देवरिया जनपद में बीते 20 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे जिले की रफ्तार थाम दी। सड़कों पर पानी भर गया, पेड़ गिर गए, बिजली व्यवस्था ठप हो गई और अस्पतालों में मरीजों को ले जाने तक में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कहीं बच्चे की गोद में बूढ़ा बाप फिसलकर गिर पड़ा तो कहीं अस्पताल के बरामदों में स्ट्रेचर से गुजरना भी मुश्किल हो गया। लगातार बरसती बारिश ने शहर और गांव दोनों की नब्ज़ पर असर डाल दिया।

लगातार बारिश से देवरिया में जनजीवन अस्त-व्यस्त, डीएम दिव्या मित्तल ने संभाली कमान — अस्पतालों से लेकर गलियों तक राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी।
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रविवार सुबह जब आसमान साफ हुआ और बारिश थमी, तो लोगों ने राहत की सांस ली। सड़कों पर हल्की धूप दिखते ही बाज़ारों में चहल-पहल लौटने लगी, लेकिन बारिश की रात ने शहर की हालत दयनीय बना दी थी। जगह-जगह बिजली के खंभे झुके हुए थे, पेड़ों की डालियाँ सड़कों पर गिरी पड़ी थीं और नालियाँ उफन कर सड़कों में मिल गई थीं।
डीएम दिव्या मित्तल खुद उतरीं सड़कों पर, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल रविवार सुबह स्वयं फील्ड पर उतरीं। उन्होंने नगर के कई इलाकों का निरीक्षण किया — भुजौली, देवरिया बाजार, तरकुलवा रोड और रुद्रपुर मार्ग जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर जलभराव, बिजली आपूर्ति, नालियों की सफाई और ट्रैफिक व्यवस्था की समीक्षा की।
डीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा — “बारिश के दौरान किसी नागरिक को परेशानी नहीं होनी चाहिए। जलभराव वाले इलाकों से तत्काल पानी की निकासी की जाए और बिजली के खंभों व तारों की जांच कराई जाए ताकि कोई दुर्घटना न हो।”
उन्होंने यातायात पुलिस को आदेश दिया कि शहर के किसी भी मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति नहीं बननी चाहिए। साथ ही नगर पालिका और विद्युत विभाग को निर्देशित किया कि वे फील्ड में रहकर लगातार कार्य करें और जनता की शिकायतों का तत्काल समाधान करें।
अस्पतालों में अव्यवस्था, स्ट्रेचर पर फिसलते परिजन और फिसलन भरे गलियारे
बारिश ने न सिर्फ सड़कों बल्कि अस्पतालों की स्थिति भी बिगाड़ दी। जिला अस्पताल और कई सीएचसी केंद्रों में बारिश का पानी गलियारों में भर गया। मरीजों को स्ट्रेचर पर लाने-ले जाने में परिजनों को भारी परेशानी हुई। फिसलन भरी फर्श पर कई लोग गिरकर घायल भी हुए।
अस्पताल स्टाफ ने पंपिंग मशीनों से पानी निकालने की कोशिश की, परंतु लगातार बरसात के कारण हालात देर तक सामान्य नहीं हो सके। स्वास्थ्य विभाग को डीएम ने निर्देश दिया कि वे तत्काल अस्पताल परिसर की सफाई कराएं और मरीजों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
डीएम दिव्या मित्तल ने नागरिकों से अपील की कि वे भारी बारिश के दौरान अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। उन्होंने कहा — “तेज़ हवा और बिजली गिरने की घटनाएँ जानमाल के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। पेड़ों, बिजली के खंभों या खुले मैदानों में खड़े होने से परहेज़ करें। सतर्कता ही सुरक्षा है।”
उन्होंने ग्रामीण इलाकों के प्रधानों और सचिवों से भी संवाद किया और कहा कि गाँवों में बिजली गिरने की घटनाओं से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। पशुओं को खुले में न बाँधने और बच्चों को जलभराव वाले इलाकों से दूर रखने की सलाह दी गई।
जगह-जगह पेड़ गिरे, बिजली और यातायात व्यवस्था बाधित
शहर के कई इलाकों — जैसे सलेमपुर रोड, रघुनाथपुर, खुखुन्दू, और देवरिया-गोरखपुर मार्ग — पर पेड़ गिरने से यातायात अवरुद्ध रहा। नगर निगम की टीम ने देर रात तक मोटर आरी और जेसीबी की मदद से पेड़ों को हटाया।
विद्युत विभाग की टीमों ने भी कई स्थानों पर तारों की मरम्मत की और ट्रांसफॉर्मरों की जांच की। हालांकि कई कॉलोनियों में बिजली आपूर्ति रविवार दोपहर तक बाधित रही।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासनिक टीम — जिसमें एसडीएम, सीओ, बीडीओ, नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं — युद्धस्तर पर राहत कार्य में जुटी है। सभी अधिकारी फील्ड में रहकर नालों की सफाई, जलनिकासी और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं।
रातभर चली रेस्क्यू टीमों ने पेड़ों के नीचे फंसे वाहनों को हटाया और जलभराव वाले इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया।
बारिश थमी, लोगों ने ली राहत की सांस
सुबह जब बादल छँटे और हल्की धूप निकली, तो देवरिया के लोगों ने राहत की सांस ली। बाजारों में धीरे-धीरे चहल-पहल लौटी, बच्चे अपने कोचिंग की ओर निकले और दुकानदारों ने दुकानें खोलीं। हालांकि सड़कों पर जगह-जगह कीचड़ और पानी के कारण सामान्य जीवन अभी पूरी तरह पटरी पर नहीं लौटा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन लगातार हालात पर नज़र रखे हुए है और किसी भी आपात स्थिति में कंट्रोल रूम से तुरंत सहायता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा — “हमारा उद्देश्य सिर्फ राहत नहीं, बल्कि सुरक्षा सुनिश्चित करना है।”
देवरिया में बीते दो दिनों की बारिश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासनिक सक्रियता और जन-सहयोग दोनों आवश्यक हैं। डीएम दिव्या मित्तल की फील्ड उपस्थिति ने लोगों में भरोसा जगाया है, और अब जब आसमान साफ है, तो उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही जनजीवन पूरी तरह सामान्य हो जाएगा। देवरिया से amitsrivastav.in पर पत्रकार दिलीप कुमार की रिपोर्ट।

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