Anuragini yakshini sadhana से पाएं प्रेम, आकर्षण और आत्मीय जुड़ाव की सिद्धि। जानें अनुरागिनी यक्षिणी साधना विधि, लाभ और संकेतों सहित सम्पूर्ण तांत्रिक मार्गदर्शन। amitsrivastav.in पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के देव वंश-अमित श्रीवास्तव की कर्म-धर्म लेखनी में माँ कामाख्या की मार्गदर्शन से।
भारतीय तांत्रिक परंपरा में यक्षिणी साधनाएं गूढ़ शक्ति, सिद्धि और लौकिक सुखों की कुंजी मानी जाती हैं। इन साधनाओं के माध्यम से साधक न केवल अपने जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करता है, बल्कि वह प्रेम, आकर्षण, और आत्मीयता जैसे भावों को भी जाग्रत कर सकता है। इन्हीं साधनाओं में एक अत्यंत प्रभावशाली और लोकप्रिय साधना है –”Anuragini yakshini sadhana” अनुरागिनी यक्षिणी साधना।
यह साधना विशेष रूप से उन साधकों के लिए है, जो अपने जीवन में प्रेम की कमी, भावनात्मक दूरी या वैवाहिक जीवन में असंतुलन महसूस करते हैं। अनुरागिनी यक्षिणी देवी प्रेम, अनुराग और आकर्षण की साक्षात शक्ति हैं, जो साधक के जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकती हैं। यह साधना न केवल आपके व्यक्तिगत संबंधों को मधुर बनाती है, बल्कि आपके व्यक्तित्व में ऐसा आकर्षण भरती है, जिससे समाज में, कार्यस्थल पर या किसी भी रिश्ते में आपका प्रभाव स्वतः ही गहराता जाता है।
अगर आप प्रेममयी, मधुर और सम्मोहक जीवन जीना चाहते/चाहती हैं, तो यह साधना आपके लिए एक दिव्य द्वार खोल सकती है। यहां हम आपको अनुरागिनी यक्षिणी साधना की सम्पूर्ण जानकारी देंगे – विधि, लाभ, सावधानियां और रहस्यमयी संकेत, जो इस साधना के दौरान प्रकट होते हैं।
Table of Contents
अनुरागिनी यक्षिणी साधना के प्रमुख विशेषताएं
प्रेम और आकर्षण की दिव्य शक्ति – आपके जीवन में प्रेम, अनुराग और आत्मीयता का संचार करती है।
टूटते रिश्तों में नई ऊर्जा – प्रेम संबंधों को पुनः जीवंत करती है और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाती है।
दांपत्य जीवन में सामंजस्य – वैवाहिक जीवन में आनंद और संतुलन लाती है।
सम्मोहन और आकर्षण में वृद्धि – साधक के व्यक्तित्व में अदृश्य चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होता है।
पुराने प्रेम की वापसी – यदि कोई प्रियजन आपसे दूर हो गया हो, तो वह वापसी की ओर आकर्षित होता है।
कला और रचनात्मकता में निखार – कविता, संगीत, चित्रकला आदि में भावनात्मक गहराई लाती है।
सत्य और संयम का मार्ग – साधना के दौरान ब्रह्मचर्य, सात्विक आहार और सत्य वाणी की आवश्यकता होती है।
सपनों में देवी दर्शन और संकेत – साधना काल में दिव्य स्वप्नों के माध्यम से देवी संकेत देती हैं।
अनुभवी गुरु की आवश्यकता – बिना दीक्षा या मार्गदर्शन के इस साधना का अभ्यास न करें।
आध्यात्मिक और लौकिक लाभ एक साथ – साधक के जीवन में प्रेममयी संतुलन और आत्मिक शांति दोनों प्राप्त होते हैं।
1. भारतीय तंत्र में यक्षिणियों की भूमिका
भारतीय तंत्र शास्त्र में यक्षिणियां देवी की अनेक लीलाओं और शक्तियों का भौतिक रूप मानी गई हैं। वे मात्र अलौकिक स्त्रियाँ नहीं हैं, बल्कि प्रकृति की कोमल, आकर्षक और जीवंत ऊर्जा का मूर्त रूप हैं। इनमें से प्रत्येक यक्षिणी किसी न किसी लौकिक और पारलौकिक उद्देश्य से जुड़ी होती है। अनुरागिनी यक्षिणी उसी श्रेणी की एक उच्चतम प्रेम-मयी शक्ति है, जो साधक को आकर्षण, प्रेम और आत्मिक संतुलन की दिशा में ले जाती है।

2. अनुरागिनी यक्षिणी का दिव्य सौंदर्य
अनुरागिनी यक्षिणी को एक लाल प्रकाश में नहाई हुई, मुस्कराती हुई, गंधर्व संगीत की ध्वनि के साथ प्रकट होने वाली स्त्री रूप में वर्णित किया गया है। उनके नेत्रों में अनुराग है, अधरों पर सम्मोहन की मुस्कान और स्वरूप में प्रेम की नदी बहती प्रतीत होती है। उनका स्मरण करते ही साधक के अंतर्मन में कोमल भावनाएं जागृत होने लगती हैं, जो भौतिक आकर्षण से कहीं आगे की अनुभूति देती हैं।
3. anuragini yakshini sadhana तांत्रिक प्रेम का रहस्य और उद्देश्य
तंत्र में प्रेम का अर्थ केवल लौकिक या कामनात्मक नहीं है। यह आत्मा की उस गहराई की खोज है जहाँ प्रेम दैवीय भाव बनकर बहता है। अनुरागिनी यक्षिणी साधना, प्रेम की उसी दिव्यता को जाग्रत करने का माध्यम है। यह साधना साधक के भीतर ऐसे भाव जगाती है जो रिश्तों को आत्मीयता, करुणा और समर्पण की डोर से जोड़ती है।
4. कौन कर सकता है यह अनुरागिनी यक्षिणी साधना?
