उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है इसके लिए 31 अगस्त का समय दिया है। आपको इस खबर की हर एक पहलू के बारे में जानकारी दी जा रही है इस आर्टिकल के जरिए। सबसे पहले आपको खबर बता दे कि उत्तर प्रदेश में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को चल-अचल संपत्ति का पूरा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। हालांकि बता दे कि विपक्ष इसको लेकर अपनी राजनीतिक गोटिया सेकने से पीछे नहीं हो रहा है। विपक्ष का कहना है कि इस तरह के नियम सही नहीं है लेकिन आपको बता दें कि सरकारी कर्मचारियों पर इस तरह के नियम लागू करना एक तरीके से सही है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपसे इस पर आगे बात करेंगे लेकिन उससे पहले खबर से रूबरू करवा दे।
लगातार बढ़ रहे जमीनों के दाम को लेकर लोगों में हरकंप मचा हुआ है। भ्रष्टाचार की जड़े इतनी लंबी अंदर तक फैली हुई है कि सरकार अपने आप इससे निपटने के लिए अपने सरकारी कर्मचारियों पर भी नकेल कसने की कवायत कर लिया है।
आपको बता दे कि किस तरह से बेनामी संपत्ति और अवेज संपत्ति भ्रष्टाचार की कमाई से बनाई जा रही है इस पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार का या कदम काबिले तारीफ है।
इसकी शुरुआत उन्होंने अपने सरकारी कर्मचारियों से शुरू कर दी है। आपको बता दे कि, मानव संपदा पोर्टल पर सभी सरकारी कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा दर्ज करने का निर्देश योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस समय उत्तर प्रदेश में अलग-अलग विभागों में काम करने वाले कुल कर्मचारियों की संख्या 1788429 है। आपको बता दे की कुल कर्मचारियों की संख्या का केवल 26 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही केवल चल और अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज कराया है। वही आपको बता दे कि उत्तर भारत इस देश का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला राज्य है। जहां पर सरकारी कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है। मजेदार बात यह है कि 13 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी उत्तर प्रदेश के मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण दर्ज नहीं किया है।
सरकारी कर्मचारियों की चल अचल संपत्ति का मांगा ब्योरा – भ्रष्टाचार पर बड़ा कदम:
आपको बता दे कि योगी आदित्यनाथ इस तरह के कड़े कदम भ्रष्टाचार से निपटने के लिए उठा रहे हैं। वही आपको बता दें क्या दिन हो या रात योगी उत्तर प्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो अपने कड़े कदमों के कारण जाने जाते हैं। बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ कमर कस ली है। वहीं आपको बता दे की सरकारी कर्मचारियों द्वारा उनकी संपत्ति का बुरा मांगने का फरमान इससे पहले भी जारी किया गया था लेकिन बार-बार तिथि बढ़ाने के कारण इस बार 31 अगस्त 2024 इस तिथि को निर्धारित किया गया है।
31 अगस्त 2024 तक नहीं दिया संपत्ति का विवरण तो नहीं मिलेगी सैलरी:

योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश दिया है कि अगर संपत्ति का विवरण 31 अगस्त 2024 तक मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया तो इस महीने की सैलरी नहीं दी जाएगी। आपको बता दे कि पारदर्शिता और जवाब देही देने के लिए इस तरह के कदम सरकार ने उठाया है। वही विपक्ष ने इस कदम की आलोचना की है।
क्यों मांगा जा रहा है संपत्ति का विवरण:
सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है। लगातार यह शिकायतें मिलती आ रही है कि सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकारी कर्मचारी की संपत्ति का विवरण इसलिए रखा जा रहा है ताकि पता चले की आय से अधिक संपत्ति उनके पास तो नहीं है। भ्रष्टाचार के बढ़ते हुए मामलों के कारण सरकार परेशान भी है।
भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस तरह के कड़े फैसले लेना उचित समझा है। जानकारी के मुताबिक लगातार भ्रष्टाचार के मामले दिखाई दे रहे हैं ऐसे में इस तरह का कदम उठाना सरकार के लिए आवश्यक हो गया है।