तंत्र शास्त्र की एक गहन, रहस्यमयी और शक्तिशाली प्रक्रिया है Dakini Sadhana, जो साधक को आध्यात्मिक, मानसिक, और तांत्रिक स्तर पर असाधारण लाभ प्रदान करती है। यह साधना न केवल साधक की चेतना को जागृत करती है, बल्कि उसे अलौकिक शक्तियों, आत्म-ज्ञान, और ब्रह्मांडीय सत्य से जोड़ती है। डाकिनी, जो एक उग्र, प्रबल, और करुणामयी स्त्री शक्ति का प्रतीक है, साधक के भय, अहंकार, और सांसारिक बंधनों को नष्ट कर उसे उच्च चेतना की ओर ले जाती है।
यह भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के देव वंश-अमित श्रीवास्तव की कर्म-धर्म लेख डाकिनी साधना के लाभों को विस्तार से प्रस्तुत करता है, जिसमें इसके आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक, और सामाजिक आयाम शामिल हैं। यह जानकारी व्यापक, प्रामाणिक, और उपयोगी है, जो साधकों और जिज्ञासुओं के लिए डाकिनी साधना की गहराई को समझने में सहायक होगी।
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Dakini Sadhana – डाकिनी साधना के प्रमुख लाभ
डाकिनी साधना के लाभ बहुआयामी हैं, जो साधक के जीवन को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों स्तरों पर परिवर्तित करते हैं। ये लाभ साधक की मानसिक दृढ़ता, गुरु के मार्गदर्शन, और साधना की नियमितता पर निर्भर करते हैं। नीचे डाकिनी साधना के प्रमुख लाभ विस्तार से स्टेप-बाय-स्टेप दिए गए हैं— और भी गहन जानकारी के लिए हमें हवाटएप्स 7379622843 पर UPI, फोन पे, गूगल पे से गुरु दक्षिणा न्यूनतम 251 भेजकर जानकारी के लिए डिमांड कर सकते हैं। सम्पूर्ण रूप से गहन जानकारी दी जाती है। amitsrivastav.in से प्रकाशित किताबें भी किंडल amozan आदि प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
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अलौकिक शक्तियों की प्राप्ति
डाकिनी साधना साधक को विभिन्न तांत्रिक और अलौकिक शक्तियाँ प्रदान करती है, जो उसे सूक्ष्म और स्थूल दोनों लोकों में कार्य करने में सक्षम बनाती हैं। ये शक्तियाँ केवल योग्य और समर्पित साधकों को प्राप्त होती हैं। प्रमुख शक्तियाँ इस प्रकार हैं—
त्रिकालदर्शिता: साधक को भूत, वर्तमान, और भविष्य को देखने की अलौकिक क्षमता प्राप्त होती है। यह शक्ति साधक को भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान करने और अतीत के रहस्यों को समझने में मदद करती है।
वशीकरण: साधक दूसरों को अपने प्रभाव में लाने और परिस्थितियों को अनुकूल बनाने की क्षमता प्राप्त करता है। यह शक्ति सामाजिक, व्यक्तिगत, और आध्यात्मिक स्तर पर उपयोगी हो सकती है, बशर्ते इसका उपयोग नैतिक रूप से किया जाए।
मानसिक नियंत्रण: साधक दूसरों के विचारों को पढ़ने, प्रभावित करने, और नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त करता है। यह शक्ति नेतृत्व, मार्गदर्शन, और उपचार में सहायक हो सकती है।
सूक्ष्म यात्रा: साधक अपने सूक्ष्म शरीर के माध्यम से प्रेतलोक, देवलोक, या अन्य सूक्ष्म लोकों में विचरण करने की क्षमता प्राप्त करता है। यह अनुभव साधक की चेतना को विस्तृत करता है।
आकर्षण शक्ति: साधक की वाणी, व्यक्तित्व, और आँखों में एक अलौकिक तेज और आकर्षण आ जाता है, जो दूसरों को स्वाभाविक रूप से प्रभावित करता है।
