रीना रॉय: बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री की प्यार, संघर्ष और नई शुरुआत की प्रेरक कहानी

Amit Srivastav

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रीना रॉय: बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री की प्यार, संघर्ष और नई शुरुआत की प्रेरक कहानी

रीना रॉय, हिंदी सिनेमा का वह चमकता सितारा हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, खूबसूरती और बेहतरीन अभिनय से 70 से 80 के दशक में दर्शकों के दिलों पर राज किया। उनका जीवन संघर्षों और उपलब्धियों की एक प्रेरणादायक कहानी है। चाहे वह उनकी फिल्मों का स्वर्णिम दौर हो, मोहसिन खान से शादी और तलाक का विवाद हो, या शत्रुघ्न सिन्हा के साथ उनके चर्चित रिश्ते हों, रीना का जीवन हमेशा सुर्खियों में रहा। आइए, रीना रॉय के जीवन के हर पहलू को उनकी बेटी सनम से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज हम लेखक भगवान चित्रगुप्त वंशज-अमित श्रीवास्तव विस्तार से बताने वाले हैं। तो अंत तक इत्मीनान से पढ़िए समझिए और अच्छा लगे तो शेयर किजिये।

रीना रॉय का असली नाम और प्रारंभिक जीवन

रीना रॉय का असली नाम सायरा अली था। उनका जन्म 7 जनवरी 1957 को मुंबई में हुआ। उनके परिवार की पृष्ठभूमि धार्मिक विविधता से भरी थी- मां मुस्लिम और पिता हिंदू थे। रीना के बचपन में ही उनके माता-पिता तीन तलाक से अलग हो गए, जिसके बाद रीना ने अपनी मां के साथ रहना शुरू किया। रीना का बचपन कठिनाइयों से भरा था। आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने बहुत छोटी उम्र में फिल्मों में काम करना शुरू किया ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकें।

रीना रॉय: बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री की प्यार, संघर्ष और नई शुरुआत की प्रेरक कहानी

रीना रॉय ने 1972 में फिल्म जरूरत से अपना डेब्यू किया। यह फिल्म बहुत बड़ी हिट नहीं थी, लेकिन इसमें उनके अभिनय ने फिल्म निर्माताओं का ध्यान खींचा। इसके बाद 1976 में सुभाष घई की कालीचरण ने रीना के करियर को नई ऊंचाई दी। फिल्म कालीचरण में उनकी और शत्रुघ्न सिन्हा की जोड़ी ने धमाल मचा दिया। इसके बाद यह जोड़ी कई फिल्मों में नजर आई और रीना को बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल कर दिया गया।

रीना रॉय की यादगार फिल्में

  • नागिन – 1976
  • जानी दुश्मन – 1979
  • अर्पण – 1983
  • हथकड़ी – 1982
  • विश्वनाथ – 1978
  • रीना ने रोमांटिक, गंभीर, और नारी प्रधान भूमिकाओं से लेकर नेगेटिव किरदारों तक हर रोल में अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया।

रीना रॉय और शत्रुघ्न सिन्हा का रिश्ता

रीना रॉय और शत्रुघ्न सिन्हा के रिश्ते ने 70 के दशक में काफी सुर्खियां बटोरीं। दोनों ने कई सुपरहिट फिल्मों में साथ काम किया, जैसे कालीचरण, विश्वनाथ, और हथकड़ी। फिल्मों की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई, जो धीरे-धीरे दोस्ती प्रेम संबंध फिजिकल रिलेशन में बदल गई। लेकिन शत्रुघ्न पहले से शादीशुदा थे और उनकी पत्नी पूनम सिन्हा इस रिश्ते से नाराज थीं। रीना के लिए यह रिश्ता भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण था। एक इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया कि इस रिश्ते ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया।  आखिरकार, रीना ने इस रिश्ते से दूरी बना ली।

रीना रॉय और सोनाक्षी सिन्हा की समानता

शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा का चेहरा रीना रॉय से काफी मिलता है। इस कारण कई बार यह बातें समाज के सामने आई जिसे बाद में रीना ने अफवाह बताया। रीना ने कहा है कि सोनाक्षी, हमारे गर्भ से पैदा हुई बेटी नही हैं। रीना ने इस बात को अफवाह बता कर खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक कुदरती संयोग है कि सोनाक्षी का चेहरा-मोहड़ा मुझसे मिलता है रीना सोनाक्षी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री है और उन्होंने अपनी मेहनत से इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है।

