घोटालेबाजों को जेल, काला धन वापसी, बेरोजगारों को रोजगार देने का झूठा वादा 2014 चुनावी मंचों पर कर सत्ता पर काबिज बीजेपी सरकार। राजनीति करना इतना आसान नहीं और सिर्फ बड़ी बड़ी ढींग हांकने से स्थापित सत्ता स्थाई नहीं रह सकती। अभी तक तो बीजेपी सरकारों को एक मछली पकड़ने आया नही मगरमच्छ पकडने का ढिंढोरा पीट सत्ता पर काबिज है। जब तक हकीकत जनता के सामने नहीं आ रहा है तब तक सत्ता हाथ में है। सत्ता पर काबिज रहने और बढ़त बनाने के लिए आम जन की जरूरत और समस्याओं को ध्यान में रखकर काम करना जरूरी होता है। देश के हर राज्य की जनता हर राज्य में होने वाली चुनाव, चुनावी एजेंडा और उसे कहाँ तक उस राज्य की बनी सरकार पूरा की देख रही है।

भाजपा का चुनावी एजेंडा
चुनाव बाद चुनावी एजेंडा कूड़ेदान में डाल पांच साल शासन कर फिर चुनाव मैदान में आना और कहना बहुत बिगड़ चुका है। इतना आसान नहीं पांच साल में सब पटरी पर लाना एक मौका और दिजीए। इस बार स्वर्ग बना दूंगा, भ्रष्टाचार खत्म कर दूंगा, बेरोजगारी खत्म कर दूंगा, इतनी नौकरियां दूंगा, किसानों का आय दूना कर दूंगा, सबको रोजगार दूंगा वगैरह वगैरह झूठा वादा कब तक और कहां तक सफल होगा। यह खुद भी सरकार में जिम्मेदार नेताओं को सोचना चाहिए। 2014 के चुनावी मंचों से अब दूसरे बार प्रधानमंत्री का कुर्सी सम्भाले नरेन्द्र भाई मोदी के भाषणों पर गौर करें तो दिखेंगा जो भी कहा सिर्फ कहा किया नहीं। जो कहा नही जिस मुद्दों पर पिछली सरकार में बिरोध किया वह सब कर दिया। थोड़ा भी हिंचक नही किया। वह सब यहां बताना जरूरी नहीं क्योकि सबको पता ही है। गैस, डिजल, पेट्रोल, खाद्य आदि किसी भी तरह की महंगाई पर भाजपा के अगुआई में ही भारत बन्द, रेल बन्द, देश भर में धरना प्रदर्शन होता था, अब तो दूसरी बार का शासनकाल पूरा कर तीसरे बार सरकार बनाने का दावा ठोंका जा रहा है। किसी मुद्दे को लेकर कोई बन्दी दसों सालों से देखने को भी नही मिला….। सरकारी कर्मचारियों के कामकाज में सुधार लाना कोई बिकट समस्या नहीं थी। सरकार चाहती तो सुधार ला सकती थी लेकिन सुधार लाने से अच्छा निजीकरण समझा गया और निजीकरण पर सरकार अग्रसर है।
क्योंकि मछली-पकड़ना तो आता नही मगरमच्छ पकडने का बड़ा बड़ा दावा मंचों से हुआ करता है। भ्रष्टाचारियों का मनोबल और भी बढ़ गया है। इन मगरमच्छ स्वरूप भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसना चाहिए था न कि निजीकरण जो न तो देश हित में है न जन हित में है। निजीकरण के बाद महंगाई मनमानी जा रही है। जो आप सब को देखने को मिलने भी लगा है। देश की जनता एक मजबूत लोकतंत्र का गठन किया यह सोचकर नही कि मंत्रालयों को विभागों को बेचते रहिये, व्यवस्था को सुधारने के लिए मजबूत सरकार बना, यहां बेचना ही सुधार समझा जा रहा है। देश में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का बनता जा रहा है। बेरोजगारी चरम पर और भ्रष्टाचार का तो पुछना ही नहीं जो पिछली सरकारों में रिश्वतखोरी सौ दो सौ थी। इस भाजपा सरकार का धौंस दिखा हजारों लाखों में चल रहा है।
आम जन जमा पूंजी गवा बैठा
मोदी सरकार को सत्ता में आने से पहले चिटफंड कम्पनीयां भले ही 2014 से मोदी सरकार की नजर में गैर कानूनी तरीके से चल रही थी। चल तो रही थी और करोड़ों लोगों के पास उन कम्पनीयों से प्राप्त रोजगार भी तो था। मोदी सरकार के आते ही सब पर शिकंजा कसना शुरू हुआ और लोगों की जमा पूंजी भी हड़प कर गंगा स्नान करने कंपनी संचालक चले गए। मोदी सरकार में निवेशकों की पूंजी कंपनी संचालक लेकर बैठे हैं। नुकसान किसका हुआ देश के उस जनता का जो थोड़ा ज्यादा लालच में अपने थोड़ी लाभ के चक्कर में, एजेंटों की बातचीत से आकर्षित, अपनी-अपनी इकट्ठी पूंजी जल्द ग्रोथ के चक्कर में उन कम्पनीयों में लगा रखा था, जीन चिटफंड कम्पनियों से मिलता भी था, भाजपा सरकार बनते ही सभी निवेशकों ने अपनी पूंजी भी गवां बैठे हैं, फायदा जो भी हो सरकार को- नुकसान तो जनता का ही हुआ। क्या सरकार का दायित्व नहीं आम जन की जमा पूंजी ही उन गंगा स्नान करने वालों से दिला दे? अगर यही काम कांग्रेस सरकार में हुई होती और बीजेपी विपक्ष होती तो देश भर में धरना प्रदर्शन भारत बन्द आदि हुआ होता और आम जन की जमा पूंजी ही नहीं लाभ सहित वापसी भी यह बीजेपी वाले करवा दिये होते। लेकिन अब तो जो देश भर में धरना प्रदर्शन भारत बन्द करने कराने वाले थे। वहीं इस समय सत्ताधारी हैं। तो फिर देश भर में धरना प्रदर्शन भारत बन्द भी भारत की जनता को भूल ही गया है। जनता तो इस आस में बैठी है। मोदी जी सब भ्रष्टाचारियों को पकड़ने वाले हैं।

