कायाकल्प मे आने के बाद भी अधिकारी मौन

Amit Srivastav

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देवरिया जनपद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगांवा क्षेत्र के लाहिल पार उपकेन्द्र हास्पीटल जहा आयुष्मान मंदिर भी है जो काया कल्प मे आ चुका है और महिने मे 25 से 30 डिलेवरी होता है यह हास्पिटल चार वेड का हास्पीटल है लेकिन यहा अधिकारी बार बार दौड़ाकर जांच करते है लेकिन इस हास्पीटल पर न मरीजो के लिए जरूरत के उपकरण मौजूद है न दवाये विभाग के द्वारा मिलता है यहा आयरन कैलशियम छाया अन्तरा तो उपलब्ध है लेकिन यहा चार वेड मे एक वेड मरीजो के लिए है वह भी टुटा हुआ यहा पर इन्वर्टर तक नही है कि इमरजेन्सी मे लाईट नही रहने पर प्रसव कराया जा सके।

जांच के बाद भी नही दे रहे सवन्धित अधिकारी ध्यान

कायाकल्प मे आने के बाद भी अधिकारी मौन

संसाधनो की कमी से मरीज परेशान
ऐसा हास्पीटल की पानी को तरसते है मरीज
सरकार की सुविधा ओ से वंचित है प्रा० स्वा० केन्द्र मझगांवा का उपकेन्द्र लाहिलपार

इस हास्पिटल पर कुल चार स्टाफ है जिसमे एक एएनएम सीएचओ एक सरकारी वार्ड आया सहित प्राईवेट दाई की मौजूदगी है। यहा रात के अन्धेरे मे मोमवती के सहारे प्रसव कराया जाता है। इस हास्पिटल पर दो हैन्ड पम्प है। जो दोनो खराब पड़े है यहा पानी के लिए मरीज तङपते रहते है लेकिन जांच अधिकारी इसके तरफ कभी कभी ध्यान नही दिये। जो कि इस सरकार मे काफी धन जनता व मरीजो के सुविधाओ को ध्यान मे रखकर विकास के लिए मिल रहा है। यह हास्पीटल सरकार की सुविधा ओ से वंचित होने के बाद भी किसी तरह भाग्य भरोसे चल रहा है।

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