Loksabha election 2024: राहुल-अखिलेश की फूलपुर और इलाहाबाद की रैली में भाषण सुनने वालों की बेतहाशा भीड़

Amit Srivastav

Updated on:

Loksabha election 2024: प्रयागराज के संसदीय क्षेत्र इलाहाबाद और फूलपुर में जनता की आपार उत्साह देखने को तब मिला, जब यहां पर राहुल और अखिलेश रैली को संबोधित करने आए थे। इंडिया गठबंधन की संयुक्त रैली 19 अप्रैल 2024 को फूलपुर में और इसके बाद उसी दिन इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र यानी प्रयागराज में आयोजित हुई।

संगम नगरी प्रयागराज लोकसभा चुनाव Allahabad Loksabha seat

Loksabha election 2024: राहुल-अखिलेश की फूलपुर और इलाहाबाद की रैली में भाषण सुनने वालों की बेतहाशा भीड़

फूलपुर जहां कभी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी चुनाव लड़ा था और जवाहरलाल नेहरू तीन बार फूलपुर से सांसद रहे। ‌चुनाव की राजनीति में इलाहाबाद यानी प्रयागराज का अपना अहम मुकाम है। यहां के जर्रे-जर्रे में राजनीति रचती और बसती है।

क्या कहती है प्रयागराज की जनता

यहां की जनता का रुझान अचानक बदल जाए, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। प्रयागराज का गौरव संगम नगरी और यहां का इलाहाबाद विश्वविद्यालय है।
‌25 तारीख को यहां मतदान होगा और इस बीच चुनाव के हर उतार-चढ़ाव को यहां की जनता देख और समझ रही है।
ऐसे में यहां रैली में जो उत्साह देखने को मिला उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां की जनता जिसे चुनती है, वह देश पर राज करता है।
धर्म की नगरी होने के साथ-साथ ही यह अध्ययन की नगरी भी है। ‌यहां हाईकोर्ट, अधिकांश केंद्रीय और राज्य सरकार के दफ्तर है, जहां बौद्धिकता पलती बढ़ती है। ‌मुद्दा महंगाई-बेरोजगारी यहां पर हावी है तो इसके अलावा यहां पढ़ने वाले छात्रों का एक ऐसा सिलसिला है जो दशकों से आईएएस व पीसीएस बनते रहे हैं। धर्म, साहित्य और राजनीति की चर्चा की नगरी में यहां की मिट्टी की बौद्धिकता पूरे देश के माहौल बता देती है।

प्रयागराज में फूलपुर और इलाहाबाद दो संसदीय सीट है। ‌ इस पर जोरदार टक्कर इंडिया गठबंधन और भाजपा से है। ‌इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त रैली यहां पर आयोजित की गई। ‌इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट पर आयोजित रैली के क्या मायने हैं यहां आखिरकार फूलपुर में राहुल गांधी और अखिलेश यादव भाषण क्यों नहीं दे पाए।‌ जबकि फूलपुर से बिना भाषण दिए अखिलेश यादव और राहुल गांधी लौटे इसके बाद इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के रैली में उन्होंने भाषण दिया और अपनी बात प्रयागराज की जनता के सामने रखा। ‌इस पर मिली जानकारी के अनुसार कुछ विश्लेषण हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। ‌

इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से लोकसभा उम्मीदवार 2024

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से उज्जवल रमण सिंह कांग्रेस की ओर से उतारे गए हैं। यह इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ‌जबकि इनके मुकाबले में भाजपा ने नीरज त्रिपाठी को उतारा है। मायावती की पार्टी से बीएसपी के उम्मीदवार रमेश पटेल है। असली लड़ाई यहां पर कांग्रेस के उज्जवल रमण सिंह और भाजपा के नीरज त्रिपाठी के बीच है। जबकि मायावती की पार्टी से बीएससी के उम्मीदवार रमेश पटेल इन दोनों के वोटो की काटने की चुनौती देते हुए नजर आ रहे हैं। ‌