रीना रॉय का जीवन परिचय

रीना रॉय: बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री की प्यार, संघर्ष और नई शुरुआत की प्रेरक कहानी

रीना रॉय 70 और 80 के दशक की हिंदी सिनेमा की सबसे चमकदार अभिनेत्रियों में से एक थीं। अपने दौर में उन्होंने अपनी खूबसूरती, शानदार अभिनय और हिट फिल्मों के जरिए दर्शकों के दिलों पर राज किया। उन्होंने नागिन (1976), अर्पण (1983), और कालीचरण (1976) जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया और एक समय पर वह बॉलीवुड की सबसे अधिक फीस पाने वाली अभिनेत्रियों में से एक थीं।लेकिन रीना की निजी जिंदगी उनके फिल्मी करियर से भी ज्यादा चर्चा का विषय रही। 1983 में उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से शादी की, जो उस समय पाकिस्तान के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक थे। यह शादी और इसके बाद की घटनाएं न केवल उनके जीवन को पूरी तरह बदलने वाली साबित हुईं, बल्कि भारत और पाकिस्तान दोनों में सुर्खियां बनीं। आइए इस कहानी को भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के देव वंश-अमित श्रीवास्तव की कर्म-धर्म लेखनी में थोड़ा और विस्तार से समझते हैं।

मोहसिन खान और रीना रॉय की मुलाकात और शादी

रीना रॉय (Reena Roy) और मोहसिन खान (Mohsin khan) की मुलाकात 80 के दशक में हुई। मोहसिन खान उस समय पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के शानदार बल्लेबाजों में गिने जाते थे। उनके खेल के साथ-साथ उनकी हैंडसम पर्सनालिटी के भी कई प्रशंसक थे। मोहसिन ने रीना से मिलने के बाद जल्दी ही उनसे शादी करने का फैसला कर लिया। 1983 में, जब रीना रॉय अपने करियर के चरम पर थीं, उन्होंने अचानक बॉलीवुड को अलविदा कहकर मोहसिन खान से शादी कर ली। यह शादी उस समय भारतीय और पाकिस्तानी मीडिया में बड़ी खबर बनी। शादी के बाद रीना ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया, जहां उन्होंने मोहसिन के परिवार के साथ रहना शुरू किया।

शादी के बाद का जीवन

शादी के बाद रीना राय से मोहसिन को एक बेटी हुई, जिसका नाम ‘जन्नत’ रखा गया। हालांकि, शादी के शुरुआती दिनों में सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन जल्द ही दोनों के रिश्ते में समस्याएं आने लगीं। रीना, जो भारतीय संस्कृति और बॉलीवुड के खुले माहौल में पली-बढ़ी थीं, पाकिस्तान की पारंपरिक और रूढ़िवादी जिंदगी में खुद को पूरी तरह से ढाल नहीं पाईं। दूसरी ओर, मोहसिन ने अपने क्रिकेट करियर को छोड़कर बॉलीवुड में काम करने का फैसला किया, लेकिन उनका यह फैसला उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों पर भारी पड़ा।

मोहसिन खान का क्रिकेट छोड़कर बॉलीवुड में कदम

रीना से शादी के बाद मोहसिन खान ने क्रिकेट छोड़ दिया। उन्होंने बॉलीवुड में अपना करियर बनाने की कोशिश की। उन्होंने 1989 में फिल्म बटवारा से बॉलीवुड में डेब्यू किया। हालांकि, उनका अभिनय करियर ज्यादा सफल नहीं रहा।तलाक से पहले उन्होंने कुछ फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी पहचान क्रिकेटर के रूप में ही बनी रही।

तलाक: एक कठिन फैसला

1990 में रीना और मोहसिन ने आपसी सहमति से सात साल की शादी के बाद, दोनों ने तलाक ले लिया। उनके अलग होने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं, जिनमें व्यक्तिगत मतभेद और जीवनशैली का अंतर प्रमुख थे। तलाक के बाद, रीना भारत लौट आईं, लेकिन उनकी बेटी जन्नत की कस्टडी मोहसिन के पास रही। यह रीना के लिए एक बड़ा झटका था। वह अपनी बेटी को अपने पास रखने के लिए हर संभव प्रयास करने लगीं।

