: सबसे बड़ा और प्रमुख रेलवे स्टेशन
प्रयागराज जंक्शन, जिसे पहले इलाहाबाद जंक्शन कहा जाता था, प्रयागराज का सबसे बड़ा और व्यस्ततम स्टेशन है। यहां लगभग हर प्रमुख ट्रेन का ठहराव होता है। संगम से इस स्टेशन की दूरी 11 किमी है। यहां से संगम तक ऑटो, बस, कैब, और ई-रिक्शा आसानी से उपलब्ध होते हैं।
संगम क्षेत्र तक पहुंचने का तरीका
प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों से संगम क्षेत्र तक पहुंचने के लिए कई प्रकार के साधन उपलब्ध हैं।
ऑटो और ई-रिक्शा– ये सबसे सुलभ और किफायती साधन हैं, जो हर स्टेशन से संगम क्षेत्र तक जाते हैं।
बस और कैब सेवा – रेलवे और प्रशासन ने संगम तक पहुंचने के लिए विशेष बस और कैब सेवाओं की व्यवस्था की है। उद्योगपति अदाणी द्वारा 30 कैब फ्री सेवा के लिए उपलब्ध है जो असहाय वृद्ध बच्चों एवं महिलाओं को संगम तक लाने-ले जाने का कार्य कर रहा है।
महाकुंभ 2025 संगम की दूरी पैदल यात्रा
संगम क्षेत्र के भीतर भारी-भरकम भिंड को देखते हुए वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित हो चुका है, इसलिए अंतिम कुछ किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है। प्रयाग के संगम स्टेशन पर कुछ एक रेल गाड़ियों का ठहराव है। जहां से संगम 2.5 किमी है। झूसी स्टेशन पर ज्यादातर रेलगाड़ी का ठहराव है यहां से मात्र 3.5 किमी दूर संगम स्थल है।
महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनें – रेलवे ने महाकुंभ के लिए 3,000 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इन ट्रेनों का ठहराव प्रयागराज के सभी प्रमुख स्टेशनों पर हो रहा है। हर दिन लगभग 110 ट्रेनों का संचालन इन स्टेशनों से किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
महाकुंभ क्षेत्र और संगम की विशेषताएं-
महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज के संगम क्षेत्र में किया गया है, जो 26 सेक्टरों में फैला हुआ है। पूरा क्षेत्र लगभग 52 किमी में विस्तारित है। संगम क्षेत्र वह स्थान है, जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियां मिलती हैं। यह हिंदू धर्म का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ यात्रा को सफल बनाने के लिए सुझाव कुछ यहां दिया जा रहा है जिसका आप श्रद्धालुओं को ख्याल रखना चाहिए। स्टेशन से संगम के लिए पहले से साधन बुक करें।संगम क्षेत्र में जाने के लिए सुबह जल्दी निकलें। महाकुंभ मेला क्षेत्र का नक्शा साथ रखें। भीड़ से बचने के लिए प्रशासन द्वारा दी गई गाइडलाइंस का पालन करें।
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महाकुंभ 2025 एक अद्वितीय और भव्य आयोजन है। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु संगम में स्नान करके पवित्रता और मोक्ष की प्राप्ति की कामना कर रहे हैं। रेलवे और प्रशासन ने महाकुंभ को सफल बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। उम्मीद है, यह जानकारी आपकी यात्रा को और आसान बनाएगी।
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