दूषित भोजन से सैकड़ों बच्चे बिमार एक छात्र की मौत- राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय देवरिया

Amit Srivastav

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देवरिया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज मेहरौना देवरिया में 4 अगस्त दिन का बचा दूषित भोजन रात्रि काल में दिया गया था। रात्रि में कुछ बच्चों का पेट दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगी, सुबह प्राथमिक उपचार शुरू हुआ, 5 अगस्त दिन में संख्या बढ़ती गई जिसे देख विद्यालय प्रबन्धक ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दिया। जिले का आलाकमान अधिकारियों का जमावड़ा लगने लगा, आनन फानन में बच्चों को एम्बुलेंस से देवरिया मेडिकल कालेज भेज भर्ती कराया गया। जहां से कुछ बच्चों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया गया। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज मेहरौना देवरिया कक्षा 8वीं में अध्यनरत शिवम कुमार यादव उम्र लगभग 12 वर्ष पुत्र सदानंद यादव निवासी ग्राम रामनगर थाना फरेंदा जनपद महराजगंज की आज दिनांक 07-08-2024 को दस बजे मृत्यु हो गई है। एक बच्चे की मौत के बाद प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया है और फर्म संचालक पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

दूषित भोजन से सैकड़ों बच्चे बिमार एक छात्र की मौत- राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय देवरिया

मृतक छात्र के परिजन बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में मौजूद रहे। मृतक छात्र की सूचना पाकर गोरखपुर की स्थानीय पुलिस बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंच कर मृतक छात्र के शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा की कार्रवाई कर शव को परिजनों को सौंपा।
वही वर्तमान समय में जिला चिकित्सालय देवरिया में 60 बच्चों का इलाज़ चल रहा है। आज कुछ बच्चों की तबीयत ठीक होने की दशा में डिस्चार्ज भी किया जाना है। देवरिया व गोरखपुर चिकित्सकों द्वारा बच्चों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। जिलाधिकारी और जन प्रतिनिधि स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। योगी सरकार मे आवासीय विद्यालयों की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है जिसपर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। समस्याओं से संबंधित जानकारी को हमनें गूगल साईट पर प्रकाशित किया था जिसमें अध्यापकों की समस्या सहित मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान आकर्षित कराया था। समय रहते सुधार न होने की दशा में एक छात्र की आज मृत्यु भी हो चुकी है।

आइए जानिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय मेहरौना देवरिया से भोजन को लेकर अंदर की बात – बच्चों को खाने में जो भी दिया जाता है गुणवत्ता से कोषों दूर होता है। सब्जी, छोला, चना, दाल जो भी बच जाता है उसे अगले टाइम के खाने में मिलाकर दे दिया जाता है। इससे खाद्यान्न में बचत होता है लेकिन बच्चों के लिए घातक होता है। इसी क्रम में 4 अगस्त दिन रविवार को दोपहर में पूड़ी छोला बच्चों को दिया गया था। छोला तिखा और पानीनूमा था जो बच्चों ने कम खाया और बचत ज्यादा हुईं। 4 अगस्त रविवार रात्री भोजन में चावल दाल बना था सब्जी की जगह वही बचा छोला बच्चों को परोसा गया। जितने बच्चों ने दिन का बचा दूषित छोला चावल दाल के साथ सब्जी के जगह लेकर खाया वही बच्चे पेट दर्द से परेशान हुए। इससे अनुमान लगाया जा सकता है किसी विषैले पदार्थ या जीव-जंतुओं के कारण बासी छोला विषाक्त हो चुका था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम अगले दिन यानी 5 अगस्त के दिन के भोजन का सेंपल ले जांच के लिए भेज दिया जिस दिन सैकड़ों बच्चे बिमार हो चुके थे। तो स्पष्ट है कि 5 अगस्त के भोजन से भेजा गया सेंपलिग रिपोर्ट नार्मल ही होगा। क्योंकि विषैला भोजन 4 अगस्त रात्री मे छोला था। जिसका सेंपल अगले दिन प्राप्त नही हुआ। बचा खुचा जो था रसोईयों ने बाहर फेक दिया था।

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click on the link 4 अगस्त दिन का बासी भोजन रात्री मे दिए जाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय मेहरौना देवरिया का मामला जानकारी के लिए यहां क्लिक किजिये।

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