“गुनाह जो पता नहीं” “A love story” एक मार्मिक प्रेम कहानी है, जहाँ अर्पित और सिया का सच्चा प्यार समाज के बंधनों की भेंट चढ़ जाता है। क्या प्यार सच में जुर्म है? पढ़ें इस दिल छू लेने वाली प्रेम कहानी A love story को, जहाँ भावनाएँ, संघर्ष और अधूरा प्रेम एक अमिट छाप छोड़ते हैं।
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A love story प्रेम की पहली दस्तक
अर्पित और सिया की पहली मुलाकात कॉलेज के पुस्तकालय में हुई थी। अर्पित किताबों का दीवाना था, और सिया जीवन को खुलकर जीने वाली लड़की थी। उस दिन, जब अर्पित अपनी पसंदीदा किताब “अभिज्ञानशाकुंतलम्” लेने पहुँचा, तभी किसी ने पीछे से कहा—
“उफ्फ, ये कैसी किताबें पढ़ते हो? ज़िंदगी सिर्फ़ श्लोकों और दर्शन से नहीं चलती!”
अर्पित ने पलटकर देखा—सिया, हल्के नीले रंग के सलवार-कुर्ते में, चंचल आँखों से उसे देख रही थी।
“और ज़िंदगी सिर्फ़ मस्ती में बहने से भी नहीं चलती,” अर्पित ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
उस दिन के बाद दोनों की मुलाकातें बढ़ती गईं। वे दोनों बिल्कुल अलग थे—जहाँ अर्पित शांत, गंभीर और परिपक्व था, वहीं सिया मस्तीभरी, बेफिक्र और चुलबुली थी। लेकिन कहते हैं ना, विपरीत स्वभाव ही एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
कॉलेज के चार सालों में उनकी दोस्ती कब गहरे प्रेम में बदल गई, उन्हें खुद पता नहीं चला। Click on the link Blog post पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
पहला विरोध – कॉलेज खत्म होने के बाद अर्पित ने एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी पा ली। जब उसे लगा कि अब उसके पास सिया को खुश रखने की क्षमता है, तो वह पूरे आत्मविश्वास के साथ सिया के घर उसका हाथ माँगने गया।
लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी यह हिम्मत समाज के नियमों को ललकारने जैसी होगी।
सिया के पिता, महेंद्र चौहान, शहर के जाने-माने व्यापारी थे। जब अर्पित ने उनसे सिया का हाथ माँगने की बात कही, तो उन्होंने उसे गहरी नज़रों से घूरा।
“तुम्हें लगता है कि मैं अपनी बेटी का हाथ एक साधारण मध्यमवर्गीय लड़के को दे दूँगा?” महेंद्र चौहान की आवाज़ में तीखापन था।
“मैं सिया से सच्चा प्यार करता हूँ और उसे जीवनभर खुश रखूँगा।” अर्पित ने पूरी ईमानदारी से कहा।
“प्यार? ये सिर्फ़ फिल्मों में अच्छा लगता है! असली दुनिया में शादी बराबरी वालों में होती है। तुम इस घर की दहलीज़ भी पार नहीं कर सकते।”
सिया ने अपने पिता को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनकी सोच बदलने वाली नहीं थी।
“अगर तुमने इस लड़के से दोबारा मिलने की कोशिश की, तो समझ लो कि तुम हमारी बेटी नहीं रहोगी!”
यह सुनकर सिया के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उसे पहली बार अहसास हुआ कि प्यार करना इतना बड़ा अपराध हो सकता है।
आखिरी मुलाकात – सिया की शादी जबरन एक बड़े उद्योगपति के बेटे से तय कर दी गई। उसने अर्पित से मिलने की कई कोशिशें कीं, लेकिन हर बार घर की चारदीवारी उसे रोक लेती।
शादी से एक दिन पहले, किसी तरह वह अर्पित से मिलने मंदिर पहुँची।
अर्पित उसे देखकर ठहर-सा गया। वह पहले से ही वहाँ बैठा था, जैसे उसे विश्वास था कि सिया आएगी।
“सिया, चलो भाग चलते हैं! इस समाज से, इन जंजीरों से, इन खोखली परंपराओं से!”
सिया की आँखें नम थीं।
“काश, ये इतना आसान होता अर्पित… लेकिन मेरे माता-पिता… मैं उन्हें कैसे छोड़ दूँ?”
अर्पित ने उसकी हथेलियों को थामा। “तो क्या हमें एक-दूसरे से प्यार करने की सज़ा मिलेगी?”
