ईडी नपुंसकता की समस्या से भारत में 60 से 65 प्रतिशत पुरुष वर्ग प्रभावित है। युवा अवस्था में पहुंच चुके अधिकांश पुरुष व महिला को पता है ईडी, स्तंभन दोष, स्वप्न दोष, शीघ्रपतन, नपुंसकता क्या है? फिर भी यहां बता दें रहे हैं। सेक्स एजुकेशन के तहत तैयार किया गया यह आर्टिकल युवा अवस्था में आने से पहले जो भी बच्चे ध्यानपूर्वक पढ़ेंगे वो गलत आदतों से अपने आपको बचा पाने में समर्थ होगें।

स्तंभन दोष:
ईडी – इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानि स्तंभन दोष, नपुंसकता, जब वीर्य शीघ्र निकल जाता है इस अवस्था को सामान्य भाषा में शीघ्रपतन या नपुंसकता कहा जाता है। कोविद-19 के आने के बाद यह समस्या और तेजी से बढ़ रही है। सेक्स रिलेशनशिप के लिए जरूरी है, दोनों पार्टनर पूर्ण रूप से संतुष्ट हों, किन्तु यह बात सामने आ रही है- शीघ्र पतन या अर्ली इजेकुलेशन की समस्या के वजह से अधिकांश महिलाओं को यौन संतुष्टि नही मिल पा रही है। महिला पार्टनर अपनी अतृप्ति को अपने पुरुष पार्टनर के समक्ष न कहे तो ज्यादातर पुरुष को कोई फर्क भी नहीं पड़ता, पुरुषों से आठ गुना अधिक महिला सेक्सुअल होती हैं, किन्तु ज्यादातर पुरुष को ही पहल करते हुए देखा जा सकता है। पहले आओ पहले पाओ वाली कहावत 95 प्रतिशत पुरुष अपने पार्टनर के साथ चरितार्थ करते हैं। महिला पार्टनर अभी तैयार भी नही, तब तक पुरुष साथी को बेचैनी हो जाती है, फिर होता वही है महिला पार्टनर को दर्द भरा एहसास, तैयार होने से पहले ही फ्लाप। शीघ्रपतन में भी पुरुष आनंद की अनुभूति कर किनारे हो जाता है। महिला चरम सुख की इच्छा रखते हुए अपने नपुंसक साथी से अतृप्त रह जाती है। यौन आनंद से वंचित रह जाती है और तनाव ग्रस्त हो जाती है। जिससे कई सारी बिमारियों का शिकार होने लगती है। यौन संक्रमण, योनी में दर्द, जलन, सूजन, खुजली, बच्चेदानी की सूजन, गांठ, लिकोलिया, कमजोरी, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक वगैरह। तमाम बिमारियों का जड़, अज्ञानता को ही ज्ञान समझ गृहस्थ जीवन में प्रवेश या कह सकते हैं अपने पार्टनर के साथ यौन संबंध स्थापित करना। चित्रगुप्त वंशज अमित श्रीवास्तव की कर्म धर्म लेखनी में लिखा गया एक आर्टिकल कि हेडिंग है – सेक्स गंभीर बीमारियों का इलाज़ अमित श्रीवास्तव! आपको न मिला हो तो यह हेडिंग गूगल पर सर्च किजिये सबसे ऊपर ही मिल जायेगा उपरोक्त आर्टिकल पढ़िए। जिन्हें गूगल पर लिखकर सर्च करना नही आता वे नीचे लेख में उस आर्टिकल लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं। यह मै पूर्ण विश्वास के साथ बता रहा हूं, गलत तरीके से किया गया सेक्स गंभीर से गंभीर बीमारियों को जन्म देता है और ठीक तरह से करें तो गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज़ भी है। मतलब अपना पार्टनर घरेलू डाक्टर, बिना बाहरी दवा का प्रयोग किए जड़ से गंभीर से गंभीर बीमारी खत्म कर सकता है। सर दर्द, शरीर दर्द, बुखार, ठंड लग जाना… जो मृत्यु का कारण बन जाता है, को छोटा ही मानता हूं ऐसी छोटी-छोटी बिमारी तो अपने समझदार पार्टनर से पल भर में ठीक हो जाती है। लिकोलिया व बच्चेदानी में गांठ की समस्या नासमझी से उत्पन्न होती है। थोड़ी समझ से अंतिम स्टेज पर जाने से पहले घरेलू डाक्टर मतलब अपना पार्टनर ठीक कर सकता है, बस सही तरीका मालूम होना चाहिए। तो इसके लिए जरूरी है – सेक्स एजुकेशन वो भी स्थानीय भाषा में तो इस सेक्स एजुकेशन मुद्दे पर विवाद क्यूँ ? प्राथमिक स्तर से स्थानीय भाषा में सेक्स एजुकेशन कि डिमांड क्यूँ नहीं ?

