गोरखनाथ- कौन थे, जन्म कैसे हुआ, गुरु कौन थे, शाबर मंत्र, मृत्यु कैसे हुई सम्पूर्ण जानकारी

Amit Srivastav

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नाथ पंथी गोरखनाथ का नाम प्राचीन काल से चर्चित है। द्वापर युग में गुजरात के जूनागढ़ गोरखमढ़ी में तपो स्थली था यही श्रीकृष्ण और रुक्मणी का विवाह सम्पन्न हुआ। गुरु गोरखनाथ द्वारा इस विवाह में शामिल होने की जानकारी ग्रंथों में मिलती है। धर्मग्रंथों के मुताबिक त्रेता युग में भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम के राज्याभिषेक में गुरु गोरखनाथ आमंत्रित थे। कलयुग में भी गोरखनाथ कि महिमा निराली है। गुरू गोरखनाथ अपने भक्त जन पर सदैव कृपालु रहते हैं। इनके जन्म को लेकर तरह-तरह की भर्तियां है। आज बहुत ही मंथन के बाद नाथो के नाथ प्रथम नाथ भोलेनाथ शिवशंकर के अंश गुरु गोरखनाथ की जन्म से लेकर मृत्यु कैसे हुई, ज्यादातर सवालों का जवाब भगवान चित्रगुप्त वंशज अमित श्रीवास्तव अपनी कर्म धर्म इस लेखनी में देगें।

गुरू गोरखनाथ का जन्म

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गुरु गोरखनाथ का जन्म किसी स्त्री के गर्भ से नही हुआ था। शिव अंश मछनदरनाथ जो मछली के पेट से उत्पन्न हैं वे शुरुआती अलख निरंजन की अलख जगाते एक गांव में भिक्षाटन के लिए गए। उस गांव की एक महिला अपना पुत्र न होने की बात कही। मछनदरनाथ अपनी योग माया से एक फल उत्पन्न कर उस महिला को दे कहा, पुत्री इसे ग्रहण कर लो बहुत ही प्रतापी पुत्र की प्राप्ति होगी। अच्छे से उसकी देखभाल कर प्रारम्भिक शिक्षा दिक्क्षा देती रहना। आज के ठीक 12 साल पूरा होने पर मै आऊंगा, पुत्र को देखने। मछनदरनाथ उस महिला से भिक्षा ले चले गए। वही कुछ सखियों ने उस महिला को भ्रमित कर कहा साधु फकीर की बात पर इतना बिश्वास नही करना चाहिए। इस फल को फेक देना चाहिए। वो टोना टोटके से डरी स्त्री फल को गोबर के गढ्ढे में फेक दी। उस फल के ऊपर गढ्ढे में गोबर जमा होते-होते 12 साल पूरा हो गया। वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि दिन मंगलवार को मछनदरनाथ बताएं समय के मुताबिक वर्तमान के राजस्थान हनुमानगढ़ गोगा मेड़ी वेरावल के समीप उस गांव में बालक को देखने पहूँच गये। अलख निरंतर कि आवाज़ लगाई, महिला घर से भिक्षा देने बाहर आई, तब योगीराज ने कहा, मै बारह वर्ष पूर्व एक पुत्र प्राप्ति का आशिर्वाद दे गया था- देवी, वो पुत्र कहां है। उस महिला ने कहा अपनी सखियों की बातों से टोना टोटके कि बात सुनकर डर गई और आपके द्वारा दिए गए फल को गोबर के गढ्ढे में फेक दी थी। मछनदरनाथ उस गोबर गढ्ढे के पास गए तो अपने तपो बल से देखा। शिव अंश बालक उस गोबर के अंदर ओम नमः शिवाय का जाप करते तप कर रहे थे। मछनदरनाथ अपने योग विद्या से बालक को बाहर निकाला फिर उस स्त्री द्वारा अपने किए भूल की छमा याचना के बाद भी बालक को अपने साथ ले वहां से चले गए। इस प्रकार गोरखनाथ का जन्म गौ माता के गोबर में से हुआ और मछनदरनाथ द्वारा स्त्री को दिए गए वर्दान के फल स्वरूप तो गोरखनाथ अपने गुरु मछनदरनाथ के मानस पुत्र हुए। अब आप पाठकों को यह जानकारी हो चुकी होगी गुरु गोरखनाथ का जन्म कैसे हुआ।

गुरु गोरखनाथ- के गुरु कौन थे ?