यह साधना उनके लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अपने प्रेम-संबंधों में संघर्ष, दूरी, या टूटन का अनुभव कर रहे हैं। जिनके जीवन में प्रेम की कमी है, या जिनके आकर्षण में पहले जैसी शक्ति नहीं रही, उनके लिए अनुरागिनी यक्षिणी की कृपा चमत्कारी सिद्ध हो सकती है। साथ ही, कलाकार, कवि, लेखक या संगीतकारों के लिए भी यह साधना प्रेरणा और भावना की गहनता देती है।
5. अनुरागिनी यक्षिणी साधना से पूर्व मानसिक और आत्मिक तैयारी
साधना करने से पहले साधक को अपने भीतर की नकारात्मकताओं को दूर करना चाहिए। वासनाओं से ऊपर उठकर, हृदय को निर्मल प्रेम की भावना से भरना आवश्यक है। सात्विक जीवन, संयमित आहार, सत्य वाणी और नियमित ध्यान साधक को इस साधना के योग्य बनाते हैं। यह साधना केवल विधि नहीं, भाव और भक्ति की आंतरिक यात्रा है।
6. अनुरागिनी यक्षिणी साधना स्थल और समय का महत्व
साधना का स्थान शांत, स्वच्छ और शुद्ध वातावरण वाला होना चाहिए। साधक यदि संभव हो तो प्राकृतिक स्थान जैसे उद्यान, पुष्पों से भरा कमरा या तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए बनाए गए यंत्रस्थल का चयन करें। शुक्रवार, पूर्णिमा या वसंत पंचमी की रातें इस साधना के लिए अत्यंत शुभ मानी गई हैं। रात्रि का समय, जब सृष्टि मौन होती है, तब यक्षिणी साधना का कंपन अधिक गहन होता है।
7. anuragini yakshini sadhana सामग्री और विधान
सफेद या गुलाबी वस्त्र, गुलाब के फूल, इत्र, घी का दीपक, और एक प्रेमभावना से लिखा मनोकामना-पत्र इस साधना में उपयोग होता है। जाप के लिए रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें। यंत्र स्थापित करके ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अनुरागिनी यक्षिण्यै नमः मंत्र का श्रद्धा पूर्वक 108 बार जाप करें। साधना की अवधि 21, 41 या 64 दिनों की हो सकती है, जिसमें हर दिन एक विशेष नियम का पालन आवश्यक होता है।
8. anuragini yakshini sadhana अनुरागिनी यक्षिणी साधना मंत्र का गूढ़ विज्ञान
यह मंत्र केवल ध्वनि नहीं है, यह प्रेम, ऊर्जा और आकर्षण का कंपन है। “ह्रीं” शक्ति, “श्रीं” ऐश्वर्य और “क्लीं” आकर्षण का प्रतीक है। जब साधक श्रद्धा और भावना से इसका उच्चारण करता है, तब उसकी चेतना उन तरंगों से जुड़ जाती है जहाँ यक्षिणी की उपस्थिति संभव हो जाती है।
9. अनुरागिनी यक्षिणी साधना के दौरान आने वाले अनुभव
साधना करते समय कई साधक दिव्य सुगंध, प्रकाश का आभास, स्वप्नों में देवी दर्शन या आत्मा में अनुराग का भाव अनुभव करते हैं। यह संकेत हैं कि यक्षिणी साधक से प्रसन्न हो रही हैं। साधक के चेहरे पर एक चमक, स्वर में आत्मीयता, और लोगों में उसके प्रति आकर्षण यह सभी लक्षण साधना की सफलता के सूचक हैं।
10. anuragini yakshini sadhana के बाद की जीवन यात्रा
सफल साधना के बाद साधक का जीवन प्रेम और शांति से परिपूर्ण हो जाता है। रिश्तों में आत्मीयता बढ़ती है, प्रिय व्यक्ति वापस आने लगता है, और साधक का व्यक्तित्व चुंबकीय बन जाता है। कला, साहित्य या अध्यात्म के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति अपने कार्यों में चमत्कारी प्रगति अनुभव करते हैं।
11. आत्मिक जागरण और प्रेम की पुनर्परिभाषा अनुरागिनी यक्षिणी साधना
अनुरागिनी यक्षिणी केवल लौकिक प्रेम की नहीं, बल्कि आत्मा की उन गहराइयों की देवी हैं जहाँ से सच्चा प्रेम निकलता है। यह साधना साधक को भीतर से इतना सुंदर बना देती है कि वह केवल बाहरी प्रेम की इच्छा नहीं करता, बल्कि अपने अस्तित्व में प्रेम का स्रोत बनने लगता है।
12. anuragini yakshini sadhana अनुरागिनी यक्षिणी साधना कैसे करें —गुरु का मार्गदर्शन क्यों आवश्यक है?