स्तंभन दोष के लक्षण:
नपुंसकता – स्तंभन दोष पुरुषों की एक ऐसी यौन समस्या है- जिसमें यौन क्रिया के लिए लिंग में कसापन तनाव ज्यादा समय तक नही बना रहता, अपने पार्टनर के सम्पर्क में आते-आते या लिंग योनी में प्रवेश के साथ ही वीर्य डिस्चार्ज हो जाता है। जब स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है तब सेक्स का एहसास मात्र से ही वीर्य डिस्चार्ज हो जाता है या बाहों में भरते, स्पर्श करते शीघ्रपतन हो जाता है। धीरे-धीरे सेक्स की इच्छा भी खत्म हो जाती है, वैसे पुरुष अपनी पार्टनर को तृप्त करने में असफल रहते हैं। ऐसे पुरुष अपनी महिला पार्टनर के साथ येनकेन प्रकारेण सम्बन्ध बनाते भी हैं तो महिला पार्टनर तमाम बिमारियों का शिकार हो जाती है।

स्तंभन दोष ईडी की समस्या का कारण:
जाने-अनजाने में हस्तमैथुन की लगी गलत लत। यह गलत संगति या ब्लू फिल्म, अश्लीलता के प्रति मन का आकर्षण, आदि से शुरू होती है। गृहस्थ जीवन में आने से पहले जब मन सेक्स के प्रति आकर्षित होने लगता है, ऐसी स्थिति में गलत आदत हस्तमैथुन की लग जाती है। खुले में वीर्य डिस्चार्ज होने के बाद लिंग के माध्यम से कींगल ग्रन्थियों में आक्सीजन प्रवेश करता है। फिर स्तंभन केंद्र कींगल ग्रंथियां कमजोर हो जाती है। साथ ही साथ हाथों की गर्मी से जीवाणु नष्ट होने लगता है। मस्तिष्क में निर्मित सीरोटोनि केमिकल्स कम होने लगता है। फिर ईडी नपुंसकता शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। हस्तमैथुन जब सेक्स के लिए पार्टनर नही रहती तब सेक्स के प्रति मन की उत्तेजना हस्तमैथुन की आदत डाल देती है। हस्तमैथुन पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी करती हैं और भुक्तभोगी दोनों को ही होना पड़ता है।
पार्टनर के साथ सम्बन्ध स्थापित करने वाले जब रज, वीर्य डिस्चार्ज के तुरंत बाद एक दूसरे से अलग हो जाते हैं ऐसी स्थिति में भी लिंग व योनी में खिंचाव के दौरान आक्सीजन प्रवेश कर जाता है जो नपुंसकता का कारण है। अपने पार्टनर के साथ सेक्स सम्बन्ध स्थापित करते डिस्चार्ज होने के तुरंत बाद एक दूसरे से अलग कदापि न हों, जब शरीर पूरी तरह स्थिर हो जाए तभी योनी से लिंग को बाहर करें। एक साथ डिस्चार्ज होने से दोनों पार्टनर को फायदा ही फायदा होता है। रज, वीर्य का मिश्रण एक दूसरे में खिंचाव के दौरान जाता है तो सेक्स के बाद शारीरिक और मानसिक दुर्बलता या बिमारी नही आने देता।
हर व्यक्ति के ब्रेन/दिमाग में सीरोटोनि केमिकल्स होता है। जो मन को सेक्स के प्रति आकर्षित करता है। किसी कारण से सीरोटोनि केमिकल जब मानक से कम होने लगता है तब शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। माईंड में सीरोटोनि केमिकल कम होने के कई कारण होते हैं। हस्तमैथुन की लत, पार्टनर के साथ सम्बन्ध बनाकर डिस्चार्ज के साथ ही एक दूसरे से अलग अलग होना, शरीर में मल्टी विटामिन की कमी।
मनोविज्ञानी समस्या:
सेक्स के दौरान घबराहट, किसी प्रकार का डर, दिमागी टेन्शन आदि से भी ईडी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। सेक्स सम्बन्ध में मन कि अहम भूमिका होती है। मन को प्रसन्न रख इत्मीनान से नियमानुसार सेक्स किया जाए तो सीरोटोनि केमिकल का हरास नही होता जितना डिस्चार्ज होता है प्लस होकर शरीर के लिए फायदेमंद होता है। कींगल एक्सरसाइज करने वाले मन दिमाग को स्थिर रख जितना समय तक चाहें सेक्स कर सकते हैं। जब डिस्चार्ज की स्थिति उत्पन्न हो कींगल एक्साइज़ से वीर्य को रोक कर अपने पार्टनर के अन्य भागों से प्यार दुलार करना शुरू करें। योनी में लिंग को शांत रहने दें। फिर अथाह उत्तेजना पार्टनर में आने पर धीरे-धीरे सेक्स करें। इस तरह के अभ्यास से अपनी इच्छानुसार वीर्य डिस्चार्ज करने की छमता आ जाती है।