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गुरु गोरखनाथ के गुरू मछनदरनाथ थे। शिव अंश गोरखनाथ अपने गुरु मछनदरनाथ द्वारा उत्पन्न किए जाने के बाद गुरु मछनदरनाथ के शिष्य बने। यहां भी एक कहावत चरितार्थ है। गुरु गुड़ ही रह गया चेला चीनी हो गया। गोरखनाथ अपने गुरु मछनदरनाथ से सहस्त्रगुना आगे निकल गये। गोरखनाथ अथक तपस्या से अनाथों के नाथ भोलेनाथ को प्रसन्न किया। भोलेनाथ गोरखनाथ की तपस्या से प्रसन्न होकर सब गुण सम्पन्न का वर्दान दे, कलियुग के अंत तक अलख निरंजन की अलख जगाने वाले भक्त जन की सर्व मनोकामना पूर्ण करने का आशिर्वाद दिया। जो भी गोरखनाथ कि भक्तिभाव से ध्यान करता है, उसकि हर मनोकामना पूरी होती है। गोरखनाथ अपने गुरु से हज़ारों गुना अधिक तंत्र-मंत्र विद्या में आगे माने जाते हैं। हनुमानजी की इच्छा से मछनदरनाथ त्रिया राज्य में रानी मैनांकनी को यौन सुख देते हुए बारह वर्ष बीता चुके थे। मछनदरनाथ अपने जीवन के कर्तव्यों को भूल चुके थे। नाथ संप्रदाय की बदनामी हो रही थी। तब गुरू गोरखनाथ अपने गुरू की तलाश पूरी कर त्रिया राज्य में रानी मैनांकनी के महल महेन्द्रगढ़ की नर्तकी के साथ स्त्री भेष में जाकर, पवनपुत्र हनुमान जी जो त्रिया राज्य की पहरेदारी करते थे- को पराजित कर अपने गुरु मछनदरनाथ को छुड़ाकर लाएं। करो चेत म चेतर जागो गुरु जी गोरख चेला आया है। आज नाथ पंथी भारत के समस्त राज्य सहित अन्य देशों में भी विराजमान हैं। ये सनातन धर्म के अनुयायी, सनातन धर्म के प्रचारक माने जाते हैं। भोलेनाथ की भक्ति के प्रति समर्पित होते हैं। नाथ सम्प्रदाय से पहले सर्गीं बजाते, भ्रमण करते योगी जन ज्यादा देखने को मिलते थे। माना जाता है। जब कोई बालक घर-आंगन छोड़ योगी बनता है तब अपनी योग विद्या की सम्पूर्ण सिद्धी प्राप्त हो 12 वर्ष के समय में अपने माता के हाथ से भिक्षा लेने अपने यहां जाता है। जब माता भिक्षु पुत्र को भिक्षा दे देती, तब उसकी सम्पूर्ण सिद्धी प्राप्त हो जाती है।

गोरखनाथ शाबर मंत्र

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गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई

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गुरु गोरखनाथ की मृत्यु नही हुई, गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर स्थापित है। वहीं पर गुरु गोरखनाथ ने समाधि ली। गोरखनाथ के नाम पर ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में स्थित जिला गोरखपुर नाम से स्थापित है। गोरखनाथ मंदिर के महंथ योगी आदित्यनाथ वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। जो भी बडे-बडे संत हुए हैं लगभग सभी ने अपनी मृत्यु के पहले ही समाधि ली है। उसी क्रम में भोलेनाथ के अंश गोरखनाथ भी समाधि ले लिए।

गोरखनाथ मंदिर

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उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित गोरखपुर जनपद, के मुख्य भाग में गोरखनाथ मंदिर प्राचीन काल से स्थित है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर पश्चिमी दिशा में यह भव्य मंदिर स्थित है। मंदिर के महंथ नाथ संप्रदाय के योगीजन रहते चले आ रहे हैं। नेपाल में गोरखा टायटल गोरखनाथ के भक्त जन लगाते चले आ रहे हैं। गोरखपुर जनपद के साथ ही मंडल भी है। इसी मंदिर के महंथ योगी आदित्यनाथ वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।

गोरखनाथ के गुरु कौन थे?

गोरखनाथ के गुरु शिव अश मछनदरनाथ थे।

गुरु गोरखनाथ की कहानी, गोरखनाथ की कथा, गोरखनाथ जाहवीर की कथा, Click on the link यह आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक किजिये राजा भर्तृहरि रानी पिंगला और गोरखनाथ, सोरठी/विरजाभार, हिरीया जिरीया और गोरखनाथ बहुत कुछ अगले भाग में विस्तार से। कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए जय गुरु गोरखनाथ 🙏बेल आइकन को दबा एक्सेप्ट किजिए ताकि हमारी न्यू अपडेट आप तक पहुंच सके।

गोरखनाथ- कौन थे, जन्म कैसे हुआ, गुरु कौन थे, शाबर मंत्र, मृत्यु कैसे हुई सम्पूर्ण जानकारी

13 thoughts on “गोरखनाथ- कौन थे, जन्म कैसे हुआ, गुरु कौन थे, शाबर मंत्र, मृत्यु कैसे हुई सम्पूर्ण जानकारी”

  1. Baba Gorakhnath k total Life k baren me koi book he kya,,,,?my no 8369

    आपके नम्बर को चंचल जी मै गूगल पर सार्वजनिक नही कर सकता इस लिए आपके नम्बर को एडिट कर आपके कमेंट से हटाया। हम लेखकों से कमेंट मेल या किसी तरह कोई जानकारी मांगता है तो अपने विवेक अनुसार खास कर महिलाओं का नम्बर सार्वजनिक नही करते। गूगल विश्व का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है और रोज ऐसे पोस्ट को पढ़ने के लिए हमारे साइट पर लाखों लोग आते हैं।