गंगा स्नान कर भाजपा में जा रहे हैं लूटेरे
भ्रष्टाचारी सब बडे-बडे मगरमच्छ के समान हैं और दस साल बित गया मोदी जी को तो मछली-पकड़ना आया ही नहीं तो इन बड़े बड़े मगरमच्छो को कैसे पकड़ेंगे। अभी तो ऊंची-ऊंची टिलो से भाषण देते हुए देश भर में जाल खिंचने वाले भक्तों की फौज खड़ी कर रहे हैं। भक्त गणों को विश्वास है कि एक दिन प्रधानमंत्री मोदी सब मगरमच्छ समान भ्रष्टाचारियों को एक साथ पकड़ कर जेल भेज देगें। लेकिन हमें तो लगता नही मोदी ऐसा करने वाले हैं। लगता तो यही है कि छोटी बड़ी मछलियों को भी पकड़वा कर बाजार में बेचवा यही कहने वाले हैं कि मेरे देश वासियों आप सब के त्याग व सहयोग भाव से सब मछली-पकड़वा बाजार भेज दिया हूँ और अब अच्छी किमत मिलने का इन्तज़ार करो अच्छी किमत मिला तो गांवों में ही कम्पनीयां खोला जायेगा और आप सब अपने गांव में ही रोजगार प्राप्त करोगे, गांव से बाहर भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसा कि 2014 चुनावी मंचों से कहा करते थे आपको आपके जिले राज्य में ही रोजगार मिलेगा गुजरात के तर्ज पर हर राज्यों का विकास करुंगा, तब तक छोटी बड़ी मछलियों से जो जीविका चल रही थी खत्म…. न रहेगी मछलियां न रहेगा मगरमच्छ, वो तो वैसे ही मर जायेगा न। फिर मछली का बाजार मंदा, भाव ही नही मिलेगा, जो था वह भी गया जो है वह भी चला जायेगा। थोड़ा अच्छा कार्य के लिए नुकसान तो होता ही है, सो हो रहा है। लोगों का रोजगार भी जा रहा है और अभी कुछ सालों तक कोई आस भी नही दिखाई दे रहा। वही चुनावी एजेंडा लेकर भाजपा बंगाल राज्य में ममता के आगे मात खा गयी। बंगाल की जनता को यह झूठा लालिपाप स्वीकार नहीं हुआ और ममता से त्रस्त रहते हुए भी फिर ममता के हाथ में सत्ता दे दिया। अगर भाजपा सरकार अपने चुनावी एजेंडा पर चलते हुए हर राज्यों में कार्य की होती तो हर राज्य की जनता को दिखाईं देता और सत्ता में आने से भाजपा को रोक पाना हर एक पार्टियों के लिए हर राज्यों में मुस्किल हो जाता। लेकिन कोई बात नहीं इबीएम जिन्दाबाद, भाजपा सरकारों के कामकाज और एजेंडा, गंगा स्नान कारीयों पर जनता सवाल खडी कर ही देंगी अब वो दिन दूर नहीं, दिखने लगा है, मछली-पकड़ना आता नही मगरमच्छ क्या पकड़ेगी यह बीजेपी सरकार ? जनता को लूट मगरमच्छ स्वरूप भ्रष्टाचारी देश विदेश यात्रा पर मस्त हैं। जनता अपनी पूंजी गवा त्रस्त हैं। सरकार इन सब चिटफंड संचालकों से जनता की पूंजी वापस दिलाने वाली भी नही दिख रही। कही देश भर के इन लूटेरों के साथ सरकार का साठगांठ तो नहीं – जनता को लूटो और आकर यहां गंगा स्नान कर पाक-साफ हो चैन की सांस लेते रहो। जैसे शारदा चिटफंड घोटाला मामले का दो मुख्य आरोपी मुकुल राय और हेमंत भाजपा ज्वाइन कर कोर्ट का आदेश सम्पत्ति कुर्क से बच पब्लिक का जमा पूंजी लौटाए बगैर पाक-साफ हो लिए। देश भर में अनेकों भ्रष्टाचारी, धोटालेबाज, अन्य पार्टियों से निसकासित, या दलबलू लगभग लगभग भाजपा ज्वाइन गंगा स्नान कर पाक-साफ बने हुए हैं। तृणमूल कांग्रेस का आरोप था कि बीजेपी सरकार जानबूझकर ममता बनर्जी सरकार को निशाना बना रही है पार्टी का कहना अगर केंद्र सरकार इतनी निष्पक्ष है तो टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले शारदा चिट फंड घोटाले के आरोपी मुकुल रॉय और असम सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा के खिलाफ जांच क्यों नहीं होने दे रही? चिटफंड घोटालेबाजों द्वारा निवेशकों की पूंजी हड़प रखना सरकार की मिलीभगत या संरक्षण ही है। जनता जब वास्तविकता से परिचित होगी फिर सब पोल अपने आप खुलने लगेगा।

2 thoughts on “मछली पकड़ना आया नही, मगरमच्छ कैसे पकड़ेगी बीजेपी सरकार”