फूलपुर संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार लोकसभा 2024

फूलपुर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जो की इंडिया गठबंधन के समर्थन से उतारे गए अमर नाथ सिंह मौर्य हैं। जबकि उनकी सीधी टक्कर भाजपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार सिंह पटेल से है। मायावती की पार्टी यानी बहुजन समाजवादी पार्टी से जगन्नाथ पाल को उतारा गया है। ‌यहां पर सीधे-सीधे लड़ाई भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच में है।

राहुल गांधी और अखिलेश यादव की फूलपुर रैली

India gathbandhan Rahul Gandhi and Akhilesh Yadav :

लोकसभा चुनाव 2024 की फूलपुर रैली में राहुल गांधी अखिलेश यादव जब पहुंचे तो यहां पर इतनी भीड़ थी की बड़ी मुश्किल से उनका हेलीकॉप्टर उतरा पाया। हाथों में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का झंडा लिए हुए उनके प्रशंसक जोरदार नारे लगा रहे थे।
फूलपुर की इस रैली में इतनी भीड़ देखकर अखिलेश यादव और राहुल गांधी बहुत उत्साहित हुए। लेकिन खबर के मुताबिक लाउडस्पीकर के तार कट जाने की वजह से वह अपना भाषण दिए बगैर ही जनता से मिलकर वहां से चले गए।

फूलपुर में इंडिया गठबंधन की रैली में इतनी भीड़ इस बात की ओर इशारा करती है कि जहां पर पलड़ा इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार का भारी है। बेरोजगारी महंगाई जैसे मुद्दे यहां पर भी हावी है। ‌फूलपुर संसदीय सीट हमेशा नए बदलाव के लिए भी जाना जाता है। ‌

इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र प्रयागराज लोकसभा में राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली

Loksabha election 2024: राहुल-अखिलेश की फूलपुर और इलाहाबाद की रैली में भाषण सुनने वालों की बेतहाशा भीड़

19 May 2024 फूलपुर रैली के बाद अखिलेश और राहुल इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र प्रयागराज में रैली के लिए उसी दिन आए। यहां पर कार्यकर्ता उनके मंच तक चढ़ आए। दूर-दूर से लोग उनके भाषण सुनने के लिए यहां पर आए थे। राहुल गांधी की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि इन दिनों जहां भी रैली के लिए जाते हैं, वहां बहुत ही भीड़ बढ़ जाती है। हालांकि यह भीड़ वोट में बदल पाएगा यह कहना अभी जल्दबाजी है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि यहां पर राहुल गांधी अखिलेश यादव ने भाषण दिया।
राहुल गांधी ने कांग्रेस से योजनाओं के बारे में बताया। ‌ हर गरीब महिलाओं को ₹100000 सालाना देने की अपनी इस योजना के बारे में उन्होंने बताया लोगों में उत्साह देखने को मिला। टकाटक टकाटक खाते में ₹100000 आने की बात कहने लगे। जिसे सुनकर वहां उत्साहित भीड़ राहुल गांधी और अखिलेश यादव के नारे लगाने लगे। किसानों की योजना के बारे में उन्होंने बताया। ‌ जिसमें हर किसान को एमएसपी की कानूनी गारंटी किसानों को दिलाने की बात कहीं। इसके साथ ही किसानों को समय-समय पर मांग की जाने वाली कर्ज माफी की बात भी कही। ‌ग्रेजुएट युवा को अप्रेंटिसशिप का अधिकार ₹100000 उनके अकाउंट में ठकाटक ठकाटक देने के अपने वादे को उन्होंने इस रैली में फिर दोहराया और युवा उत्साहित हो गए। आपको बता दे कि इन दिनों बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के कारण युवा नाराज हैं, ऐसे में चुनाव के समय में युवाओं के लिए यह वादा अमृत के समान है।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव की इस संयुक्त रैली में एक बात साफ हो रही है कि इंडिया गठबंधन बहुत तेजी से अपने वादों और इरादों से आगे बढ़ रहा है।