सिया ने कोई जवाब नहीं दिया, बस उसकी आँखों से आँसू बहते रहे।
“अगर प्यार जुर्म है, तो इसकी सज़ा हमें अलग रहकर क्यों मिले?” अर्पित की आवाज़ काँप गई।
सिया का मन एक तरफ़ प्यार और दूसरी तरफ़ परिवार के बीच झूल रहा था। आखिरकार, उसने अपना हाथ धीरे से खींच लिया।
“मुझे जाना होगा… हमेशा के लिए!”
वह पीछे मुड़ी और तेज़ क़दमों से चल दी, पीछे मुड़ने की हिम्मत भी नहीं हुई।
अर्पित ने उसे जाते देखा, और वह वहीं ठहर गया—जैसे उसकी आत्मा वहीं किसी कोने में दम तोड़ रही थी।
सालों बाद… समय बीत चुका था। अर्पित ने खुद को काम में झोंक दिया था, लेकिन दिल के किसी कोने में वह दर्द हमेशा बना रहा।
एक दिन, वह एक आध्यात्मिक सभा में गया। वहाँ की भीड़ में अचानक उसे एक जानी-पहचानी आकृति दिखी—सिया।
उसकी आँखों में वही पुरानी उदासी थी, वही अधूरा प्यार।
सिया ने हल्की मुस्कान के साथ पूछा, “कैसे हो?”
अर्पित ने मुस्कुरा दिया, लेकिन उसकी आँखों में आँसू थे।
“जुर्म क्या था, पता नहीं… लेकिन ज़िंदगी ने सज़ा कमाल की दी है!” सिया ने धीरे से कहा।
अर्पित ने कोई जवाब नहीं दिया। दोनों कुछ पल खामोश रहे, फिर भीड़ में खो गए—जिस तरह उनकी प्रेम कहानी समाज के बंधनों में खो गई थी।
कभी-कभी, प्यार मुकम्मल नहीं होता, लेकिन गूंज जीवनभर सुनाई देती रहती है…
A love story “गुनाह जो पता नहीं” से मिलने वाली शिक्षा
इस A love story से यह सीख मिलती है कि समाज के बनाए हुए नियम अक्सर प्रेम और भावनाओं से अधिक महत्व रख लेते हैं, लेकिन क्या यह सही है? प्यार कोई अपराध नहीं, बल्कि दो आत्माओं का मिलन है। यदि समाज की पुरानी मान्यताएँ सच्चे प्रेम को स्वीकार नहीं कर सकतीं, तो हमें उन्हें बदलने की दिशा में सोचना चाहिए। साथ ही, जीवन में हर निर्णय आत्मसम्मान और स्वतंत्रता के साथ लेना चाहिए, ताकि भविष्य में पछतावे के आँसू न बहाने पड़ें। प्यार का सम्मान करें, और रिश्तों को केवल जाति, धन, या परिवारिक मान्यताओं के आधार पर मत तौलें।
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लेखिका – उर्मिला कुशवाहा, देवभूमि देवरिया उत्तर प्रदेश

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कहानी लेखिका उर्मिला कुशवाहा कि पहली कहानी आप ने पढ़ा amitsrivastav.in गूगल टाप टेन वेबसाइट पर। लेखिका का मनोबल बढाते रहिए और इनके द्वारा लिखित कहानी इस वेबसाइट से पढ़ते रहिए। विश्व भर से नियमित मिलियन पाठकों का पसंदीदा साइड amitsrivastav.in की तरफ़ से आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
Bahut achha lihi hai 🥰 hardik badhai Urmila jii
Good post
Aap apni sabse psndida khani ka link dijiye ya heading likhiye my padna chahati hu Urmila jii sayd aap ke Marg dresk hmare priy lekhak Amit Ji hi lag rhe hai.
मोहिनी मै तो आप सभी के लिए एक मार्गदर्शी हूं। हुनर तो आप सब मे ही होता है। आप सब के प्रेम और सम्मान से ही हम एक मार्गदर्शी बना। उर्मिला जी का लिखा आप सबको पसंद आया यह हमारे गृह जिले की हैं बहुत ही अच्छा लिखती हैं। लेखनी देखा तो बस कह दिया अपनी लेख स्टोरी हमें दिजियेगा हम अपने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया करेंगे। आप सब मे मुझसे अधिक हुनर है बस दिखाने वाला कोई अच्छा सहयोगी बने। आप सभी पाठकों को बहुत बहुत प्यार भरा तहे-दिल से शुक्रिया धन्यवाद जो अच्छा विचार व्यक्त कर रही हैं।
Aap ki story achchi lagi Amit jii shit aapko bahut bahut badhayi ho
Bahut achchi lagi love story Urmila jii aap shit Amit jii Ko bahut bahut dhanyawad