उदाहरण: तांत्रिक ग्रंथों और अनुभवी साधकों के अनुसार, डाकिनी सिद्धि प्राप्त साधक अपनी वाणी और दृष्टि से दूसरों को सम्मोहित कर सकते हैं। कुछ साधकों ने बताया है कि साधना के दौरान उन्हें स्वप्नों में भविष्य की घटनाओं का ज्ञान हुआ, जो बाद में सत्य साबित हुआ।
Click on the link/कुंडलिनी-जागरणऊर्ध्व और अधः क्रम का विज्ञान: ऊर्जा प्रवाह का गूढ़ रहस्य।

कुंडलिनी जागरण और चेतना का विस्तार
Dakini Sadhana साधक की कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो मूलाधार चक्र में सर्पाकार रूप में निहित होती है। कुंडलिनी जागरण स adhक की चेतना को उच्च स्तर तक ले जाता है, जिससे उसे आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति प्राप्त होती है।
कुंडलिनी जागरण: डाकिनी की प्रचंड ऊर्जा साधक के चक्रों (मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, आदि) को सक्रिय करती है, जिससे कुंडलिनी सुषुम्ना नाड़ी के माध्यम से सहस्रार चक्र तक पहुँचती है। यह प्रक्रिया साधक को गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।
चेतना का विस्तार: साधक की चेतना स्थूल से सूक्ष्म स्तर तक विस्तृत हो जाती है, जिससे वह ब्रह्मांडीय सत्य, सूक्ष्म लोकों, और अपनी आत्मा के साथ एकाकार होने का अनुभव करता है।
आंतरिक शक्ति: कुंडलिनी जागरण साधक को मानसिक दृढ़ता, आत्मविश्वास, और आंतरिक शक्ति प्रदान करता है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकता है।
उदाहरण: कई साधकों ने बताया है कि डाकिनी साधना के दौरान उन्हें मूलाधार से आज्ञा चक्र तक ऊर्जा का तीव्र प्रवाह महसूस हुआ, जिसके बाद उनकी चेतना में अपार विस्तार हुआ। कुछ साधकों को ध्यान में डाकिनी के स्वरूप का साक्षात्कार हुआ, जो कुंडलिनी जागरण का संकेत था।
आत्म-ज्ञान और ब्रह्मांडीय जुड़ाव
डाकिनी साधना का एक प्रमुख उद्देश्य साधक को आत्म-ज्ञान और ब्रह्मांडीय सत्य से जोड़ना है। यह साधना साधक को अपनी आत्मा की गहराई को समझने और ब्रह्मांड के साथ एकाकार होने का अवसर देती है।
आत्म-ज्ञान: साधक को अपनी आत्मा, उसके उद्देश्य, और जीवन के गहन रहस्यों का ज्ञान प्राप्त होता है। यह ज्ञान उसे सांसारिक मोह और अहंकार से मुक्त करता है।
ब्रह्मांडीय चेतना: साधक की चेतना ब्रह्मांड की सूक्ष्म ऊर्जाओं और शक्तियों से जुड़ती है, जिससे वह समय, स्थान, और भौतिक सीमाओं से परे अनुभव करता है।
मुक्ति का मार्ग: डाकिनी साधक को मृत्यु के भय और सांसारिक बंधनों से मुक्त कर मुक्ति के मार्ग पर ले जाती है।
उदाहरण: तांत्रिक ग्रंथों में उल्लेख है कि डाकिनी सिद्ध साधक ध्यान में ब्रह्मांड की एकता का अनुभव करते हैं, जहां वे स्वयं को सभी प्राणियों और प्रकृति के साथ एक पाते हैं। कुछ साधकों ने बताया कि साधना के दौरान उन्हें स्वप्नों या ध्यान में डाकिनी ने मार्गदर्शन दिया, जिससे उन्हें आत्म-ज्ञान प्राप्त हुआ।
नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा
डाकिनी साधना साधक को नकारात्मक शक्तियों, जैसे भूत-प्रेत, तांत्रिक हमले, और नकारात्मक ऊर्जा, से सुरक्षा प्रदान करती है। डाकिनी की प्रचंड और उग्र ऊर्जा एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करती है।
तांत्रिक हमलों से रक्षा: डाकिनी साधक को काले जादू, अभिचार, और अन्य तांत्रिक हमलों से बचाती है।
