इंदौर में 35 मुस्लिमों ने इस्लाम त्याग कर अपनाया सनातन धर्म

Amit Srivastav

इंदौर में हाल ही में कुछ मुस्लिम परिवारों ने सनातन धर्म स्वीकार किया है। इस प्रक्रिया में उन्होंने हवन, पूजा और अन्य वैदिक अनुष्ठान किए। धर्म परिवर्तन के पीछे व्यक्तिगत आध्यात्मिक अनुभव, पारिवारिक निर्णय, व सामाजिक-सांस्कृतिक कारण हैं। मुस्लिम समुदाय में हलाला और तीन तलाक के साथ निकाह जैसे किसी व्यवसाय के लिए दो गवाहों के सामने का एग्रीमेंट हो ये सब इन लोगों को पसंद नहीं था। हिन्दू धर्म की रीति रिवाज व विवाद एक पवित्र बंधन आदि परंपराओं ने आकर्षित किया। इन लोगों ने इंदौर जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अपने मूल सनातन धर्म में पुनः वापसी की गुहार लगायी थी।
धर्म परिवर्तन का निर्णय अक्सर गहन व्यक्तिगत निर्णय होता है, और इसे लेकर कई बार समुदायों में चर्चा और बहस होती है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया, जबकि कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस पर चिंता व्यक्त की है। यह घटनाक्रम धार्मिक सद्भाव और सामाजिक एकता के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

खजराना गणेश मंदिर में हुआ आयोजन:

इंदौर में 35 मुस्लिमों ने इस्लाम त्याग कर अपनाया सनातन धर्म

इंदौर में शुक्रवार को खजराना गणेश मंदिर में एक महत्वपूर्ण आयोजन हुआ, जिसमें मुस्लिम समुदाय के करीब 35 लोगों ने इस्लाम त्यागकर सनातन धर्म अपनाया। इस आयोजन के दौरान वैदिक पद्धति से सभी का शुद्धिकरण किया गया। इन लोगों ने धार्मिक विधियों का पालन करते हुए पूजा-पाठ और हवन किया।

कानूनी प्रक्रिया का पालन:

धर्म परिवर्तन के लिए इन लोगों ने पहले इंदौर कलेक्टरेट में आवेदन दिया था। इसके बाद विधिवत प्रक्रिया का पालन करते हुए विश्व हिन्दू परिषद मालवा प्रांत के प्रमुख संतोष शर्मा के नेतृत्व में इन लोगों ने सनातन धर्म अपनाया।

व्यक्तिगत कारण:

इस समूह के कुछ सदस्यों ने बताया कि उन्हें अपने मजहब के कट्टरपंथी कानून, विशेष रूप से हलाला और तीन तलाक, में दिक्कत हो रही थी। इसलिए, उन्होंने सनातन धर्म को अपनाना बेहतर समझा।

नया नामकरण:

सनातन धर्म अपनाने के बाद सभी का नया नामकरण किया गया। उदाहरण के लिए, जमीन बी अब जमना बाई, नीलोफर शेख अब निकिता, और रज्जाक अब रोहित के नाम से पहचाने जाएंगे।

समर्पण का उदाहरण:

इन लोगों की ‘घर वापसी’ इस बात का उदाहरण है कि वे अपने नए धर्म में गहरी आस्था रखते हैं। आयोजन में संतोष शर्मा ने कहा कि धर्मांतरण करने वाले सभी लोगों की घर वापसी हो रही है, और और भी लोग सनातन धर्म अपनाने के लिए मंदिर में पहुंच रहे हैं।
यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन का एक नया अध्याय शुरू हो चुका है। समाज में सहिष्णुता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की झलक इस घटनाक्रम में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।

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