संसद में राहुल गांधी का हंगामा: शिव जी की तस्वीर लहराकर सरकार पर साधा निशाना

Amit Srivastav

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आज संसद में राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान जबरदस्त हंगामा मचा दिया। उन्होंने भगवान शिव जी की तस्वीर लहराई और विभिन्न धर्मगुरुओं की भी तस्वीरें दिखाईं, जिससे सदन में बहस और हंगामा शुरू हो गया। राहुल गांधी ने कहा कि सभी धर्म हमें यह सिखाते हैं कि “डरो मत, डराओ मत”। उन्होंने शिवजी के त्रिशूल और अभय मुद्रा का भी उल्लेख किया और इसे सत्ता पक्ष पर निशाना साधने के रूप में प्रस्तुत किया।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ‘बायोलॉजिकल’ नहीं हैं, और सत्ता में आने के बाद से उन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है। इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राहुल गांधी से हिंदुओं पर की गई बयानबाजी के लिए माफी मांगने की मांग की।
राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना पर भी सरकार को घेरा और कहा कि यह योजना देश के लिए हानिकारक है। उनके इस बयान पर भी काफी विवाद हुआ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत इसका जवाब दिया।

भगवान शिव की तस्वीर लहराकर बहस का आरंभ:

संसद में राहुल गांधी का हंगामा: शिव जी की तस्वीर लहराकर सरकार पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर लहराते हुए कहा कि शिवजी का त्रिशूल और अभय मुद्रा हमें यह सिखाते हैं कि हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उनके इस कदम से सदन में बहस छिड़ गई। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सभी धर्मगुरु हमें यही सिखाते हैं कि “डरो मत, डराओ मत”। उनके इस बयान को सत्ता पक्ष पर निशाना साधने के रूप में देखा गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला:

राहुल गांधी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ‘बायोलॉजिकल’ नहीं हैं और सत्ता में आने के बाद से उन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है। इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राहुल गांधी से हिंदुओं पर की गई बयानबाजी के लिए माफी मांगने की मांग की।

अग्निपथ योजना पर विवाद:

राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना पर भी सरकार को घेरा और कहा कि यह योजना देश के लिए हानिकारक है। उनके इस बयान पर भी काफी विवाद हुआ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत इसका जवाब दिया। राहुल गांधी के इस बयान से सदन में और हंगामा बढ़ गया।

जानिए अग्निपथ योजना क्या है?

अग्निपथ योजना भारतीय सशस्त्र बलों में नई भर्तियों के लिए लाई गई एक योजना है। इस योजना के तहत, सशस्त्र बलों में चार साल की अवधि के लिए सैनिकों की भर्ती की जाती है, जिन्हें “अग्निवीर” कहा जाता है। इस योजना के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
अवधि: अग्निवीरों की सेवा अवधि चार साल की रखी गई है।
भर्ती प्रक्रिया: योजना के तहत भर्ती होने वाले जवानों को एक कठोर प्रशिक्षण के बाद चार साल के लिए सेवा में लिया जाता है।
छंटनी: चार साल की सेवा के बाद, केवल 25% जवानों को नियमित सेवा में लिया जाएगा, जबकि बाकी 75% जवानों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। उनका भविष्य क्या होगा यह गर्त का विषय है।
वेतन और सुविधाएँ: अग्निवीरों को चार साल की सेवा के दौरान एक निश्चित अल्प वेतन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
सेवा के बाद लाभ: सेवा समाप्ति के बाद, जवानों को एकमुश्त रकम और कुछ अन्य लाभ दिए जाएंगे।
अग्निपथ योजना से संभावित नुकसान:
अस्थिरता और सुरक्षा चिंताएं: चार साल की अल्प अवधि के कारण सैनिकों में स्थिरता की कमी आने की संभावना है। सैनिकों को लम्बे समय तक के लिए प्रशिक्षित और स्थायी सेवा में रखने से उनकी विशेषज्ञता और दक्षता बढ़ती है, जो कि इस अग्निवीर योजना के तहत कम हो सकती है।
मनोबल और प्रेरणा: चार साल की सेवा के बाद केवल 25% जवानों को नियमित सेवा में रखने की नीति से सैनिकों का मनोबल और प्रेरणा प्रभावित हो सकती है। अधिकांश जवानों को सेवा से मुक्त किए जाने की संभावना के कारण उनकी दीर्घकालिक योजना और करियर सुरक्षा पर सवाल उठ सकते हैं।
पुनर्वास और नौकरी सुरक्षा: सेवा समाप्ति के बाद, जवानों के लिए पुनर्वास और दूसरी नौकरी पाने की चुनौती हो सकती है। जबकि सरकार ने एकमुश्त रकम और अन्य लाभ देने की योजना बनाई है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हो सकता है।
पारिवारिक और सामाजिक प्रभाव: चार साल की सेवा के बाद जवानों को नौकरी से मुक्त किए जाने से उनके परिवारों और सामाजिक जीवन पर भी असर पड़ सकता है। स्थायी नौकरी न होने की स्थिति में परिवारिक स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है।
प्रशिक्षण और अनुभव की कमी: सैनिकों को चार साल की सेवा के दौरान अत्यधिक विशेषज्ञता और अनुभव हासिल करने का पर्याप्त समय नहीं मिल सकता है, जो कि लंबे समय तक सेवा में रहने वाले सैनिकों के मुकाबले कम हो सकता हैंडबाल ।
अग्निपथ योजना को लेकर सरकार का तर्क है कि यह सशस्त्र बलों को युवा और ऊर्जावान बनाएगी, लेकिन इसके आलोचकों का कहना है कि इससे सशस्त्र बलों में स्थिरता और अनुभव की कमी हो सकती है।
राहुल गांधी के आज के भाषण ने संसद में हंगामा मचा दिया। उनके द्वारा भगवान शिव की तस्वीर लहराना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करना सदन में बहस और विवाद का कारण बना। अग्निपथ योजना पर भी उनके बयान ने सदन में और हंगामा बढ़ा दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से संसद में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। राहुल गांधी के संसद में दिए गए बयानों को अलग-अलग तरीके से प्रस्तुत करके गोदी मीडिया सत्ता पक्ष के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है। आपको बता दे की गोदी मीडिया पूंजी पतियों द्वारा संचालित मीडिया है जो सत्ता पक्ष के लिए ही काम करती है ऐसा आरोप लगातार कई पत्रकारों द्वारा और विपक्षी दल के द्वारा लगाया गया।
आज संसद में जिस तरह से राहुल गांधी ने अपनी बात रखी उससे एक बात साफ हो जाता है कि जनता की आवाज के रूप में विपक्ष 10 साल बाद एक बेहतरीन तरीके से मिला है। ‌

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