सूक्ष्म शक्तियों का नियंत्रण: साधक सूक्ष्म लोकों की नकारात्मक शक्तियों, जैसे प्रेत या राक्षसी ऊर्जा, को नियंत्रित करने में सक्षम हो जाता है।
आध्यात्मिक सुरक्षा: डाकिनी की कृपा से साधक का आध्यात्मिक कवच मजबूत होता है, जो उसे बाहरी और आंतरिक नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
उदाहरण: कई साधकों ने बताया कि डाकिनी साधना के बाद उनके घर और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा हट गई। कुछ साधकों ने शमशान साधना के दौरान डाकिनी की उपस्थिति का अनुभव किया, जिसने उन्हें सूक्ष्म शक्तियों से बचाया।
मानसिक शक्ति और एकाग्रता का विकास
डाकिनी साधना साधक की मानसिक शक्ति, एकाग्रता, और आत्मविश्वास को बढ़ाती है, जिससे वह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है।
मानसिक एकाग्रता: साधना के दौरान मंत्र जाप और ध्यान साधक की एकाग्रता को गहन करते हैं, जिससे वह जटिल कार्यों को आसानी से पूरा कर सकता है।
आत्मविश्वास: डाकिनी की ऊर्जा साधक को निर्भय और आत्मविश्वासी बनाती है, जिससे वह चुनौतियों का सामना साहस के साथ करता है।
भावनात्मक संतुलन: साधक का चित्त शांत और संतुलित हो जाता है, जिससे वह क्रोध, चिंता, और तनाव से मुक्त रहता है।
उदाहरण: साधकों ने बताया कि डाकिनी साधना के बाद उनकी निर्णय लेने की क्षमता और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि हुई। कुछ साधकों ने ध्यान में गहरी शांति और एकाग्रता का अनुभव किया, जो उनके दैनिक जीवन में सहायक सिद्ध हुआ।
व्यक्तित्व में आकर्षण और प्रभावशीलता
डाकिनी साधना साधक के व्यक्तित्व को परिवर्तित करती है, जिससे उसकी वाणी, व्यवहार, और उपस्थिति में एक अलौकिक आकर्षण और प्रभाव आ जाता है।
वाणी में शक्ति: साधक की वाणी में गूढ़ शक्ति और आकर्षण आ जाता है, जिससे वह दूसरों को सहज ही प्रभावित कर सकता है।
नेत्रों में तेज: साधक की आँखों में एक अलौकिक तेज और आत्मविश्वास झलकता है, जो उसकी आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।
प्रभावशील व्यक्तित्व: साधक का व्यवहार शांत, आत्मविश्वासी, और प्रभावशाली हो जाता है, जिससे वह सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में सम्मान प्राप्त करता है। click on the link ब्लाग पोस्ट पढ़ने के लिए
उदाहरण: अनुभवी साधकों के अनुसार, डाकिनी सिद्धि प्राप्त साधक की उपस्थिति में लोग स्वाभाविक रूप से आकर्षित होते हैं। कुछ साधकों ने बताया कि साधना के बाद उनकी वाणी और व्यक्तित्व में ऐसी शक्ति आई कि लोग उनकी बातों को गंभीरता से लेने लगे।
मृत्यु के भय से मुक्ति
डाकिनी साधना साधक को मृत्यु के भय से मुक्त करती है, जो आध्यात्मिक उत्थान का एक महत्वपूर्ण चरण है। डाकिनी का शमशान और मृत्यु से गहरा संबंध उसे इस प्रक्रिया में विशेष रूप से प्रभावी बनाता है।
मृत्यु की स्वीकृति: साधक मृत्यु को जीवन के स्वाभाविक हिस्से के रूप में स्वीकार करता है, जिससे उसका भय समाप्त हो जाता है।
जीवन-मरण का ज्ञान: साधक को जीवन-मरण के चक्र और आत्मा की अमरता का गहन ज्ञान प्राप्त होता है।
आध्यात्मिक मुक्ति: मृत्यु के भय से मुक्ति साधक को मुक्ति और निर्वाण के मार्ग पर ले जाती है।
