कौन सी यक्षिणी सबसे अच्छी है: कौन सी यक्षिणी क्या करती है? जानिए यक्षिणीयों से जुड़ी हर सवाल का जवाब

Amit Srivastav

यक्षिणी साधना में अलग-अलग यक्षिणियाँ भिन्न-भिन्न प्रकार के लाभ और वरदान प्रदान करती हैं। प्रत्येक यक्षिणी की अपनी विशिष्ट शक्ति और उद्देश्य होती हैं। यहाँ भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के वंशज अमित श्रीवास्तव की कलम से जानिए 36 यक्षिणियों से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी और उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभ सहित बहुत कुछ तो नियमित पढ़ते रहिए एक योग्य कलम की लेखनी को।

कौन सी यक्षिणी सबसे अच्छी है: कौन सी यक्षिणी क्या करती है? जानिए यक्षिणीयों से जुड़ी हर सवाल का जवाब

1. कमला यक्षिणी

लाभ: धन, वैभव, और ऐश्वर्य की प्राप्ति। यह लक्ष्मी का एक रूप मानी जाती हैं और समृद्धि प्रदान करती हैं।

2. स्वर्णमाला यक्षिणी

लाभ: स्वर्ण (सोना) और कीमती धातुओं की प्राप्ति। आर्थिक समृद्धि में वृद्धि करती हैं।

3. कुबेर यक्षिणी

लाभ: धन और संपत्ति की रक्षा करती हैं। कुवेर की सहायक मानी जाती हैं और आर्थिक संकटों से उबरने में मदद करती हैं।

4. पद्मिनी यक्षिणी

लाभ: सुंदरता, आकर्षण, और वैवाहिक सुख प्रदान करती हैं। स्त्रियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती हैं।

5. सौम्या यक्षिणी

लाभ: मन की शांति और मानसिक स्थिरता प्रदान करती हैं। तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाती हैं।

6. चंद्रकांता यक्षिणी

लाभ: मानसिक शांति, चंद्रमा की तरह शीतलता और जीवन में संतुलन प्रदान करती हैं। प्रेम और सुख में वृद्धि करती हैं।

7. विलासिनी यक्षिणी

लाभ: भौतिक सुख, विलासिता और जीवन के भोगों में वृद्धि करती हैं।

8. महामाया यक्षिणी

लाभ: इंद्रियों पर नियंत्रण, आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति में सहायता करती हैं। महामाया से मानसिक शक्ति की प्राप्ति होती है।

9. मोहिनी यक्षिणी

लाभ: आकर्षण, मोहक शक्ति और विपरीत लिंग को आकर्षित करने की शक्ति प्रदान करती हैं।

10. सिद्धि यक्षिणी

लाभ: साधक को सिद्धियाँ प्रदान करती हैं, जिससे वह विभिन्न प्रकार के अलौकिक कार्य कर सकता है।

11. भूतिनी यक्षिणी

लाभ: नकारात्मक ऊर्जाओं और आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करती हैं। भय और अदृश्य शक्तियों से मुक्ति दिलाती हैं।

12. त्रिलोक्या यक्षिणी

लाभ: तीनों लोकों में विजय और सफलता प्रदान करती हैं। साधक को समस्त दिशा में सफलता मिलती है।

13. कलावती यक्षिणी

लाभ: कला, संगीत, नृत्य, और रचनात्मकता में निपुणता प्रदान करती हैं।

14. पिंगला यक्षिणी

लाभ: साहस, आत्मविश्वास, और जीवन में स्थायित्व प्रदान करती हैं। साधक को कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

15. मदालसा यक्षिणी

लाभ: मानसिक शांति और उत्साह प्रदान करती हैं। साधक को आनंद और संतोष की अनुभूति होती है।

