प्रयागराज। डॉ. शंकर मिश्रा के नेतृत्व में बवासीर,भगन्दर का सफ़ल इलाज किया जा रहा है। यदि किसी को मल त्याग करते समय या बाद में खून आता है तो हो जाईए सावधान।
क्या आपके मलद्वार के आस-पास कोई फुंसी या घाव है? जो बार-बार फूटता है और जिसमे से मवाद या खून आता है? क्या आपको मल त्याग करते समय दर्द या जलन होती है? कोई मस्या या पिंड़ दिखाई देता है। यदि हाँ तो, हो सकता है वह बवासीर (पाईल्स) भगन्दर (फिश्चुला) फिशर या गुदा मार्ग या कैंसर भी हो सकता है।

समस्त गुदा रोगों की चिकित्सा आयुर्वेद व क्षारसूत्र द्वारा सफलता पूर्वक की जाती हैं। भगन्दर व बवासीर के उपचार के लिये क्षारसूत्र सर्वश्रेष्ठ पद्धति है। इस विधि से उपचार करने के बाद दोबारा होने की सम्भावना नही होती तथा हाई एनल फिश्चुला एनो में भी मलत्याग कर नियंत्रण बना रहता है। साथ ही मरीज़ जल्द ही स्वस्थ हो जाता है।
बवासीर (पाईल्स), भगन्दर (फिस्चुला) फिशर आदि गुदा रोगों के होने के मुख्य कारण आधुनिक जीवन शैली है। ज्यादा तेल मसाले युक्त भोजन,भोजन मे रेशे की कमी, फ़ास्ट फूड, समय पर भोजन न करना, पानी (तरल) कम लेना व्यायाम न करना।
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