देवरिया। भाटपार रानी क्षेत्र में नवरात्रि के पावन पर्व पर आयोजित भाटपार रानी में डांडिया महोत्सव ने अपार उत्साह और सांस्कृतिक रंगारंगता के साथ अपनी शुरुआत की। पहले घोषित कार्यक्रम के अनुरूप, यह उत्सव न केवल धार्मिक भक्ति का प्रतीक बना, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का अनुपम उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
आयोजकों मे नगर पंचायत अध्यक्षा प्रेमलता गुप्ता एवं प्रतिनिधि विजय कुमार गुप्ता और जायसवाल ब्यूटी पार्लर प्रोपराइटर ऊषा जायसवाल की संयुक्त पहल से सजाया गया यह महोत्सव निर्मल मैरेज हॉल में दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक चला, जहां रंग-बिरंगे डांडिया नृत्य, गरबा की थिरकनें और पारंपरिक भजनों ने माहौल को दिव्य बना दिया। भारी बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं और उत्साही युवतियों महिलाओं ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को यादगार बना दिया, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने का संकल्प दर्शाता है।
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नवरात्रि का यह उत्सव मां दुर्गा की आराधना के साथ-साथ गुजराती संस्कृति के अभिन्न अंग डांडिया और गरबा नृत्य से सराबोर रहा। कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा की भव्य आरती और भजनों से हुई, जिसके बाद विभिन्न आयु वर्गों के महिला प्रतिभागियों ने डांडिया प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाएं और युवतियां रंग-बिरंगे लहंगे-चुनरी तथा गहनों से लबरेज नृत्य की ताल में थिरकते दिखीं।
आयोजकों ने महिलाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य को साकार करते हुए बच्चियों के लिए अलग से खेल-कूद और डंडिया प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जिससे छोटे-छोटे बच्चियां भी उत्सव का अभिन्न हिस्सा बनीं। प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को आकर्षक पुरस्कारों के साथ-साथ गोल्ड मेडल भी पहनाए गए, जो उनकी प्रतिभा को सम्मानित करने का प्रतीक बने।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण रहा सम्मान समारोह, जहां नगर पंचायत अध्यक्षा प्रेमलता गुप्ता ने प्रतियोगियों की योग्यताओं को नगर पंचायत की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने न केवल विजेताओं को, बल्कि पूरे कार्यक्रम में शरीक होने वाले सभी प्रतिभागियों को गोल्ड मेडल पहनाकर सम्मानित किया, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उप जिलाधिकारी तथा थाना अध्यक्ष भाटपार रानी ने भी अपनी उपस्थिति से आयोजन को गरिमामय बनाया। विशेष रूप से, कार्यक्रम की भव्य तैयारी के लिए जयसवाल ब्यूटी पार्लर, स्टेशन रोड की प्रोपराइटर उषा जायसवाल को पुष्प गुच्छ और शाल से सम्मानित किया गया, जिनकी मेहनत ने उत्सव को और अधिक जीवंतता प्रदान की। इस समारोह ने न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया, बल्कि सामुदायिक सहयोग की मिसाल भी कायम की।
भाटपार रानी में डांडिया महोत्सव सजावट और स्टॉल्स ने बांधा समां
निर्मल मैरेज हॉल को नवरात्रि के रंगों से सजाया गया था, जहां रंग-बिरंगी लाइटिंग, फूलों की मालाएं और पारंपरिक मिट्टी के दीयों ने मंच को दिव्य रूप प्रदान किया। प्रवेश द्वार पर स्थापित मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया, जबकि स्टॉल्स पर पारंपरिक व्यंजन फल, मिष्ठान उपलब्ध रहीं। ये स्टॉल्स स्थानीय कारीगरों द्वारा संचालित थे, जिससे उनकी आजीविका को बल मिला।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील आयोजकों ने प्लास्टिक के उपयोग को न्यूनतम रखा और कागज-पत्तों से बनी सामग्रियों को प्राथमिकता दी। प्रसिद्ध डांडिया टीम का अनूठा प्रदर्शन और लाइव म्यूजिक बैंड के पारंपरिक-आधुनिक गीतों के मिश्रण ने माहौल को चरमोत्कर्ष पर पहुंचा दिया, जिससे बारिश की बूंदों के बीच भी उत्सव की धूम बरकरार रही।

भटापार रानी नगर पंचायत का विशेष सहयोग इस आयोजन की सफलता का आधार रहा। नगर पंचायत के कर्मचारी पुलिस प्रशासन ने प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा, जबकि स्थानीय निवासियों ने उत्साहपूर्वक योगदान दिया। कई परिवारों ने अपने बच्चों और युवाओं को डांडिया सिखाने की तैयारी पहले से ही कर ली थी, जो इस उत्सव को सामाजिक सौहार्द का माध्यम बना गया।
प्रेमलता गुप्ता ने अपने उद्बोधन में बारिश होने के बावजूद हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया और आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में इससे भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह उत्सव न केवल मनोरंजन का स्रोत बना, बल्कि लोगों को एक-दूसरे के करीब लाकर क्षेत्रीय एकता को मजबूत किया।

भाटपार रानी में डांडिया महोत्सव ने नवरात्रि को एक नई ऊंचाई प्रदान करते हुए भाटपार रानी को सांस्कृतिक मानचित्र पर स्थापित कर दिया। निशुल्क प्रवेश के कारण हर वर्ग के लोग इसमें सम्मिलित हुए और मां दुर्गा की भक्ति में लीन हो गए। आयोजकों की अपील पर युवाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जो हमारी परंपराओं को जीवित रखने का संकल्प दर्शाता है। इस यादगार आयोजन के माध्यम से क्षेत्र न केवल धार्मिक उत्साह से सराबोर हुआ, बल्कि सामुदायिक बंधन भी मजबूत हुए। प्रेमलता गुप्ता ने सभी से अनुरोध किया ऐसे कार्यक्रमों में सक्रिय रहें और सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करें। amitsrivastav.in पर अमित श्रीवास्तव कि रिपोर्ट।
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