जीवन में प्रेम और लगाव Love and affection आत्मा की सबसे गहरी आवश्यकताएँ हैं। जब हम किसी रिश्ते या स्थान से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं, तो यह हमें खुशहाली और मानसिक शांति देता है। लेकिन जब किसी भी संबंध में प्रेम, लगाव और सम्मान खत्म हो जाता है, तो वहाँ ठहरना केवल दुख और तनाव को बढ़ाता है। यहां भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के देव वंश-अमित श्रीवास्तव की कर्म-धर्म लेखनी और मिस एशिया वर्ल्ड निधि सिंह का प्रेरणादायक संदेश आपको मार्गदर्शन देगा कि क्या करें क्या न करें? क्यों और कैसे ऐसे स्थानों और लोगों से दूर हो जाना चाहिए जहाँ आपको प्रेम, लगाव और अपनापन न मिले।
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difference between love and attachment (प्रेम और लगाव मे अंतर)
प्रेम और लगाव दोनों ही गहरे भावनात्मक अनुभव हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर है। प्रेम निःस्वार्थ, स्थायी और स्वतंत्र होता है, जबकि लगाव अक्सर स्वार्थ, आदत या आवश्यकता से जुड़ा होता है। प्रेम में हम किसी व्यक्ति की खुशी को अपनी खुशी मानते हैं, भले ही वह हमारे साथ न हो, जबकि लगाव में हम उस व्यक्ति को अपने पास बनाए रखने की इच्छा रखते हैं। प्रेम स्वतंत्रता देता है, उसे बांधता नहीं; वहीं लगाव नियंत्रण और अधिकार की भावना पैदा करता है। प्रेम में त्याग और समर्पण होता है, जबकि लगाव में अक्सर निर्भरता और असुरक्षा छिपी होती है।
उदाहरण के लिए, माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति प्रेम निश्छल होता है, वे बिना किसी शर्त के उनके सुख की कामना करते हैं, जबकि एक व्यक्ति का अपने किसी प्रियजन के प्रति लगाव उसे छोड़कर जाने के डर से उत्पन्न हो सकता है। प्रेम शांति और आत्मिक संतोष देता है, जबकि लगाव अगर अत्यधिक हो जाए तो मानसिक तनाव और दुःख का कारण बन सकता है। इसीलिए, प्रेम का होना जीवन में आवश्यक है, लेकिन लगाव को संतुलित रखना भी उतना ही जरूरी है ताकि वह हमारी स्वतंत्रता या मानसिक शांति को बाधित न करे।

प्रेम और लगाव क्यों जरूरी है?
जीवन में सुख-समृद्धि व ढ़ेरों खुशियां प्रेम से पाया जा सकता है। जब एक दूसरे अपरिचित या परिचित व्यक्ति मे प्रेम होता है तो वहा हम उम्र के पर लिंगीय व्यक्तियों में लगाव कि सम्भावना भी बन जाती है। कभी-कभी यह लगाव एकतरफ़ा भी होता है वह अक्सर दुख का कारण बनता है। जब लगाव दोनों तरफ़ से होता है तो वह अपार खुशियाँ लेकर आता है। जिनके जीवन में प्रेम और लगाव न हो वो जीवन एक निरस जीवन होता है।
(i) मानसिक शांति और आत्म-संतुष्टि का आधार
प्रेम और लगाव हमें मानसिक शांति और आत्म-संतुष्टि देते हैं। जब कोई व्यक्ति हमारे जीवन में सच्चे दिल से मौजूद होता है, तो हम सुरक्षित और खुश महसूस करते हैं। लेकिन अगर किसी रिश्ते में केवल औपचारिकता बची हो और प्रेम का अभाव हो, तो वह धीरे-धीरे तनाव का कारण बन जाता है।
(ii) भावनात्मक संतुलन बनाए रखता है
हमारे रिश्ते हमारे भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। प्रेम और लगाव से भरपूर संबंध हमें आत्मविश्वास और खुशी देते हैं, जबकि प्रेमहीन रिश्ते मानसिक और भावनात्मक संघर्ष बढ़ाते हैं।
जब प्रेम और लगाव खत्म हो जाए तो क्या करें?
(i) क्या आपके रिश्ते में बदलाव आ चुका है?
अगर आप अपने रिश्ते में किसी तरह की दूरी या ठंडापन महसूस कर रहे हैं, तो पहले खुद से पूछें – क्या मैं इस रिश्ते में खुश हूँ?, क्या मेरी भावनाओं की कद्र की जाती है?, क्या यह रिश्ता मेरे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है? अगर इन सवालों के जवाब नकारात्मक हैं, तो यह संकेत है कि आपको दूरी बनानी चाहिए। वैसे रिश्ते और वैसे स्थान से दूर हो जाना चाहिए।
(ii) क्या केवल आप ही प्रयास कर रहे हैं?
संबंधों में दोनों पक्षों की भागीदारी जरूरी होती है। अगर केवल आप ही रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं और सामने वाला उदासीन बना हुआ है, तो वहां से आपको आगे बढ़ जाना चाहिए। मतलब किनारे हो जाना चाहिए, क्योंकि? वैसे लोग न तो रिस्ते का कद्र करते हैं न ही सम्मान देते हैं।
(iii) क्या यह रिश्ता आपके आत्म-सम्मान को चोट पहुँचा रहा है?
एक स्वस्थ संबंध में सम्मान सबसे महत्वपूर्ण होता है। अगर आपको बार-बार नजरअंदाज किया जाता है, अपमानित किया जाता है या आपकी भावनाओं को महत्व नहीं दिया जाता, तो वहाँ रुकना आत्म-सम्मान के खिलाफ होगा।

