उत्तर प्रदेश। वसंत पंचमी शाही स्नान के दौरान प्रयागराज महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं को अव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही का सामना करना पड़ा। ट्रेनों की अनिश्चित समय-सारिणी, पीपा पुलों का बंद होना, नाविकों द्वारा मनमाने किराए की मांग और भीड़ प्रबंधन की कमी जैसी समस्याओं ने संगम स्नान के लिए पहुंचे लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई। कई श्रद्धालु अपनी यात्रा पूरी किए बिना ही लौटने को मजबूर हो गए।
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महाकुंभ 2025 में अव्यवस्थाओं का सच: श्रद्धालुओं को वसंत पंचमी शाही स्नान में क्यों झेलनी पड़ी परेशानियां ?
इस रिपोर्ट का उद्देश्य महाकुंभ 2025 के दौरान वसंत पंचमी स्नान पर्व के समय रेलवे और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं को उजागर करना है। प्रयागराज में स्नान के लिए पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं को जिस कठिनाई का सामना करना पड़ता है, वह सरकार और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करता है।
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यातायात और रेलवे प्रबंधन की अव्यवस्थाओं को दर्शाना –
ट्रेनों के देरी से चलने, सही अपडेट न मिलने और अव्यवस्थित भीड़ प्रबंधन के कारण श्रद्धालुओं को यात्रा में हुई कठिनाइयों को सामने लाना।
प्रशासनिक हकीकत को उजागर करना –
संगम स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को नाविकों द्वारा मनमाने किराए लेने और पीपा पुलों के बंद होने से होने वाली परेशानियों को दर्शाना।
श्रद्धालुओं की समस्याओं को आवाज़ देना –
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए संगम स्नान का कठिन हो जाना, अधिक किराया देकर यात्रियों का इधर-उधर भटकना, और प्रशासन द्वारा समय रहते समाधान न निकाल पाना।
भविष्य में सुधार की आवश्यकता पर ज़ोर देना –
सरकार और प्रशासन को यह बताना है कि इस तरह की अव्यवस्थाएँ न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुँचाती हैं, बल्कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

महाकुंभ 2025 में वसंत पंचमी शाही स्नान के दौरान अव्यवस्था का उद्देश्य उजागर करना
उत्तर प्रदेश। वसंत पंचमी से एक दिन पहले ट्रेनों की टाइम टेबल पूरी तरह से बिगड़ी, जगह-जगह वसंत पंचमी पर शाही स्नान के लिए उमड़े जनसैलाब को जाने में तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। महाकुंभ 2025 में सरकार और प्रशासन की लापरवाही से घटी घटना से संगम जाने वाले श्रद्धालुओं के मन में भय व्याप्त है जो श्रधा भक्तिभाव से जाने के लिए तैयार हो रहा उसे तमाम परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है। बहुत सारे लोग रेलवे स्टेशनों से अपने अपने घर को वापस होते हुए देखे जा रहे थे, क्योंकि? रेलवे स्टेशनों पर न ट्रेनों का सही अपडेट मिल रहा था, न ही ट्रेन अपने टाइम टेबल से रही।
जगह जगह अफरा-तफरी के बीच श्रद्धालु किसी भी ट्रेन से प्रयागराज महाकुंभ 2025 संगम जाने के लिए प्रयास करते देखे गए। नतीजा यह हुआ कि जिन्हे झूसी जाना था, अपने रूट पर वो प्रयागराज छिंक्की चले गए। वहां मेला प्रशासन संगम स्नान के लिए उधर स्थित यमुना नदी के लिए घाट नम्बर 26 से 41 के लिए भेजता रहा और श्रद्धालुओं में असंतोष देखा गया। संगम क्षेत्र जाने के लिए बने पीपा पुलों को बंद कर दिया गया था।
हाइकोर्ट से लगा कैंप घाट नम्बर 41 के पास से नाव की व्यवस्था थी। नाविक मुंहमांगा रुपये का डिमांड करते देखे गए, जिसमें कुछ श्रद्धालु तो हजार पंद्रह सौ तक कि डिमांड पूरी कर नाव से संगम क्षेत्र तक जा रहे थे। इस पर वहां प्रशासन से पूछा गया तो प्रशासन ने बताया नाव का शुल्क संगम तक जाने आने के लिए पहले 75 रुपये निर्धारित था, अब उसे 100 रुपये किया गया है।