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    • भारतीय हवाटएप्स 7379622843 पर निशुल्क सम्पूर्ण जानकारी मुझसे लिया जा सकता है। गुरु गोरखनाथ की सम्पूर्ण गाथा मुझसे प्राप्त किया जा सकता है। गुरु गोरखनाथ की प्राचीन ग्रंथों के मंथन के साथ भिन्न-भिन्न स्थानों पर जाकर जानकारी इकट्ठा करने, पुख्ता करने में समय और धन दोनों खर्च हो रहा है। गुरु गोरखनाथ के प्रति जिन भक्तों का आस्था है उन भक्त जन को अपनी लेखनी के माध्यम से पूरी सटीक जानकारी देने के लिए भ्रमण कर रहा हूं। अगर आप गुरु गोरखनाथ के भक्त जन प्रमाणिकता के साथ जानकारी इकट्ठा करने में हमारा कुछ सहयोग स्वरुप धन दान देना चाहे तो हमारे फोन पे गूगल पे 7379622843 अमित कुमार श्रीवास्तव को दे सकते हैं। एक वैसा खोज बहुत जल्द पूरी होने की उम्मीद है जिसमें गुरु गोरखनाथ सोरठी के पति विरजाभार को दो जादूगरनी बहनों से छुड़ाने में कैसे असफल होकर भी सफल हुए और विरजाभार कैसे हिरीया जिरीया दो जादूगरनी बहनों के चंगुल से कैसे मुक्त हो पाई एक ऐसा ऐतिहासिक इतिहास जो भक्त जन नही जानते। ऐसे ऐसे गुप्त रहस्यों को उजागर करता रहूंगा अगर भक्त जनों से आर्थिक सहायता प्राप्त होती रही। लूप्त इतिहास को उजागर करने में आप भक्त जन आर्थिक सहयोग प्रेषित करते रहे गुरु गोरखनाथ जी की गुप्त रहस्यों को उजागर कराने में दिए गए सहयोग राशि से गुरु गोरखनाथ जी की कृपा आप सभी पर बनी रहेगी। जय गुरु गोरखनाथ 🙏

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    • भारतीय हवाटएप्स +91 7379622843 पर सम्पर्क किजिये। गुप्त रहस्यों को उजागर करता सम्पूर्ण जानकारी के लिए ।

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    • बुक तो बहुत है लेकिन जितना बुक में नही मिलेगा मै लिखित रूप से या वार्तालाप में बता दूंगा। सम्पूर्ण जीवन गाथा जो गुप्त रूप से है वो भी मुझे ज्ञात है।

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    • हमारे हवाटएप्स 7379622843 पर आईए या हमें काल कर गुप्त से गुप्त जानकारी को प्राप्त किजिए चंचल शाह जी।

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  2. गुरु गोरखनाथ जी के प्रति हमारी लेखनी से प्रभावित होकर जो बाबा गोरखनाथ के भक्त जनों ने उपहार स्वरूप हमारे फोन पे, गूगल पे यूटीआई के माध्यम से यात्रा देशाटन, धार्मिक स्थानों, सत्यता की खोज पर खर्च के लिए पुरस्कार स्वरूप दान, अनुदान प्रेषित किया उनमें 11 हजार से ऊपर वालों की सूची कुछ इस प्रकार है। अगर आप भक्त जन जो पुरस्कार दे रहे हैं अपनी इच्छा व्यक्त करेंगे तो आपका भी नाम एक अलग सूची बनाकर प्रकाशित किया जाएगा। कुछ लोगों द्वारा हमें पुरस्कृत कर नाम पता बताया नही जाता है उन भक्त जन से निवेदन है। दिये गये भारतीय हवाटएप्स फोन पे गूगल पे यूटीआई अमित कुमार श्रीवास्तव 7379622843 पर नाम पता जरुर बताने की कोशिश करें 🙏भले ही गुप्त दान सूची में रहना हो। हमें पुरस्कृत करने वाले भक्त जनों पर गुरु गोरखनाथ जी की कृपा सदैव बनी रहेगी। जय गुरु गोरखनाथ 🙏

    1- कृष्ण किशोर तिवारी- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
    2- रामगोपाल भट्टाचार्य – कोलकाता, बंगाल
    3- कपिलनाथ थापा – काठमांडू, नेपाल
    4- सोमनाथ योगी – भैरहवा, नेपाल
    5- सौरभ मोदी – गुजरात
    6- श्रीमती किशोरी नंदा – थाडे़, महाराष्ट्र
    7- भैरोंसिंह शेखावत – पंजाब
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    आप भक्त जन भी प्रोत्साहित कर हमें सूचित जरुर करें। गुरु गोरखनाथ जी का कृपा आप पर बनी रहेगी।

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