प्रयागराज मुंडेरा नीम संराय कॉलोनी स्थित प्राचीन सिद्धपीठ काली मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। पूरे एक सप्ताह चलने वाले श्रीमद् भागवत कथा का समापन 24 मई, 2024 को हवन और विशेष प्रसाद वितरण के साथ होगा।
श्रीमद् भागवत कथा का महत्व
श्रीमद भागवत कथा का सनातन धर्म में सर्वाधिक महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि पहली बार कथा श्रवण मात्र से ही राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और उनका अकाल मृत्यु से बचाव हुआ था। भागवत कथा सुनने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि समय-समय पर भक्त श्रीमद भागवत कथा का आयोजन मंदिर, अपने घर, सार्वजनिक स्थलों आदि में करवाते हैं।
श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन बृहस्पतिवार 16 मई, 2024 को कलश पूजन के बाद दोपहर 3:00 बजे से शुरू हुआ। आपको बता दे 7 दिन चलने वाले श्रीमद् भागवत कथा से पहले दोपहर 3:00 बजे पूजन का आयोजन होता है। पूजन के बाद श्रीमद् भागवत सांयकाल 4:00 बजे प्रारंभ होती है जो शाम को 7:00 बजे समाप्त होती है। उसके बाद आरती कर प्रसाद वितरण किया जाता है।

प्रयागराज के प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य प्रमोद कृष्ण शास्त्री द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। 7 दिन चलने वाले इस भागवत कथा में स्थानीय लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
आज भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा सुनकर भक्तगण भाव विभोर हो गए। प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य प्रमोद कृष्ण ने बताया कि श्रीमद भागवत कथा सभी वेदों का सार है। इसे सुनने से मनुष्य तृप्त होता है और जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम यहां की स्थानीय महिलाओं के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। प्रयागराज से अभिषेक कांत पाण्डेय।