वहीं प्रशासन के सामने संगम पर जाने आने के लिए नाविकों से बात करते देखा गया जो नाविक मुह मांगी रकम का डिमांड कर रहे थे। जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नही वो अव्यवस्था के कारण संगम या गंगाजल का स्पर्श भी नहीं कर पा रहे। सरकारी व्यवस्था का दोष देते श्रद्धालु इधर-उधर भटकते रहे। अंततः अपने घर वापसी के लिए भी परेशानी का सामना करते देखे गए।
संगम यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर व भटनी से चलने वाली 02 फरवरी रात्री समय की ट्रेनों का स्टेशनों पर अपडेट नही मिलने की वजह से हजारों यात्री भिन्न-भिन्न रेलवे स्टेशनों से गोरखपुर अहमदाबाद एक्सप्रेस में संगम स्नान के लिए उमड़ पड़े जो प्रयागराज छिंक्की स्टेशन पर उतर घाट नम्बर 41 की तरफ़ भेज तो दिए गए लेकिन यमुना में स्नान करना पड़ा और वापसी के लिए ट्रेन झूंसी से होने के कारण वापसी के लिए झूंसी स्टेशन तक पहुंच पाने के लिए भटकते रहे। थोड़ी थोड़ी दूर चलने के लिए सौ दो सौ से पांच पांच सौ बाइक वाले युवकों को देकर इधर-उधर जाते हुए देखे गए।
इस पर ट्राफिक व्यवस्था सम्भालने वाले पुलिस प्रशासन से पूछा गया तो उनका कहना था, बाइक पर बैठकर आने-जाने वाले अगर यहां शिकायत दर्ज कयायेगे तो कार्यवाई की जाएगी। प्रशासन के सामने ही यात्री बाइक वाले युवाओं से पैसा कम करने की बात करते रहे लेकिन प्रशासन यात्रियों के शिकायत दर्ज कराने की प्रतिक्षा करता रहा। किसी-किसी तरह से श्रद्धालु नजदीकी रेलवे स्टेशन जाते देखे गए, वहां की स्थिति यह थी कि ट्रेनों के रद्द होने की सूचना मिलती रही फिर इस स्टेशन से उस स्टेशन का चक्कर काटने में हजारों रुपये खर्च करते रहे।
भारी संख्या में लोग मेन स्टेशन प्रयागराज जंक्शन को प्रस्थान कर रहे थे, जहां ट्रेन कहीं और कि बताकर बीच रास्ते में ही स्थगित करने की जानकारी मिलती रही। आखों देखी आपको बता दें कि 03 फरवरी लगभग 09:00 बजे रात को रेलवे स्टेशन प्रयागराज जंक्शन पर प्लेटफार्म नम्बर 08 पर वाराणसी आजमगढ़ भटनी देवरिया होते हुए गोरखपुर तक कि यात्रा करने वाले श्रद्धालु जनों को प्रस्थान करने के लिए ट्रेन आई जिसका एप्स पर कोई जानकारी नहीं थी और यात्रियों को पुलिस प्रशासन ट्रेन में भेजता गया, जिसे बीच रास्ते में ज्यादा देर तक इधर-उधर रोकते हुए बनारस रेलवे स्टेशन पर लगभग तीन बजे रात को स्थगित कर दिया गया।
वहां से होकर गुजरने वाली चौरी चौरा एक्सप्रेस, लिक्ष्वी एक्सप्रेस, बनारस गोरखपुर इंटरसिटी आदि ट्रेन निरस्त कर दी गई थी। कोई गाड़ी की सूचना न होने से यात्री टेम्पो से मुह मांगी किराया दे देकर बनारस सिटी के लिए प्रस्थान करते देखे गए जहां से 07:15 पर एक पैसेंजर ट्रेन भटनी जंक्शन के लिए यात्रियों को मिली। इस तरह देखा जाए तो महाकुंभ 2025 मेले में ढिंढोरा पिटीं जा रही व्यवस्थाओं की अव्यवस्था स्पष्ट देखी जा सकती है। गूगल ब्लाग पोस्ट पढ़ने के लिए ब्लू लाइन पर क्लिक यहां क्लिक किजिये क्रमशः पढ़िए अपनी पसंदीदा लेख हमारे ब्लाग पर।
महाकुंभ 2025 की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन और सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन वसंत पंचमी जैसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर जो अव्यवस्था दिखी, उसने इन दावों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। आवश्यक है कि आने वाले मुख्य स्नान पर्वों से पहले रेलवे, यातायात और भीड़ प्रबंधन को दुरुस्त किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।