16. चित्रलेखा यक्षिणी

लाभ: चित्रकला, रचनात्मकता, और सृजनात्मक कार्यों में दक्षता प्रदान करती हैं।

17. अनुराधा यक्षिणी

लाभ: मित्रता, समर्थन और सहयोग प्रदान करती हैं। सामाजिक संबंधों में वृद्धि होती है।

18. सुवर्णा यक्षिणी

लाभ: आर्थिक लाभ और स्वर्ण (सोना) की प्राप्ति में सहायता करती हैं।

19. कामिनी यक्षिणी

लाभ: प्रेम और कामुकता में वृद्धि करती हैं। यह प्रेम संबंधों को मजबूत बनाने में सहायक होती हैं।

20. रतिप्रिया यक्षिणी

लाभ: यौन आकर्षण, प्रेम और वैवाहिक सुख प्रदान करती हैं। रति देवी की कृपा से प्रेम संबंधों में सफलता मिलती है।

21. नारायणी यक्षिणी

लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करती हैं। शरीर को शक्ति और ऊर्जा प्रदान करती हैं।

22. श्री यक्षिणी

लाभ: धन, संपत्ति और जीवन में समृद्धि प्रदान करती हैं। लक्ष्मी स्वरूप मानी जाती हैं और वित्तीय संकटों से मुक्ति दिलाती हैं।

23. विरजा यक्षिणी

लाभ: जीवन में शुद्धता और आंतरिक शांति प्रदान करती हैं।

24. कृष्णप्रिया यक्षिणी

लाभ: प्रेम, भक्ति और अध्यात्म में वृद्धि करती हैं। कृष्णभक्ति में निपुणता देती हैं।

25. सुरसा यक्षिणी

लाभ: साधक को साहस और शक्ति प्रदान करती हैं। शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद करती हैं।

26. विद्या यक्षिणी

लाभ: शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि करती हैं। साधक को विद्या में निपुण बनाती हैं।

27. तारा यक्षिणी

लाभ: मुसीबतों से रक्षा और संकटों से बाहर निकलने में सहायता करती हैं।

28. वसुंधरा यक्षिणी

लाभ: भूमि और संपत्ति की प्राप्ति में सहायता करती हैं। वसुंधरा यक्षिणी से कृषि और भूमि से संबंधित लाभ मिलता है।

29. विरजिनी यक्षिणी

लाभ: आत्मा की शुद्धि और शारीरिक स्वच्छता प्रदान करती हैं।

30. अलका यक्षिणी

लाभ: शारीरिक आकर्षण और जीवन में सुंदरता प्रदान करती हैं।

31. रत्नमाला यक्षिणी

लाभ: रत्नों और कीमती धातुओं की प्राप्ति में सहायता करती हैं।

32. मंदाकिनी यक्षिणी

लाभ: मन की शांति और मानसिक संतुलन प्रदान करती हैं। जीवन में सुख और शांति का संचार करती हैं।

33. सिद्धमालिनी यक्षिणी

लाभ: साधक को विशेष सिद्धियाँ प्रदान करती हैं, जिससे उसे किसी भी कार्य में सफलता मिलती है।

34. मंजुला यक्षिणी

लाभ: शारीरिक और मानसिक सुंदरता प्रदान करती हैं। जीवन में प्रेम और आकर्षण में वृद्धि होती है।

35. धनवती यक्षिणी

लाभ: आर्थिक समृद्धि और व्यापार में सफलता प्रदान करती हैं।

36. सुभद्रा यक्षिणी

लाभ: शुभता, सद्भाव और कल्याण प्रदान करती हैं। जीवन में खुशहाली और संतोष लाती हैं।

यक्षिणियाँ साधक की विभिन्न इच्छाओं और जरूरतों की पूर्ति करती हैं, चाहे वह भौतिक समृद्धि हो, शारीरिक आकर्षण हो, या आध्यात्मिक उन्नति। हालांकि, यक्षिणी साधना तांत्रिक साधना का एक हिस्सा है, जिसे एक योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