स्तंभन दोष का खुद इलाज करने का तरीका:
स्तंभन दोष का खुद ही इलाज करना सबसे बेहतर तरीका है। विवाहित जीवन से पहले सेक्स का ख्याल मन में न पालें। सेक्स से सम्बंधित जानकारी जरूर लें। इससे विवाहित जीवन सुखमय रहता है। सेक्स एक कला और विज्ञान है। जिन्हें यह दोनों का ज्ञान सही रूप से समय रहते प्राप्त हो जाता है उनकी सेक्सुअल जीवन सुखदायी रहती है। भारत में सेक्स एजुकेशन का बालपन से ज्ञान न देना सबसे बड़ी समस्या का जड़ है। जो भी बच्चे या लोग असमय गलत तरीके से सेक्स की लत में आ जाते हैं वो अपना सर्वस्व खो देते हैं। जब वैवाहिक जीवन में प्रवेश करते हैं तब अपनी भूल व गलती का एहसास करते हैं। जब बच्चों को गलत तरीके से किये गये सेक्स का दुष्प्रभाव बताया जाता तो शायद अनजाने में जो गलतियां सेक्स को लेकर होती है, उससे बचाव हो सकता। अपने शरीर का ध्यान रखें जो वीर्य गन्दी आदतों के चक्कर में पड़कर नुकसान होता है शरीर का अनमोल रत्न है।
स्फटिक काम द्रवं स्निग्ध संयुक्त। शुक्रनिछन्ति केचित तैय क्षौदृनिम तथा।।
इसे अगले लेख में विस्तार से पढ़ने का इन्तज़ार करें। जो दुर्लभ लेखनी मै प्रकाशित करता हूं निश्चय ही लाभकारी होती हैं।

स्तंभन दोष ईडी समस्या का सम्पूर्ण समाधान:
नियमित योगा किजिये सबसे अच्छा समाधान है। योगा तो बहुत है जो कभी बुढापा ही न आने दे। हमेशा जवानी बनी रहे। उसपर अलग लेख दूंगा। यहां आप सब नियमित रूप से किजिए केगल/कींगल एक्सरसाइज। सांस लेते समय पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को पांच सात सेकेंड के लिए सिकोडे़, अब धीरे धीरे पेल्विक फ्लोर की मसल्स को स्ट्रेच करें फिर कुछ सेकेंड बाद ढीला छोड़ दें, 15-20 बार यह प्रक्रिया दोहराएं। दिन में दो तीन बार यह योगा कर सकते हैं। सुबह का किया गया एक्सरसाइज ज्यादा फायदेमंद रहता है। यह एक्सरसाइज कई तरह से होती है किन्तु नीचे लिखित एक्सरसाइज निश्चित ही किजिये। पिशाब को रोकिए छोडिए रोकिए छोडिए। एक बार पिशाब करते समय बीच-बीच में जितना अधिक हो सके ऐसा किजिये। यह गुप्त रहस्य है, इस योगाभ्यास से कींगल ग्रंथियां मजबूत होती है, अपनी इच्छानुसार सेक्स टाइम्स निर्धारित किया जाता है। जब अपनी इच्छा होती है तभी वीर्य डिस्चार्ज होता है। जितना टाइम योनी में लिंग रख खेलना चाहें खेल सकते हैं अगर इस कींगल एक्सरसाइज का अभ्यास है तो। जैसे पिशाब को बीच-बीच में रोकने की छमता होती है वैसे वीर्य को रोकने की छमता कींगल एक्सरसाइज करने वालो को होती है। कींगल एक्सरसाइज मै बचपन से अनजाने में करते चला आया मुझे कुछ समय पहले मालूम हुआ कि यह एक सेक्स पावर बढाने का योगाभ्यास है। आज अपनी जांच परख की प्रेक्टिस को गहन मंथन के बाद आपको बता रहे हैं। इस कींगल योगाभ्यास को हर बच्चे को करने की सलाह दिया जाना चाहिए। बुढ़ापे में भी सेक्स से सम्बन्धित कोई समस्या नहीं आयेगी।
बिना किसी दुष्प्रभाव स्तंभन दोष के लिए सर्वोत्तम दवा:
बिना किसी दुष्प्रभाव स्तंभन दोष के लिए सबसे उत्तम है योगाभ्यास।

स्तंभन दोष घरेलू उपचार:
हस्तमैथुन कभी भी न करें। पेशाब करते समय केगेल/कींगल एक्सरसाइज नियमित रूप से करें। कींगल एक्सरसाइज बचपन से ही करने की आदत डालनी चाहिए। कींगल एक्सरसाइज जब भी पेशाब करें थोड़ी करें फिर रोकें फिर करें फिर रोकें इस तरह से बीच-बीच में पेशाब छोड़े रोकें, छोड़े रोकें इससे कींगल मसल्स मजबूत होती है। और इस अभ्यास से पुरुष वीर्य, स्त्री रज अपनी इच्छानुसार छोड़ सकती हैं। मतलब इस योगाभ्यास से जितना समय तक सेक्स करना चाहें कर सकते हैं। योगाभ्यास से अपनी हर समस्या का निदान कर सकते हैं। और भी योगाभ्यास है जो कभी जवानी खत्म ही नहीं होने देती इस पर लेखनी अगल से लिखूंगा।
स्तंभन दोष एलोपैथी जांच और उपचार:
एलोपैथ में स्तंभन दोष की स्थित जानने के लिए दो तरह की टेस्ट होती है 1- Harmon test 2- semen analysis test इस टेस्ट के बाद एलोपैथ में इलाज होता है। टेस्ट में सीरोटोनि की मात्रा कम है तो पूर्ति के लिए खासकर Fluoxetine 20Mg, Seretraline 20Mg इन दोनों में से एक सुबह साम खाने से सीरोटोनि केमिकल पूरी करने में मदद मिलती है। सीरोटोनि केमिकल की मात्रा पूरी हो जाने पर भी शीघ्रपतन की समस्या कम हो सकती है।
मल्टी विटामिन की कमी से शीघ्रपतन है तो B-comlex, Vitamin – D, Omega 3 Fatty, Acid मे से कोई एक सुबह साम दूध के साथ सेवन करने से सीरोटोनि केमिकल की मात्रा पूरी होती है शीघ्रपतन से राहत मिलती है।

स्तंभन दोष आयुर्वेदिक उपचार:
आयुर्वेद में स्तंभन दोष की दवाईयां अच्छी खासी आती हैं जिसका शरीर पर ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होता आयुर्वेद चिकित्सक से अपनी समस्या बता दवा ले सकते हैं, हमारे मतानुसार इसका उपयोग करें लाभदायक होगा। शुद्ध शिलाजीत, कच्ची हल्दी, गाय के दूध के साथ। गाजर, अनार, चुकन्दर, अदरक, अजवाइन, प्याज, लहसुन, भरपूर मात्रा में हरा सब्जी का सेवन कर शीघ्रपतन से छुटकारा पाया जा सकता है। इस सबका प्रयोग विधि विस्तार से बताने पर लेखनी ज्यादा बड़ी होगी इसलिए अगले भाग में प्रयोग विधि।
स्तंभन दोष होम्योपैथी उपचार:
होम्योपैथ में एक लिक्विड आती है Celedium-30 इसको खाली पेट सुबह दोपहर साम तीन समय अपनी जिभ पर 10 बूँद लें। इससे सीरोटोनि की पूर्ति होती है और कींगल ग्रंथियां मजबूत होती है। शीघ्रपतन में सहायक होम्योपैथिक औषधि है। अपनी समस्या के अनुसार होम्योपैथिक डाक्टर से सलाह ले सकते हैं।
सुझाव:- ईडी स्तंभन दोष कोई बहुत बड़ी बीमारी नही है। हाकिमों के चक्कर में न पड़े हम न कभी कोई अग्रेजी दवा का सेवन किए न ही आप पाठकों को अग्रेजी दवा खाने का सुझाव दे सकते हैं। गूगल सर्च में समस्या से ग्रसित लोगों की खोज को ध्यान में रखकर सम्पूर्ण सटीक जानकारी देना हम लेखकों का दायित्व है। हमारे विचार से किसी भी समस्या में प्रयास करें अग्रेजी दवा का सेवन न करना पड़े, अग्रेजी दवा का साइड इफेक्ट पड़ना निश्चित है। अपने सूझबूझ से, हमारे द्वारा बताएं गये घरेलू उपचार योगाभ्यास से आप अपनी समस्याओं को ठीक कर सकते हैं। केगेल/कींगल एक्सरसाइज नियमित रूप से जरुर करें। जब जाने-अनजाने में गलत आदतों के कारण समस्या का खुद जन्म दिया जाता है तो भुक्तभोगी तो होना ही पड़ता है। कच्चे उम्र में ही गलत आदतें न पड़े इसलिए मेरे विचार से शिक्षा कि मुख्य धारा में प्राथमिक स्तर से स्थानीय भाषाओं में सेक्स एजुकेशन यौन शिक्षा पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाना अति आवश्यक है।
Click on the link सेक्स एजुकेशन पर विवाद क्यूँ? चित्रगुप्त वंशज अमित श्रीवास्तव की लेखनी पढ़ते के लिए यहां क्लिक किजिये।