बेटी की कस्टडी के लिए रीना का संघर्ष

रीना रॉय के लिए उनकी बेटी उनकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा थी। उन्होंने अपनी बेटी की कस्टडी पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। कई रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि वह इस दौरान कई साधु-संतों से भी मिलीं और उनकी सलाह के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान किए। रीना ने एक इंटरव्यू में कहा था- मेरी बेटी मेरी ताकत थी। मैं उसे किसी भी कीमत पर अपने पास रखना चाहती थी। आखिरकार, उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें अपनी बेटी की कस्टडी मिल गई। रीना ने अपनी बेटी का नाम बदलकर ‘जन्नत’ से ‘सनम’ रख दिया और उसे भारत में अपने साथ रखा।

बॉलीवुड में वापसी की कोशिश

कस्टडी की लड़ाई के बाद, रीना ने एक बार फिर बॉलीवुड में वापसी करने की कोशिश की। हालांकि, 90 के दशक में बॉलीवुड बदल चुका था, और नई अभिनेत्रियों ने इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली थी। रीना को फिल्मों में वह सफलता नहीं मिली, जो उन्हें पहले मिली थी। इस असफलता के बाद, उन्होंने बॉलीवुड से पूरी तरह दूरी बना ली और अपने जीवन को एक नई दिशा देने का फैसला किया।

नई शुरुआत: एक्टिंग क्लास और मां की भूमिका

रीना रॉय ने अपनी बेटी सनम के साथ मिलकर मुंबई में एक एक्टिंग क्लास शुरू की। इस क्लास के जरिए उन्होंने नए टैलेंट को ट्रेनिंग देना शुरू किया। उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग करके कई युवा कलाकारों को गाइड किया। इसके अलावा, उन्होंने अपना पूरा ध्यान अपनी बेटी की परवरिश पर केंद्रित किया। रीना ने एक बार कहा था कि उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य अब उनकी बेटी की खुशियां थीं।

मोहसिन खान का जीवन और करियर

तलाक के बाद मोहसिन खान का फिल्मी करियर भी धीरे-धीरे समाप्त हो गया। उन्होंने कुछ और फिल्मों में काम किया, लेकिन वह बॉलीवुड में अपनी पहचान नहीं बना पाए। बाद में उन्होंने पाकिस्तान में अपने परिवार के साथ रहना शुरू कर दिया और खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया।

रीना रॉय का योगदान और विरासत

रीना रॉय का नाम आज भी बॉलीवुड की महान अभिनेत्रियों में शुमार है। उनकी फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की बल्कि भारतीय सिनेमा को समृद्ध भी किया। उनकी निजी जिंदगी, चाहे वह शत्रुघ्न सिन्हा के साथ उनका रिश्ता हो या मोहसिन खान से शादी और तलाक, हमेशा एक प्रेरणा रही है।

संघर्ष और प्रेरणा की कहानी

रीना रॉय और मोहसिन खान की कहानी प्यार, संघर्ष और नई शुरुआत की कहानी है। रीना ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपनी बेटी के लिए उन्होंने जो लड़ाई लड़ी, वह हर मां के लिए प्रेरणा है।
रीना रॉय का जीवन हमें सिखाता है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर इंसान दृढ़ निश्चय कर ले, तो वह हर बाधा को पार कर हर सुख का भोग कर सकता है।

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रीना रॉय की कहानी लेखनी का निष्कर्ष

रीना रॉय का जीवन संघर्ष, सफलता, और नई शुरुआत की कहानी है। उन्होंने हर मुश्किल को साहस के साथ सामना किया और अपनी शर्तों पर जिंदगी जी। रीना रॉय का शत्रुध्न सिन्हा से प्रेम सबंध समय के साथ बना और खत्म हुआ विपरीत लिंगों का एक साथ मिलकर रहना प्रेम का होना प्राकृतिक स्वभाव है, हर किसी को समय के अनुसार जरूरत भी जिसे रीना रॉय और शत्रुध्न सिन्हा ने मिलकर सुखमय तरीके से भोगा। उनकी फिल्में, उनकी अदाकारी, और उनकी प्रेरणादायक यात्रा हमेशा सिनेमा प्रेमियों के लिए यादगार रहेंगी। रीना रॉय हिंदी सिनेमा की वह चमक हैं, जो समय के साथ फीकी नहीं पड़ सकती।
रीना रॉय और मोहसिन खान की कहानी केवल एक शादी और तलाक की कहानी नहीं है, बल्कि यह जीवन के उन पहलुओं को दिखाती है, जहां प्यार, संघर्ष और बलिदान का महत्व है। आज भले ही रीना बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर हों, लेकिन उनकी कहानी हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।

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