उदाहरण: शमशान साधना करने वाले साधकों ने बताया कि डाकिनी की उपस्थिति ने उन्हें मृत्यु के प्रति एक नया दृष्टिकोण दिया। कुछ साधकों को ध्यान में डाकिनी ने मृत्यु और पुनर्जनन के रहस्यों का साक्षात्कार कराया।
सामाजिक और व्यावसायिक सफलता
डाकिनी साधना साधक को सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है, क्योंकि यह उसकी आकर्षण शक्ति, आत्मविश्वास, और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाती है।
नेतृत्व क्षमता: साधक की प्रभावशीलता और आकर्षण उसे एक प्राकृतिक नेता बनाता है, जो दूसरों को प्रेरित कर सकता है।
सामाजिक सम्मान: साधक का शांत और शक्तिशाली व्यक्तित्व उसे समाज में सम्मान और पहचान दिलाता है।
व्यावसायिक प्रगति: साधक की मानसिक एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता उसे व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता प्रदान करती है।
उदाहरण: कुछ साधकों ने बताया कि डाकिनी साधना के बाद उनके व्यावसायिक जीवन में अप्रत्याशित प्रगति हुई। उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रभावशीलता के कारण उन्हें कार्यस्थल पर सम्मान और अवसर प्राप्त हुए।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
डाकिनी साधना साधक के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुँचाती है, क्योंकि यह उसकी ऊर्जा को संतुलित करती है और तनाव को कम करती है।
ऊर्जा का संतुलन: कुंडलिनी जागरण और चक्रों की सक्रियता साधक की शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को संतुलित करती है।
तनाव मुक्ति: ध्यान और मंत्र जाप साधक को तनाव, चिंता, और अवसाद से मुक्ति दिलाते हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य: साधना के नियम, जैसे सात्विक भोजन और ब्रह्मचर्य, साधक के शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
उदाहरण: साधकों ने बताया कि डाकिनी साधना के बाद उनकी नींद की गुणवत्ता में सुधार हुआ और वे अधिक ऊर्जावान महसूस करने लगे। कुछ साधकों ने मानसिक शांति और शारीरिक स्फूर्ति का अनुभव किया।
आध्यात्मिक मार्गदर्शन और समाज कल्याण
डाकिनी साधना साधक को एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक या उपचारक के रूप में कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है, जिससे वह समाज कल्याण में योगदान दे सकता है।
मार्गदर्शन की क्षमता: साधक की प्रज्ञा और आध्यात्मिक शक्ति उसे दूसरों को जीवन के कठिन मार्गों पर मार्गदर्शन देने में सक्षम बनाती है।
उपचार शक्ति: साधक की ऊर्जा और शक्ति उसे दूसरों के मानसिक और शारीरिक कष्टों को दूर करने में मदद करती है।
समाज कल्याण: डाकिनी की कृपा प्राप्त साधक समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का कार्य करता है।
उदाहरण: कुछ साधकों ने बताया कि डाकिनी साधना के बाद वे अपने समुदाय में एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में सम्मानित हुए। उनकी उपस्थिति और सलाह ने कई लोगों को जीवन की समस्याओं से उबरने में मदद की।
डाकिनी साधना के लाभों के लिए आवश्यक शर्तें
डाकिनी साधना के लाभ तभी प्राप्त होते हैं, जब साधक निम्नलिखित शर्तों का पालन करता है—
1. गुरु का मार्गदर्शन: डाकिनी साधना बिना गुरु के जोखिम भरी हो सकती है। गुरु सही मंत्र, विधि, और सुरक्षा उपाय प्रदान करता है।
