– योगी आदित्यनाथ ही बने रहेंगे मुख्यमंत्री।
– 2027 का विधानसभा चुनाव योगी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
– अखिलेश यादव का मुकाबला कर सकते हैं सिर्फ योगी आदित्यनाथ।
– अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतकर भारतीय जनता पार्टी के लिए टेंशन खड़ी कर दी है।
– ऐसे में बीजेपी के पास योगी के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं।
– दूसरी ओर, भाजपा संगठन का चेहरा बदलने की कवायद तेज हुई।
– बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी संगठन की बजाय अब सरकार में भेजे जा सकते हैं।
– यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सरकार से अब संगठन के बड़े दायित्व पर जा सकते हैं।

इस खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलाव की संभावनाएं हैं। योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री पद पर बने रहना और आगामी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ने का निर्णय भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं, संगठन में बदलाव की कवायद से प्रदेश की राजनीति में नई हलचल हो सकती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 में सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने योगी आदित्यनाथ का टिक पाना मात्र संभव। भाजपा से अन्य कोई चेहरा अगर बीजेपी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के लिए योगी के स्थान पर लाकर खड़ा करती है जैसा कि केशव प्रसाद मौर्या के नाम पर चर्चा थी तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 में भाजपा का सफाया नज़र आ रहा है। इन सभी मुद्दों पर मंथन के बाद बीजेपी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री पद से योगी आदित्यनाथ को हटाने की सोच में बदलाव कर दी है। अब 2027 विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ को ही आगे कर बीजेपी लड़ेगी यह साफ होता दिखाई दे रहा है। फिर भी जो अभी तक जनहितैषी कार्य हैं उसपर समय रहते पहल नहीं की तो भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 बीजेपी को सत्ता में आना मुस्किल दिखाई दे रहा है। बेरोजगारी महंगाई जैसे मुद्दे पर तत्काल बीजेपी को उचित कदम उठाना होगा। टेलीकॉम कंपनियों के बड़े रिचार्ज प्लान से आज भारी संख्या में लोग बीजेपी से नाराज दिखाई दे रहे हैं। संविदा कर्मी और पुरानी पेंशन बहाल की मांग करने वाले सरकारी कर्मचारी भी भाजपा से कट रहे हैं अगर इन्हें सहेजना और सत्ता में आना है तो इन मुद्दों पर तत्काल पहल करना होगा।