अनुरागिनी यक्षिणी साधना अत्यंत शक्तिशाली होती है। बिना गुरु या मार्गदर्शक के यह साधना मानसिक भ्रम या उलझनों का कारण बन सकती है। एक योग्य गुरु साधना के प्रत्येक चरण में शांति, समझ और ऊर्जा की स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है। गुरु के आशीर्वाद से साधना जल्दी फलीभूत होती है।
13. anuragini yakshini sadhana चेतावनी और नैतिक उद्देश्य
यदि यह Anuragini yakshini sadhana केवल किसी को वश में करने या भौतिक वासनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है, तो इसके दुष्परिणाम भी उतने ही तीव्र हो सकते हैं। यह साधना केवल सच्चे प्रेम, आत्मीयता और संयमित उद्देश्य के लिए करें। किसी को नुकसान पहुँचाने या मानसिक शोषण के लिए इसका प्रयोग करना तांत्रिक नियमों का घोर उल्लंघन माना जाता है।
14. anuragini yakshini sadhana समाज और संबंधों में इसका योगदान
जब साधक प्रेम का स्रोत बन जाता है, तब वह अपने आसपास के रिश्तों को भी प्रेम, करुणा और समर्पण से जोड़ता है। यह साधना केवल व्यक्तिगत नहीं रहती, बल्कि सामूहिक प्रेम और सामंजस्य की ऊर्जा फैलाने का माध्यम बन जाती है। परिवार, समाज और कार्यक्षेत्र में प्रेम की ऊष्मा फैलने लगती है।

15. anuragini yakshini sadhana प्रेम की आध्यात्मिक क्रांति
अनुरागिनी यक्षिणी साधना केवल तांत्रिक क्रिया नहीं, एक आत्मा की प्रेम की ओर यात्रा है। यह साधना व्यक्ति को एक सामान्य प्रेमी से एक दिव्य प्रेमदाता में रूपांतरित कर सकती है। यदि आप प्रेम की कमी, टूटे संबंधों या आत्मीय जुड़ाव के लिए तड़प रहे हैं, तो यह साधना आपको एक नई राह दिखा सकती है — आत्मा से आत्मा तक पहुँचने की।
यदि आप इस साधना का मार्गदर्शन, व्यक्तिगत विधि, अथवा शक्तिपूर्ण यंत्र और मंत्र की जानकारी पाना चाहते हैं, तो मुझसे संपर्क करें। यह साधना आपकी आत्मा को उस स्तर पर पहुँचा सकती है जहाँ प्रेम केवल भावना नहीं, एक दैवीय शक्ति बन जाती है।
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आपके द्वारा दी गई जानकारी बहुत उपयोगी लग रही है मुझे साधना करना है क्या आप मुझे अपनी शिष्या बना लेंगे आपसे मिलना चाहती हूं और आप को गुरु रुप में तन-मन धन से स्वीकार करना चाहती हूं। आप मुझे अपनी शिष्या बना लिजिए गुरू जी 🙏🙏🙏🙏
बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने मुझे इतनी अच्छी जानकारी किसी से नहीं मिला था मुझे साधना करना है और आपके दिए गए जानकारी से संतुष्ट हैं। आपको अपना गुरु बनाना चाहते हैं अगर यह सौभाग्य प्राप्त हो तो बहुत खुशी होगी मुझे।
आपके जैसा स्पष्ट जानकारी कहीं नहीं मिलता है मै आपकि हर पोस्ट का बेसब्री से इंतजार करता नियमित आपके पोस्ट को पढ़ता हूं। आपके लेखनी को सादर प्रणाम 🙏🙏