यह चुनाव अब कांटे की टक्कर में बदल गया है। युवाओं महिलाओं किसानों को चुनाव से काफी उम्मीदें हैं वहीं पर कांग्रेस के मेनिफेस्टो से उनकी उम्मीदें जुड़ गई है। जबकि इसके उल्टे भारतीय जनता पार्टी जनता के बीच महंगाई व बेरोजगारी के मुद्दे से दूर होती हुई नजर आ रही है। ‌भारतीय जनता पार्टी के मुद्दे जनता पर प्रभावशाली ढंग से प्रभाव जमा नहीं पा रहा है।‌ अग्निवीर योजना को रद्द करने पर सवाल पूछते हुए युवा प्रयागराज में नजर आ जाते हैं। महंगाई, बेरोजगारी व शिक्षा के मुद्दे पर यहां पर सवाल पूछे जा रहे हैं भाजपा के उम्मीदवार इनका जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ‌जाहिर सी बात है कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार भाजपा की है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ पर भी प्रश्न उठता है। ‌भाजपा की सीट अगर उत्तर प्रदेश से कम आती है तो निश्चित ही इसका ठीकरा योगीआदित्यनाथ पर फोड़ा जाएगा। इसलिए अरविंद केजरीवाल की बात सही नजर आती है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किसी और को बनाया जाएगा। ‌
हालांकि अटकलें हैं लेकिन राजनीतिक भाषा में इनका अर्थ भी लोग अपने-अपने तरह से निकलते हैं। ‌

ऐसे में उत्तर प्रदेश का अगले चरण का चुनाव भाजपा के लिए बहुत ही संघर्षभरा होने वाला है। अगर युवाओं किसानों और महिलाओं का वोट इंडिया गठबंधन की तरफ झुकना शुरू हो गया तो भारतीय जनता पार्टी कई सीटों पर नुकसान झेल सकती है। ‌ हालांकि 4 जून के परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन कितने पानी में है। लेकिन जिस तरह से मुद्दे हावी हो रहे हैं। उस आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन वर्सेस भाजपा के नरेंद्र मोदी के बीच चुनावी टक्कर वाला हो गया है। ‌

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र जिन्होंने राजनीति में अपना परचम लहराया

पावर सेंटर
•वीपी सिंह (8वें प्रधानमंत्री)
•चंद्रशेखर (9वें प्रधानमंत्री)
•शंकरदयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)
•गोपाल स्वरूप पाठक (पूर्व उपराष्ट्रपति)
•सूर्य बहादुर थापा (पूर्व प्रधानमंत्री, नेपाल)
•गुलजारी लाल नंदा (पूर्व कार्यवाहक पीएम)
•राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन (पूर्व सांसद व स्वतंत्रतासेनानी)
•पंडित गोविंद वल्लभ पंत (पूर्व सीएम, यूपी व पूर्व केन्द्रीय मंत्री )
•राजेन्द्र कुमारी बाजपेई (पूर्व उपराज्यपाल पांडिचेरी)
•नारायण दत्त तिवारी (पूर्व सीएम, यूपी)
•अर्जुन सिंह (पूर्व सीएम, एमपी)
•सत्येन्द्र नारायण सिन्हा (पूर्व सीएम, बिहार)
•हेमवती नंदन बहुगुणा (पूर्व सीएम, यूपी)
•रज्जू भैया (पूर्व प्रमुख आरएसएस)
•मुरली मनोहर जोशी (पूर्व केन्द्रीय मंत्री)
•जनेश्वर मिश्र (पूर्व केन्द्रीय मंत्री)
•रीता बहुगुणा जोशी (कैबिनेट मंत्री, यूपी)
•मदन मोहन मालवीय (आईएनसी के पूर्व अध्यक्ष)
•मदन लाल खुराना (पूर्व सीएम, दिल्ली)
•मुख्तार अब्बास नकवी (केन्द्रीय मंत्री)

Leave a Comment