हिंदी विषय की तैयारी के लिए जरूरी टिप्स यह लेख हिंदी विषय की प्रभावी तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान करता है। इसमें बताया गया है कि उत्तर लिखते समय ‘टू दि प्वाइंट’ होना क्यों जरूरी है और कैसे काव्य तथा गद्य खंड को सही तरीके से हल किया जाए। साहित्यकार परिचय, चरित्र चित्रण, और HOTS प्रश्नों को स्टेपवाइज हल करने की रणनीति दी गई है। साथ ही, निबंध और पत्र लेखन की तैयारी के लिए करंट अफेयर्स और व्यावहारिक विषयों पर ध्यान देने की सलाह दी गई है। यह लेख छात्रों को बेहतर अंक प्राप्त करने में मदद करेगा और उनके लेखन कौशल को सुधारने में सहायक होगा।
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टू दि प्वाइंट लिखें:
अध्ययन की कमी के कारण कुछ छात्रों के उत्तर ‘टू दि प्वाइंट’ नहीं होते। न तो वह पैराग्राफ बदलते हैं और न ही उनके लेखन में
क्रमवद्धता होती है। इसके अलावा अन्य प्रश्नों में परीक्षक आपके विचार, आपके लिखने की शैली, लेखन क्षमता के तौर- तरीके व स्टेपवाइज दिए गए आंसर की परख करता है। थोड़ा आपके लेखन से भी प्रभावित होता है। एग्जामिनर हिंदी विषय में केवल पढ़ना व रटना पर्याप्त नहीं है। लेखन का अभ्यास भी जरूरी है। नियमित लेखन से लिखाई सुंदर होगी तो,
वर्तनी की त्रुटियां भी सुधरेंगी और विषय- वस्तु भी समझ में आएगी। बोर्ड परीक्षा के लिए कुछ टिप्स-हिंदी विषय के उत्तर ऐसे लिखें काव्य और गद्य ऐसे करें हल काव्य खंड को हल करते समय छात्र इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि व्याख्या वाले प्रश्न में पहले, प्रसंग में कवि और कविता का नाम तथा व्याख्या में प्रसंगानुसार छात्र के विचार तथा विशेष में अलंकार, भाषा और शिल्प सौंदर्य को सिर्फ एक-एक लाइन में लिखें।
इसी तरह गद्यांश की व्याख्या में रचनाकार की मूलकृति तथा उसमें दिए गए ‘मूल भाव’ का याद करना और समझना बेहद जरूरी है। गद्यांश में परीक्षक यह देखता है कि छात्र को दी गई विषय-वस्तु की कितनी जानकारी है। इसमें छात्रों को भाव-विचार व शिल्प सौंदर्य को अवश्य तैयार करना चाहिए। ऐसा करने से ऐसे प्रश्नों में पूरे अंक मिलते हैं। दूसरा साहित्यकार का परिचय देते समय तीन उप शीर्षक जरूरी है। पहला संक्षिप्त जीवन परिचय, रचनाएं व भाषागत विशेषताएं। चरित्र चित्रण वाले प्रश्नों को हल करते समय उन्हें अलग-अलग शीर्षकों में लिखें।
गद्यांश व पद्यांश की पंक्तियों को ज्यों का त्यों न लिख कर सीधी-सरल भाषा मैं संक्षिप्त व सटीक उत्तर देने चाहिए। हॉट्स प्रश्न ऐसे सॉल्व करें, जो प्रश्न अधिक अंकों के हैं, उन्हें हॉट्स क्वेश्चन कहते हैं। उन्हें स्टेपवाइज हल करें, क्योंकि ऐसे प्रश्नों में एक प्रश्न में ही भिन्न भिन्न चीजों को लिखना होता है। कम अंक वाले प्रश्नों को कम से कम दो बार पढ़ कर ‘टू दि प्वाइंट लिखें दिए गए शब्द सीमा के अंदर सटीक उत्तर लिखें।
ऐसे करें निबंध और पत्र लेखन की तैयारी
निबंध, पत्र व अपठित बोध की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। नए पाठ्यक्रम में निबंध लेखन के अंतर्गत परंपरागत विषयों पर नहीं, बल्कि करंट अफेयर्स व व्यावहारिक विषयों पर पूछे जाते हैं। जैसे आपदा प्रबंधन, पर्यावरण को कैसे बचाए, भ्रष्टाचार, लोकपाल बिल, भारतीय चुनाव प्रणाली में सुधार, जैसे महत्वपूर्ण विषयों को तैयार करके अलग नोटबुक पर लिख कर अभ्यास करें। अभ्यास करने से छात्रों में आत्मविश्वास व राइटिंग स्पीड में वृद्धि होती है। छात्रों को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि वो बड़े-बड़े वाक्य न बनाएं, बल्कि छोटे- छोटे व सरल वाक्यों का प्रयोग करें। Click on the link गूगल ब्लाग पर अपनी पसंदीदा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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