2. नियम और संयम: ब्रह्मचर्य, सात्विक भोजन, मौन, और एकांतवास का पालन अनिवार्य है।
3. मानसिक दृढ़ता: साधक को भय, लालच, और वासना से मुक्त होना चाहिए, क्योंकि डाकिनी इन कमजोरियों की परीक्षा लेती है।
4. नैतिक उपयोग: प्राप्त शक्तियों का उपयोग केवल श्रेष्ठ उद्देश्य, जैसे आत्मोन्नति, समाज कल्याण, और आध्यात्मिक मार्गदर्शन, के लिए करना चाहिए।
सावधानियाँ और उत्तरदायित्व
डाकिनी साधना के लाभ शक्तिशाली होने के साथ-साथ जिम्मेदारी भी लाते हैं। साधक को निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए—
दुरुपयोग से बचें: वशीकरण, मानसिक नियंत्रण, या त्रिकालदर्शिता जैसी शक्तियों का अनैतिक उपयोग डाकिनी की नाराजगी और साधक के पतन का कारण बन सकता है।
मानसिक स्थिरता: साधना की तीव्रता के कारण साधक को भयावह अनुभव या मानसिक अस्थिरता हो सकती है, जिसके लिए गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
नकारात्मक प्रभाव: गलत विधि या लापरवाही से साधक को नकारात्मक ऊर्जा, दुःस्वप्न, या शारीरिक हानि का सामना करना पड़ सकता है।
कर्म का उत्तरदायित्व: साधक को अपने कर्मों और शक्तियों का उत्तरदायित्व लेना चाहिए, क्योंकि डाकिनी साधना साधक को नैतिकता और धर्म के प्रति जवाबदेह बनाती है।
डाकिनी साधना साधक के लिए एक ऐसी आध्यात्मिक और तांत्रिक यात्रा है, जो उसे अलौकिक शक्तियों, आत्म-ज्ञान, और ब्रह्मांडीय चेतना से जोड़ती है। यह साधना त्रिकालदर्शिता, वशीकरण, कुंडलिनी जागरण, और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा जैसे लाभ प्रदान करती है, साथ ही साधक के व्यक्तित्व, मानसिक शक्ति, और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाती है। डाकिनी साधना साधक को मृत्यु के भय से मुक्त कर उसे मुक्ति और निर्वाण के मार्ग पर ले जाती है।
हालांकि, ये लाभ केवल तभी प्राप्त होते हैं, जब साधक पूर्ण समर्पण, गुरु के मार्गदर्शन, और नैतिकता के साथ साधना करता है। डाकिनी की प्रचंड और उग्र ऊर्जा साधक की कठिन परीक्षा लेती है, और केवल दृढ़ और शुद्ध मन वाले साधक ही इसकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यदि सही रीति से की जाए, तो डाकिनी साधना साधक के जीवन को परिवर्तित कर उसे एक आध्यात्मिक योद्धा, मार्गदर्शक, और ब्रह्मांडीय चेतना का साधक बना सकती है। यह लेख डाकिनी साधना के लाभों को विस्तार से प्रस्तुत करता है, ताकि यह जानकारी साधकों और जिज्ञासुओं के लिए सर्वाधिक उपयोगी और प्रेरणादायी हो।






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आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है धीरे-धीरे आपके पिछले लेखों को हम पढ़ते हैं मुझे मनपसंद आपकी वेबसाइट मिल गई है नियमित समय निकाल कर पढ़ते रहते हैं जो जानकारी लाख तलाश से कहीं नहीं मिली थी मुझे सब धीरे-धीरे आपके लेखन में मिलती जा रही है। हमारी पत्नी को भी आपका हर लिखा लेख अच्छा लगता है वो भी जब समय मिलता है तो पढ़ती रहती हैं। आपका लेख ऐसे ही मिलता रहे यही प्रार्थना करते हैं। 🙏🙏हम सब के तरफ से आपको सादर प्रणाम।
बहुत ही बढ़िया जानकारी आपने दिया है सर जी प्रणाम 🙏
आपका कोई भी लेख पढ़कर मन प्रसन्न हो जाता है आप बहुत अच्छा समझने योग्य भाषा में स्पष्ट लिखते हैं आप को कोटि कोटि प्रणाम गुरु जी 🙏🙏