लखनऊ, गोमतीनगर। जवाहर नवोदय विद्यालय परिवार के लिए 07 सितम्बर का दिन बेहद विशेष और अविस्मरणीय रहा। गोमतीनगर स्थित लिनेज होटल में विद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह ने पुराने साथियों, शिक्षकों और सेवानिवृत्त अधिकारियों को फिर से एक सूत्र में बाँध दिया। यह अवसर केवल सम्मान का नहीं, बल्कि उस परंपरा और मूल्यों को याद करने का भी था, जिसने नवोदय विद्यालय को एक विशिष्ट पहचान दी है।

इस गरिमामयी आयोजन में देशभर में प्रशासनिक, शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभा रहे अनेक पूर्व छात्र-छात्राएँ शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से अनिल दीप आनन्द, नागेन्द्र सिंह, रत्नेश त्रिपाठी, सीताराम नारोलिया, भवानी शंकर कुमावत, वेद प्रकाश राय, प्रज्ञा, डॉ. नेहा और नित्या जैसे नाम उल्लेखनीय रहे।
इन सभी ने विद्यालय की शिक्षा और संस्कारों को अपने जीवन की सबसे बड़ी पूँजी बताते हुए कहा कि नवोदय विद्यालय ने उन्हें न केवल शिक्षा दी बल्कि जीवन जीने की सच्ची दिशा भी दिखाई। उनका यह मिलन समारोह एक बार फिर साबित करता है कि विद्यालय का रिश्ता सिर्फ कक्षा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि जीवन भर साथ निभाने वाला होता है।
समारोह में अनेक उपायुक्त, सहायक आयुक्त, प्राचार्यगण और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार सेवानिवृत्त अधिकारी और शिक्षक विद्यालय के निर्माण और विकास में सदैव समर्पित रहे। इस मौके पर पूर्व प्राचार्य डॉ. एस.पी. त्रिपाठी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उनके योगदान और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को याद करते हुए सभी ने कहा कि वे विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।

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इस कार्यक्रम की शोभा तब और बढ़ गई जब उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव आदरणीय सूर्यपाल गंगवार ने बतौर विशिष्ट अतिथि समारोह में उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा— “जवाहर नवोदय विद्यालय सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं है, बल्कि यह प्रतिभा और नेतृत्व निर्माण की प्रयोगशाला है। यहाँ से निकले विद्यार्थी प्रशासन, समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सेवानिवृत्त अधिकारी और शिक्षकों का यह सम्मान इस बात का प्रतीक है कि उनका परिश्रम और समर्पण कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. यू.सी. बाजपेयी ने की और अपने प्रेरक विचारों से समारोह को और भी गरिमामयी बनाया। आयोजन के सफल संचालन की जिम्मेदारी जे.पी. मिश्रा ने संभाली, जिनके नेतृत्व में पूरा कार्यक्रम अनुशासित और आकर्षक ढंग से सम्पन्न हुआ।
समारोह के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने एकमत होकर कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल पुराने साथियों और शिक्षकों के बीच संबंधों को मजबूत करते हैं बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी यह प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। ऐसे आयोजनों से यह संदेश मिलता है कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि रिश्तों को संजोना और समाज को एक बेहतर दिशा देना भी है।

जवाहर नवोदय विद्यालय मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए गूगल टाप सर्च वेबसाइट amitsrivastav.in से हम लेखक माँ कामाख्या देवी के कृपा पात्र श्री चित्रगुप्त जी के देव वंश-अमित श्रीवास्तव सभी गुरुजनों का आभार व्यक्त करते हैं और उम्मीद करते हैं वर्तमान में कार्यरत सभी गुरुजन ऐसे ही सम्मान पाने योग्य अपने दायित्वों का निर्वहन करते देश का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल बनायेंगे।

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