खुद को मानसिक रूप से कैसे तैयार करें?
(i) आत्मविश्लेषण करें
अपने मन में चल रही भावनाओं को समझें और स्वीकार करें कि दूरी बनाना आपके लिए सही निर्णय है।
(ii) स्पष्ट संवाद करें
अगर संभव हो, तो सामने वाले से खुलकर बात करें और अपनी भावनाओं को व्यक्त करें। इससे आपको भी स्पष्टता मिलेगी और सामने वाले को भी आपके निर्णय को समझने का मौका मिलेगा।
(iii) रिश्ते को समाप्त करने का सही तरीका अपनाएं
रिश्ते को खत्म करने के लिए आक्रोश या क्रोध का सहारा न लें। शांतिपूर्वक और सम्मानजनक तरीके से दूरी बनाना हमेशा बेहतर होता है।
(iv) भावनात्मक रूप से मजबूत बनें
रिश्ते से दूर होने के बाद अकेलापन महसूस होना स्वाभाविक है, लेकिन यह अस्थायी होता है। इस दौरान आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करें और नई चीजों में खुद को व्यस्त रखें।
दूरी बनाने के बाद जीवन को कैसे संवारे?
(i) खुद पर ध्यान दें - अपनी पसंद की चीज़ें करें, नई आदतें विकसित करें, अपने लक्ष्य पर ध्यान दें।
(ii) नई सकारात्मक चीज़ें सीखें - किसी नए कौशल को सीखें, नई किताबें पढ़ें या किसी नए शौक में खुद को व्यस्त रखें। इससे आप मानसिक रूप से और मजबूत बनेंगे।
(iii) खुद को दोषी महसूस न करें - कई लोग दूर जाने के बाद अपराधबोध महसूस करते हैं। लेकिन याद रखें, आपने अपने आत्म-सम्मान और मानसिक शांति के लिए सही निर्णय लिया है।
(iv) सही लोगों से जुड़ें - उन लोगों के साथ समय बिताएँ जो आपकी परवाह करते हैं और आपको सम्मान देते हैं।

bitterness in relationships (रिश्तों में कडवाहट)
जब कोई रिश्ता आपको कडवाहट तकलीफ दे, तो वहाँ ठहरने की बजाय आगे बढ़ें क्योकि? रिश्तों का आधार प्रेम, सम्मान और आपसी समझ होता है। अगर ये चीजें खत्म हो जाएँ, तो वहाँ केवल दर्द और तनाव रह जाता है। ऐसे में खुद को किसी जहरीले (Toxic) रिश्ते में फँसाकर रखना समझदारी नहीं होगी। जानिए महत्वपूर्ण उपाय।
(i) सही समय पर सही निर्णय लें –
दूरी बनाना आसान नहीं होता, लेकिन यह आत्म-सम्मान और मानसिक शांति के लिए जरूरी है। सही समय पर लिया गया निर्णय आपको आगे बढ़ने और एक खुशहाल जीवन जीने में मदद करेगा।
(ii) खुद को प्राथमिकता दें –
आपका जीवन आपका अपना है। आपको इसे ऐसे लोगों के लिए नहीं गंवाना चाहिए जो आपकी कद्र नहीं करते।
(iii) जीवन में नए अवसरों को अपनाएँ –
एक बार जब आप ऐसे रिश्तों से बाहर आ जाते हैं जो आपको परेशान कर रहे थे, तो आपको नए अवसरों और खुशियों का एहसास होने लगेगा। Click on the link गूगल ब्लाग पर अपनी पसंदीदा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
(Love and affection) जहाँ प्रेम और लगाव न हो, वहाँ से दूर जाना ही बेहतर है
जहाँ प्रेम, सम्मान और लगाव न हो, वहाँ ठहरना केवल मानसिक और भावनात्मक कष्ट को बढ़ाता है। अगर आप किसी ऐसे रिश्ते या स्थान में हैं जहाँ आपको बार-बार नजरअंदाज किया जाता है, तो सबसे अच्छा यही होगा कि आप खुद को वहाँ से अलग कर लें।
याद रखें, एक खुशहाल जीवन के लिए सही निर्णय लेना जरूरी होता है। अपने आत्म-सम्मान और मानसिक शांति को प्राथमिकता दें, और केवल उन लोगों के साथ रहें जो आपको सच्चे दिल से प्यार और सम्मान देते हैं।

मार्गदर्शी संदेश – मिस एशिया वर्ल्ड निधि सिंह
अब तक 1596 एवार्ड प्राप्त मिस एशिया वर्ल्ड निधि सिंह का मानना है कि आत्म-सम्मान और मानसिक शांति किसी भी रिश्ते से अधिक मूल्यवान होते हैं। उनका संदेश स्पष्ट है—”जब कोई रिश्ता आपको नजरअंदाज करे, आपकी भावनाओं की कद्र न करे और आपको मानसिक शांति न मिले, तो वहाँ से दूर जाना ही बुद्धिमानी है। खुद को हमेशा प्राथमिकता दें और अपने जीवन को ऐसे लोगों से भरें जो आपको सच्चे दिल से प्यार और सम्मान देते हैं। आत्मनिर्भर बनें, अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, और एक सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ें। सही निर्णय ही आपको एक खुशहाल और संतुलित जीवन की ओर ले जाता है।”
निधि सिंह कि आपबीती प्रेरणादायी कहानी को पढ़ने के लिए गूगल फेसबुक किसी भी सर्च इंजन पर सर्च करें। amitsrivastav.in साइड पर भी निधि सिंह कि जीवन गाथा समर्पण बलिदान से जुड़ी प्रेरणा स्रोत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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