कौन सी यक्षिणी सबसे अच्छी है:

कौन सी यक्षिणी सबसे अच्छी है: कौन सी यक्षिणी क्या करती है? जानिए यक्षिणीयों से जुड़ी हर सवाल का जवाब

यक्षिणियों के बीच “सबसे अच्छी” का चयन करना साधक की इच्छाओं और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है, क्योंकि हर यक्षिणी का उद्देश्य और वरदान अलग-अलग होते हैं। साधक जिस उद्देश्य को प्राप्त करना चाहता है, उसी के आधार पर वह यक्षिणी की साधना करता है। यहाँ अपनी अनुमान से 6 महत्वपूर्ण यक्षिणियों का विवरण दे रहे हैं।
1. कमला यक्षिणी:
उद्देश्य: धन, ऐश्वर्य और समृद्धि प्राप्ति के लिए।
क्यों श्रेष्ठ: यदि आप आर्थिक समृद्धि, धन, और ऐश्वर्य की कामना रखते हैं, तो कमला यक्षिणी सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं। इन्हें लक्ष्मी का रूप माना जाता है और धन संबंधित इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।
2. सिद्धि यक्षिणी:
उद्देश्य: सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए।
क्यों श्रेष्ठ: तांत्रिक साधकों के लिए सिद्धि यक्षिणी विशेष मानी जाती हैं क्योंकि यह साधक को आध्यात्मिक और अलौकिक सिद्धियाँ प्रदान करती हैं, जिससे साधक अपने कार्यों में विशेष दक्षता और सफलता प्राप्त कर सकता है।
3. मोहिनी यक्षिणी:
उद्देश्य: आकर्षण और प्रेम की प्राप्ति के लिए।
क्यों श्रेष्ठ: यदि कोई व्यक्ति प्रेम, आकर्षण या संबंधों में सफलता चाहता है, तो मोहिनी यक्षिणी श्रेष्ठ मानी जाती हैं। यह यक्षिणी व्यक्ति को मोहकता और आकर्षण प्रदान करती है।
4. विद्या यक्षिणी:
उद्देश्य: ज्ञान और शिक्षा प्राप्ति के लिए।
क्यों श्रेष्ठ: शिक्षा और ज्ञान में सफलता प्राप्त करने के लिए विद्या यक्षिणी की साधना श्रेष्ठ मानी जाती है। छात्र और विद्वान इसके माध्यम से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
5. त्रिलोक्या यक्षिणी:
उद्देश्य: तीनों लोकों में विजय और सफलता के लिए।
क्यों श्रेष्ठ: यदि कोई साधक सभी दिशाओं में सफलता और प्रतिष्ठा प्राप्त करना चाहता है, तो त्रिलोक्या यक्षिणी की साधना सर्वोत्तम मानी जाती है। यह यक्षिणी जीवन के हर क्षेत्र में विजय और सफलता प्रदान करती है।
6. महामाया यक्षिणी:
उद्देश्य: आत्मिक उन्नति और तंत्र साधना में सफलता के लिए।
क्यों श्रेष्ठ: आध्यात्मिक साधकों के लिए महामाया यक्षिणी सर्वोत्तम मानी जाती हैं, क्योंकि यह साधक को आत्म-ज्ञान, इंद्रिय-नियंत्रण और मानसिक शांति प्रदान करती हैं।

यह तय करना कि कौन सी यक्षिणी “सबसे अच्छी” है, साधक के व्यक्तिगत लक्ष्य पर निर्भर करता है। यदि आपका उद्देश्य धन-संपत्ति है तो कमला यक्षिणी, आध्यात्मिक सिद्धियों के लिए सिद्धि यक्षिणी, और आकर्षण एवं प्रेम के लिए मोहिनी यक्षिणी श्रेष्ठ मानी जाती हैं।

कौन सी यक्षिणी सबसे शक्तिशाली है:

कौन सी यक्षिणी सबसे अच्छी है: कौन सी यक्षिणी क्या करती है? जानिए यक्षिणीयों से जुड़ी हर सवाल का जवाब

यक्षिणियों में सबसे शक्तिशाली कौन है, यह साधक के उद्देश्य और साधना की गहराई पर निर्भर करता है। हालांकि, कुछ यक्षिणियों को उनकी विशिष्ट शक्तियों और प्रभाव के कारण अत्यधिक शक्तिशाली माना जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख शक्तिशाली यक्षिणियों का उल्लेख कर रहे हैं।
1. सिद्धि यक्षिणी
शक्ति: सिद्धियाँ प्रदान करने की असाधारण क्षमता।
क्यों शक्तिशाली: यह यक्षिणी साधक को अनेक सिद्धियाँ प्रदान करती है, जो उसे भौतिक और आध्यात्मिक दोनों ही क्षेत्रों में अद्वितीय शक्तियाँ देती हैं। तांत्रिक साधकों के लिए यह अत्यधिक महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि इनके आशीर्वाद से साधक अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त कर सकता है।
2. महामाया यक्षिणी
शक्ति: आत्मज्ञान, मानसिक नियंत्रण, और आध्यात्मिक उन्नति।
क्यों शक्तिशाली: महामाया यक्षिणी तंत्र साधना में अत्यधिक शक्तिशाली मानी जाती हैं। ये साधक को मानसिक शक्ति, आत्मिक शांति, और अद्वितीय आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती हैं। इन्हें जाग्रत करने से साधक समस्त इंद्रियों और मन पर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है।
3. त्रिलोक्या यक्षिणी
शक्ति: तीनों लोकों में विजय और असीम शक्ति।
क्यों शक्तिशाली: त्रिलोक्या यक्षिणी साधक को तीनों लोकों में विजय दिलाने की शक्ति रखती हैं। यह यक्षिणी साधक को सम्पूर्ण संसार में विजयी बना सकती है, इसलिए इसे अत्यधिक शक्तिशाली यक्षिणियों में गिना जाता है।
4. कमला यक्षिणी
शक्ति: धन, समृद्धि और ऐश्वर्य का नियंत्रण।
क्यों शक्तिशाली: यह लक्ष्मी का एक रूप मानी जाती हैं और साधक को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि प्रदान करती हैं। भौतिक समृद्धि और सफलता की दृष्टि से कमला यक्षिणी अत्यधिक प्रभावशाली होती हैं।
5. मोहिनी यक्षिणी
शक्ति: प्रेम और आकर्षण की अद्वितीय शक्ति।
क्यों शक्तिशाली: मोहिनी यक्षिणी साधक को अनूठा आकर्षण और मोहक शक्ति प्रदान करती हैं, जिससे वह किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। यह यक्षिणी भौतिक और मानसिक रूप से शक्तिशाली मानी जाती हैं।
6. स्वर्णमाला यक्षिणी
शक्ति: स्वर्ण और धन की प्राप्ति।
क्यों शक्तिशाली: स्वर्णमाला यक्षिणी साधक को अपार धन और सोने की प्राप्ति कराने की शक्ति रखती हैं। साधक की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती हैं।
यक्षिणियों में सिद्धि यक्षिणी और महामाया यक्षिणी सबसे शक्तिशाली मानी जाती हैं, क्योंकि ये साधक को अद्वितीय सिद्धियाँ और मानसिक नियंत्रण प्रदान करती हैं। त्रिलोक्या यक्षिणी भी अपनी अनंत शक्ति और सभी लोकों में विजय दिलाने की क्षमता के कारण अत्यधिक शक्तिशाली मानी जाती हैं।

कौन सी यक्षिणी सबसे अच्छी है: कौन सी यक्षिणी क्या करती है? जानिए यक्षिणीयों से जुड़ी हर सवाल का जवाब

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